Vikram 3201 भारत का पहला स्वदेशी स्पेस प्रोसेसर विक्रम 3201 हुआ लॉन्च

भारत ने लॉन्च किया अपना पहला स्वदेशी स्पेस प्रोसेसर ‘विक्रम 3201’, जो रॉकेट और सैटेलाइट मिशनों के लिए नेविगेशन, कंट्रोल और मिशन मैनेजमेंट को मजबूत बनाएगा।

Vikram 3201 भारत का पहला स्वदेशी स्पेस प्रोसेसर विक्रम 3201 हुआ लॉन्च

सेमिकॉन इंडिया 2025 सम्मेलन में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत का पहला स्वदेशी स्पेस प्रोसेसर ‘विक्रम 3201’ पेश किया। इसे भारतीय सेमीकंडक्टर और अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमता में आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस प्रोसेसर का विकास भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी (SCL) के सहयोग से किया गया है।

विक्रम 3201 क्यों है खास?

‘विक्रम 3201’ एक 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है, जिसे विशेष रूप से अंतरिक्ष मिशनों की कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह –55 °C से +125 °C तक तापमान सहन कर सकता है। इसे रॉकेट और लॉन्च व्हीकल्स में नेविगेशन, कंट्रोल और मिशन मैनेजमेंट के लिए तैयार किया गया है। यह मिलिट्री-ग्रेड स्टैंडर्ड्स पर आधारित है और रेडिएशन तथा वाइब्रेशन जैसी कठिन परिस्थितियों में भी निर्बाध काम कर सकता है।

पहले इसरो ‘विक्रम 1601’ (16-बिट प्रोसेसर) का उपयोग कर रहा था। अब ‘विक्रम 3201’ न केवल 32-बिट आर्किटेक्चर लाता है, बल्कि इसमें 64-बिट फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन, Ada प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का सपोर्ट और ऑन-चिप 1553B बस इंटरफेस जैसी नई तकनीक शामिल है। इसे SCL की चंडीगढ़ यूनिट में 180-नैनोमीटर CMOS तकनीक से बनाया गया है।

स्पेस टेस्ट पहले ही सफलतापूर्वक पूरा

‘विक्रम 3201’ को PSLV-C60 मिशन में पहले ही सफलतापूर्वक टेस्ट किया जा चुका है। इसने PSLV Orbital Experimental Module (POEM-4) के मिशन मैनेजमेंट कंप्यूटर को संचालित किया। इस सफलता के बाद इसे आगामी लॉन्च व्हीकल्स में व्यापक रूप से अपनाया जाएगा।

इसरो ने इसी साल मार्च 2025 में दूसरा 32-बिट SPARC V8 RISC प्रोसेसर ‘कल्पना 3201’ भी लॉन्च किया, जो ओपन-सोर्स टूलचेन को सपोर्ट करता है। इसके अलावा, इसरो ने चार और स्वदेशी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण पेश किए हैं: दो Reconfigurable Data Acquisition Systems, एक Relay Driver IC और एक Multi-Channel Low Drop-out Regulator IC। ये उपकरण भारत की आयात निर्भरता कम करेंगे।

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम

स्पेस-ग्रेड प्रोसेसर आम तौर पर विदेशों से आयात किए जाते हैं। ‘विक्रम 3201’ के साथ भारत ने इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल कर ली है। इससे सप्लाई चेन बाधाओं और आयात निर्भरता में कमी आएगी। इसरो ने इसके लिए पूरा सॉफ्टवेयर ईकोसिस्टम भी तैयार किया है, जिसमें Ada कंपाइलर, असेंबलर, लिंकर्स, सिमुलेटर और डेवलपमेंट एनवायरनमेंट शामिल हैं। भविष्य में C कंपाइलर भी उपलब्ध होगा।

सेमिकॉन इंडिया 2025 में सेमीकंडक्टर पर फोकस

तीन दिन चलने वाले सेमिकॉन इंडिया सम्मेलन में प्रोसेसर लॉन्च के साथ ही सरकार ने घोषणा की कि देश में पांच नए सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण किया जा रहा है। डिजाइन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत भारत वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूती से अपनी स्थिति बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।

विक्रम 3201 क्या है?
विक्रम 3201 भारत का पहला स्वदेशी 32-बिट स्पेस माइक्रोप्रोसेसर है, जिसे विशेष रूप से रॉकेट और सैटेलाइट मिशनों के लिए बनाया गया है।
इसे किसने विकसित किया?
यह प्रोसेसर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और चंडीगढ़ स्थित सेमीकंडक्टर लेबोरेटरी (SCL) के सहयोग से विकसित किया गया है।
विक्रम 3201 की खासियत क्या है?
यह –55 °C से +125 °C तापमान सह सकता है, रेडिएशन और वाइब्रेशन जैसी कठिन परिस्थितियों में काम कर सकता है, और इसमें बिट फ्लोटिंग पॉइंट ऑपरेशन और Ada प्रोग्रामिंग सपोर्ट है।
विक्रम 3201 पहले किस मिशन में टेस्ट हुआ?
इसे PSLV-C60 मिशन में सफलतापूर्वक टेस्ट किया गया, जिसमें इसने PSLV Orbital Experimental Module (POEM-4) के मिशन मैनेजमेंट कंप्यूटर को संचालित किया।
क्या भारत ने अन्य स्वदेशी प्रोसेसर भी लॉन्च किए हैं?
हाँ, मार्च 2025 में ISRO ने ‘कल्पना 3201’ नामक दूसरा 32-बिट SPARC V8 RISC प्रोसेसर लॉन्च किया, जो ओपन-सोर्स टूलचेन को सपोर्ट करता है।
विक्रम 3201 से भारत को क्या लाभ होगा?
इससे भारत के रॉकेट और सैटेलाइट मिशन मजबूत होंगे, आयात निर्भरता कम होगी, और देश की सेमीकंडक्टर आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।
सेमिकॉन इंडिया 2025 में क्या घोषणा हुई?
सम्मेलन में बताया गया कि भारत में पांच नए सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण हो रहा है, जिससे देश वैश्विक सप्लाई चेन में मजबूत स्थिति बनाएगा।
इस प्रोसेसर के लिए सॉफ्टवेयर सपोर्ट क्या है?
ISRO ने Ada कंपाइलर, असेंबलर, लिंकर्स, सिमुलेटर और डेवलपमेंट एनवायरनमेंट विकसित किया है। भविष्य में C कंपाइलर भी उपलब्ध होगा।
विक्रम 3201 किस तकनीक से बनाया गया है?
इसे SCL की चंडीगढ़ यूनिट में 180-नैनोमीटर CMOS तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है, जो एयरोस्पेस एप्लिकेशन्स के लिए भरोसेमंद है।
विक्रम 3201 भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
यह भारत को स्पेस-ग्रेड प्रोसेसर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाता है, विदेशी आयात पर निर्भरता कम करता है और अंतरिक्ष मिशनों की विश्वसनीयता बढ़ाता है।