वैष्णो देवी हादसा आगरा के दीपक ने खोया पूरा परिवार

वैष्णो देवी भूस्खलन हादसे ने श्रद्धालुओं को गहरे सदमे में डाल दिया। आगरा के दीपक ने पूरे परिवार को खो दिया और अब वह खुद व पत्नी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।

वैष्णो देवी हादसा आगरा के दीपक ने खोया पूरा परिवार

वैष्णो देवी भूस्खलन त्रासदी आगरा के दीपक ने खोया पूरा परिवार, जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे पिता-पुत्री

वैष्णो देवी की पवित्र धरती पर हुआ भूस्खलन (Landslide) पूरे देश को गमगीन कर गया। यह आपदा न केवल कई श्रद्धालुओं की जिंदगी छीन ले गई बल्कि कई परिवारों को हमेशा के लिए अधूरा कर गई। इस त्रासदी की सबसे दर्दनाक कहानी सामने आई है उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी दीपक की, जिन्होंने एक ही हादसे में अपना पूरा परिवार खो दिया।

बेटी का मुंडन कराने पहुंचे थे परिवार सहित

दीपक और उनका परिवार माता वैष्णो देवी के दरबार में अपनी छोटी बेटी का मुंडन कराने पहुंचे थे। यह उनके जीवन का बेहद खास पल था, जिसके लिए वे लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कई बार इस यात्रा की योजना बनाई, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से रुकावट आ जाती थी। इस बार वे किसी तरह अपने माता-पिता, पत्नी, बच्चों और रिश्तेदारों के साथ वहां पहुंचे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि यह यात्रा उनके जीवन का सबसे बड़ा दर्द बन जाएगी।

हादसे की भयावह रात

दर्शन करने के बाद जब पूरा परिवार वापस लौट रहा था, तभी अचानक दीपक को शौचालय जाना पड़ा। उन्होंने परिवार को एक सुरक्षित जगह बैठा दिया और खुद चले गए। कुछ ही देर में अचानक जोरदार धमाके के साथ पहाड़ से पत्थर और मलबा गिर पड़ा। जब दीपक दौड़कर लौटे तो देखा कि उनका पूरा परिवार मलबे के नीचे दब चुका है।

खो दिया पूरा परिवार

इस हादसे ने दीपक से उनका सब कुछ छीन लिया।उन्होंने अपनी माँ और पिता को खो दिया।अपनी छोटी बेटी और साली को खो दिया।उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं और इलाज के दौरान उनका पैर काटना पड़ा।दीपक स्वयं और उनकी दूसरी बेटी अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं।

चेतावनी क्यों नहीं दी गई?

दीपक का कहना है कि अगर प्रशासन की ओर से समय रहते भूस्खलन की चेतावनी दी जाती तो शायद इतनी जानें बचाई जा सकती थीं। उन्होंने रोते हुए कहा कि उन्हें पहले से किसी भी खतरे की जानकारी नहीं दी गई, वरना वे परिवार को सुरक्षित स्थान पर ले जाते।

श्रद्धालुओं में डर और सवाल

यह हादसा हर उस परिवार के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो धार्मिक यात्राओं पर निकलते हैं। श्रद्धालुओं का सवाल है कि आखिर जब भूस्खलन क्षेत्र संवेदनशील घोषित है तो वहां सुरक्षा और अलर्ट सिस्टम क्यों नहीं था?

समाज और सरकार के लिए सबक

यह त्रासदी सिर्फ दीपक के परिवार तक सीमित नहीं रही। कई और परिवार भी इस हादसे में अपने प्रियजनों को खो बैठे। यह घटना सरकार और प्रशासन के लिए बड़ा सबक है कि प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए समय रहते चेतावनी प्रणाली और सुरक्षा प्रबंधन कितना जरूरी है।

दीपक की टूट चुकी उम्मीदें

दीपक ने मीडिया से कहा—"मैंने अपनी बेटी के मुंडन का प्लान कई बार बनाया था, लेकिन हर बार कोई न कोई वजह से टल जाता था। इस बार सोचा था माता रानी के दरबार से बेटी को आशीर्वाद दिलाऊँगा, पर किस्मत ने सब छीन लिया।"

वैष्णो देवी में भूस्खलन कब और कहाँ हुआ?
यह हादसा माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान कटरा मार्ग पर हुआ, जब अचानक पहाड़ से पत्थर और मलबा गिर पड़ा।
इस हादसे में सबसे ज्यादा प्रभावित कौन हुआ?
उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी दीपक का परिवार इस हादसे की सबसे दर्दनाक कहानी है, जिन्होंने एक ही पल में अपने माता-पिता, बेटी और साली को खो दिया।
दीपक का परिवार वैष्णो देवी क्यों गया था?
दीपक अपने परिवार के साथ छोटी बेटी का मुंडन कराने और माता रानी का आशीर्वाद लेने वैष्णो देवी पहुँचे थे।
हादसे में दीपक और उनके परिवार का क्या हाल हुआ?
दीपक ने अपने माता-पिता, बेटी और साली को खो दिया। उनकी पत्नी का पैर काटना पड़ा और वे स्वयं व उनकी दूसरी बेटी अभी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।
क्या प्रशासन ने भूस्खलन की चेतावनी दी थी?
दीपक का आरोप है कि किसी भी तरह की चेतावनी या अलर्ट श्रद्धालुओं को नहीं दिया गया था। उनका मानना है कि अगर समय रहते चेतावनी दी जाती तो कई जानें बच सकती थीं।
क्या वैष्णो देवी मार्ग भूस्खलन-प्रवण (Landslide Prone) क्षेत्र है?
जी हाँ, यह क्षेत्र संवेदनशील घोषित है। इसलिए यात्रियों का सवाल है कि यहाँ पर सुरक्षा और अलर्ट सिस्टम को मजबूत क्यों नहीं किया गया।
इस त्रासदी से क्या सबक लेना चाहिए?
यह हादसा दर्शाता है कि धार्मिक और पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था, अलर्ट सिस्टम और प्राकृतिक आपदाओं के प्रबंधन को और बेहतर बनाने की ज़रूरत है।