VIP numbers in UP : 7777, 9999 पाने का तरीका और रिफंड प्रक्रिया की पूरी जानकारी

उत्तर प्रदेश में अगर आप अपनी कार या थार के लिए VIP नंबर 7777, 9999, 1111 या 0786 लेना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको खास प्रक्रिया और फीस पूरी करनी होती है। कई बार तकनीकी दिक्कतों से पैसे फंस जाते हैं, ऐसे में सरकार रिफंड देती है। जानिए कैसे लें आवेदन, क्या है फीस, यूपी में क्यों हुआ विवाद और पैसा वापसी की प्रक्रिया।

VIP numbers in UP : 7777, 9999 पाने का तरीका और रिफंड प्रक्रिया की पूरी जानकारी

आजकल सड़कों पर चलते हुए आप कई गाड़ियों—कार, थार, SUV, या बाइक के पीछे कुछ खास नंबर प्लेट जरूर देखते होंगे। कोई गाड़ी 9999, 7777 या 1111 नंबर वाली दिखे तो मन में उत्सुकता जरूर आती है कि आखिर ऐसा नंबर मिलता कैसे है? उत्तर प्रदेश में हाल ही में ऐसे सुपर VIP नंबरों को लेकर बड़ा विवाद देखने को मिला, जहां हजारों लोगों के पैसे फंस गए। इस लेख में आपको 10 साल के अनुभव वाले रिपोर्टर की नजर से बताया जाएगा कि यूपी में VIP नंबर का पूरा नियम क्या है, कैसे होता है आवेदन, पैसा क्यों फंसा, और कैसे मिलेगा रिफंड।

 

VIP नंबर लेने का क्रेज और इसके पीछे की कहानी

VIP नंबर आज स्टेटस सिंबल बन गया है। गाड़ियों के नंबर में अगर 9999, 7777 या 0786 जैसा कोई यूनिक नंबर दिख जाए तो लोग देखते ही रह जाते हैं। ऐसे नंबर पाने के लिए आम लोगों से लेकर बड़े कारोबारियों, नेताओं और सेलेब्रिटीज में भी काफी होड़ रहती है। नंबर प्लेट पर 1111, 2222, 3333, 0786, 4444, 5555, 6666, 7777, 8888, 9999 जैसे नंबरों के लिए अलग रेट और अलग प्रक्रिया तय है।

 

उत्तर प्रदेश में VIP नंबर के लिए आवेदन कैसे करें?

अगर आप उत्तर प्रदेश में अपनी नई या पुरानी गाड़ी पर VIP नंबर लगाना चाहते हैं, तो आपको आरटीओ ऑफिस या सरकार की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए आवेदन करना होता है। अब बहुत राज्यों में ऑनलाइन प्रक्रिया लागू हो गई है। वहां आपको नंबर चुनना होता है और उसकी तय फीस ऑनलाइन भरनी पड़ती है।
VIP नंबरों की फीस आम नंबर से ज्यादा होती है। जैसे—9999, 7777, 5555, 2000 जैसे नंबरों के लिए अलग-अलग चार्ज तय है। फीस भरने के बाद आपको नंबर अलॉट होने की पुष्टि ईमेल या SMS के जरिए मिल सकती है।

 

VIP नंबर 7777, 9999 समेत स्पेशल नंबर की फीस कितनी है?

VIP नंबर की फीस राज्य सरकार तय करती है। उत्तर प्रदेश में 1111, 7777, 9999 जैसे नंबरों के लिए 10 हजार रुपये से लेकर लाखों तक चार्ज होता है। कुछ बड़े प्रीमियम नंबरों के लिए बोली (ऑक्शन) भी लगती है, जिसमें सबसे ज्यादा रकम देने वाले को नंबर मिल जाता है। राज्य के हर जिले के आरटीओ में ये फीस अलग-अलग हो सकती है।

 

VIP नंबर के लिए यूपी में क्यों फंसा लोगों का पैसा?

पंजाब, महाराष्ट्र या दिल्ली जैसे राज्यों में VIP नंबर लेने की प्रोसेस काफी सालों से ऑनलाइन चल रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में खास नंबरों के लिए पैसे फंसने की खबरें सामने आई हैं। लोगों ने 7777, 9999 जैसे नंबर के लिए फॉर्म भरा, फीस जमा की, लेकिन नंबर अलॉट नहीं हुआ।
इसका सबसे बड़ा कारण था—सिस्टम में तकनीकी दिक्कत या नंबर पहले ही अलॉट हो जाना। ऐसे बहुत से आवेदक हैं जिनका पैसा सरकार के खाते में चला गया, पर उनका नंबर नहीं मिला।

 

VIP नंबर न मिलने पर कैसे लें अपना रिफंड?

अगर आपने VIP नंबर के लिए फीस भरी है लेकिन वह नंबर आपको नहीं मिला तो निराश न हों। यूपी आरटीओ की वेबसाइट या दफ्तर में रिफंड का प्रोसेस होता है। आपको अपनी फीस का रसीद, आवेदन की कॉपी और नंबर अलॉट न होने की जानकारी सरकार के अधिकारियों को देनी होगी।
कुछ जिलों में ऑनलाइन रिफंड का विकल्प है, वहां पर वेबसाइट पर ही रिफंड का फॉर्म भर सकते हैं। वहीं कई जगह अभी तक मैन्युअल प्रक्रिया चल रही है, जिसमें आवेदन जमा करना होता है। सरकार 1-3 महीने में पैसा वापिस कर सकती है।

 

VIP नंबर लेने की कुछ जरूरी बातें और धोखा से बचाव

ऐसे नंबर लेने में जल्दबाजी न करें। वेबसाइट से ही सूची जांच लें कि नंबर उपलब्ध है या नहीं। किसी दलाल या एजेंट के झांसे में न आएं। फीस और उपलब्धता की पुष्टि आरटीओ दफ्तर से या सरकार की वेबसाइट से करें।
अगर आपको नंबर मिल गया तो गाड़ी की आरसी पर नंबर दर्ज हो जाएगा। नंबर न मिले तो रसीद और आवेदन संभाल कर रखें, जिससे रिफंड की पूरी जानकारी मिल सके।

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