विरार हादसा खुशियों का पल बदला मातम में!

विरार अपार्टमेंट हादसा: बेटी के जन्मदिन के पांच मिनट बाद बिल्डिंग ढही, 15 लोगों की मौत, एनडीआरएफ और स्थानीय नागरिक बचाव कार्य में जुटे, प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

विरार हादसा खुशियों का पल बदला मातम में!

विरार में अपार्टमेंट गिरने से 15 मौतें, बेटी का बर्थडे मनाते हुए हुआ हादसा

ये हादसा उस वक्त हुआ जब विरार (पूर्व) के विजय नगर में जॉयल परिवार अपनी मासूम बेटी उत्कर्षा का पहला बर्थडे मना रहा था.परिवार ने घर को सजाया, केक काटा और खुशी के पल तस्वीरों में कैद किए और तस्वीरों को अपने रिश्तेदारों को भी भेजा लेकिन केक काटने के महज पांच मिनट बाद ही रामाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा एक पास की चॉल पर ढह गया जिससे पूरा माहौल मातम में बदल गया. इस हादसे में मासूम उत्कर्षा और उनकी मां आरोही जॉयल की मौत हो गई, जबकि पिता ओंकार जॉयल का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका हैं
स्थानीय लोगों ने दिखाई हिम्मत

हादसे के तुरंत बाद, एनडीआरएफ की टीम के आने से पहले स्थानीय नागरिकों ने साहस दिखाते हुए मलबे से सात लोगों को बचाया। उनमें से कुछ को मामूली चोटें आईं जिन्हें नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। यह घटना साबित करती है कि स्थानीय लोगों की तत्परता ने कई जानें बचाई।

एनडीआरएफ और राहत कार्य

एनडीआरएफ की 5वीं बटालियन की दो टीमें, वसई-विरार महानगरपालिका की टीम और स्थानीय पुलिस दिन-रात राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। 30 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन मलबे में फंसे लोगों की तलाश और बचाव कार्य अभी भी जारी है।

अवैध निर्माण और प्रशासनिक लापरवाही

वसई-विरार शहर में अवैध और अनधिकृत इमारतों का जाल लगातार लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है। 15 दिन पहले भी एक अवैध निर्माण में कांच की स्लैब गिरने से दो मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बावजूद, स्थानीय प्रशासन की सुस्त कार्रवाई और लापरवाही पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

बिल्डर और जमीन मालिक पर FIR

पुलिस ने इस हादसे के लिए जिम्मेदार बिल्डर नितल गोपीनाथ साने और जमीन मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला महाराष्ट्र प्रादेशिक नगररचना अधिनियम की धारा 52, 53, 54 और भारतीय दंड संहिता की धारा 105 के तहत दर्ज किया गया है। अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

हादसे की भावनात्मक गूँज

यह हादसा केवल एक अपार्टमेंट गिरने की घटना नहीं है, बल्कि यह शहर में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह है। मासूम उत्कर्षा का पहला जन्मदिन खुशी और उत्साह में शुरू हुआ था, लेकिन कुछ ही मिनटों में पूरी खुशियों की दुनिया टूट गई। यह घटना हमें याद दिलाती है कि अवैध निर्माण और प्रशासनिक लापरवाही का दाम कई बार अनमोल जीवन के रूप में चुकाना पड़ता है।

विरार हादसा कब और कहाँ हुआ?
यह हादसा विरार (पूर्व) के विजय नगर में स्थित रामाबाई अपार्टमेंट में हुआ। जॉयल परिवार अपनी बेटी उत्कर्षा का पहला जन्मदिन मना रहा था।
इस हादसे में कितने लोग मरे?
इस भयानक हादसे में कुल 15 लोगों की मौत हुई है, जिनमें मासूम बेटी उत्कर्षा और उनकी मां आरोही जॉयल भी शामिल हैं।
पिता ओंकार जॉयल का क्या हाल है?
पिता ओंकार जॉयल का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है और एनडीआरएफ तथा स्थानीय प्रशासन उनकी तलाश कर रहा है।
क्या स्थानीय लोगों ने बचाव में मदद की?
हाँ, हादसे के तुरंत बाद स्थानीय नागरिकों ने साहस दिखाया और मलबे से सात लोगों को बचाया। इनमें से कुछ को मामूली चोटें आईं।
राहत और बचाव कार्य कौन कर रहा है?
एनडीआरएफ की 5वीं बटालियन, वसई-विरार महानगरपालिका और स्थानीय पुलिस दिन-रात बचाव और राहत कार्य में लगी हुई हैं।
हादसे के पीछे क्या कारण माना जा रहा है?
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हादसा अपार्टमेंट के अवैध या अनधिकृत निर्माण और कमजोर संरचना के कारण हुआ।
बिल्डर और जमीन मालिक के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
पुलिस ने बिल्डर नितल गोपीनाथ साने और जमीन मालिक के खिलाफ FIR दर्ज की है। मामला महाराष्ट्र प्रादेशिक नगररचना अधिनियम की धारा 52, 53, 54 और भारतीय दंड संहिता की धारा 105 के तहत दर्ज किया गया है।
क्या यह पहली बार है जब वसई-विरार में ऐसा हादसा हुआ?
नहीं, 15 दिन पहले भी एक अवैध निर्माण में कांच की स्लैब गिरने से दो मजदूरों की मौत हुई थी।
इस हादसे से क्या सीख मिलती है?
यह घटना याद दिलाती है कि अवैध निर्माण और प्रशासनिक लापरवाही जीवन के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। सुरक्षित और कानूनी निर्माण आवश्यक है।
इस हादसे के बाद प्रशासन ने क्या कदम उठाए हैं?
पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू की है, एनडीआरएफ और स्थानीय टीमों को बचाव कार्य के लिए लगाया गया है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।