विराट कोहली को रिटायरमेंट पर खुद लेना होगा फैसला – यह बात आज हर क्रिकेट चर्चा में गूंज रही है। भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली पिछले एक दशक से ज़्यादा समय से भारतीय क्रिकेट की पहचान बने हुए हैं। उनकी बल्लेबाजी, फिटनेस और जज़्बा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है। लेकिन जैसे-जैसे उम्र और अनुभव दोनों बढ़ रहे हैं, यह सवाल भी उठने लगा है कि आखिर विराट कब रिटायर होंगे।
विराट कोहली के आंकड़े बयान करते हैं उनका जलवा
अगर आंकड़ों की बात की जाए तो विराट कोहली के नाम 14 हजार से भी ज़्यादा वनडे रन हैं। उनकी औसत 57 से ऊपर है और उन्होंने 51 शतक और 74 अर्धशतक बनाए हैं। इतने शानदार रिकॉर्ड के साथ वह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं।
यह भी दिलचस्प है कि अपने पूरे करियर में विराट कोहली कभी लगातार दो बार शून्य पर आउट नहीं हुए। यह बात बताती है कि उनकी एक खराब पारी के बाद वह अगली बार कितनी तैयारी और आत्मविश्वास के साथ उतरते हैं।
विराट कोहली का खेल सिर्फ आंकड़े नहीं, एक जुनून है
विराट कोहली को रिटायरमेंट पर खुद लेना होगा फैसला क्योंकि उनका खेल सिर्फ रन बनाने की कहानी नहीं है, बल्कि यह जुनून, अनुशासन और समर्पण की मिसाल है। जब वह मैदान पर उतरते हैं तो ऐसा लगता है जैसे बाकी सब कुछ पीछे छूट गया है। उनका हर शॉट दर्शकों को जोश से भर देता है।
विराट के फैन्स हर मैच में उनसे वही पुराना एग्रेसिव रवैया देखने की उम्मीद रखते हैं जो उन्होंने पहले दिन से अपनाया हुआ है। यही वजह है कि क्रिकेट प्रेमियों और विशेषज्ञों की राय में यह फैसला सिर्फ विराट कोहली को ही लेना चाहिए कि वह कब मैदान को अलविदा कहें।
कभी-कभी थकान भी दिखती है लेकिन आग अब भी बाकी है
पिछले कुछ सालों में ऐसा समय भी आया जब विराट के बल्ले से शतक नहीं निकल रहे थे। आलोचकों ने कहा कि उनका समय अब खत्म हो रहा है। लेकिन विराट ने हर बार अपने खेल से जवाब दिया। 2022 में एशिया कप के दौरान जब उन्होंने लंबे इंतजार के बाद टी20 में शतक लगाया, तो यह साबित हो गया कि कोहली की दीवार अभी भी मज़बूत है।
क्रिकेट में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन विराट ने कभी हार नहीं मानी। यही कारण है कि आज जब लोग रिटायरमेंट की बात करते हैं, तो उनके समर्थक कहते हैं – “विराट कोहली को रिटायरमेंट पर खुद लेना होगा फैसला।”
टीम इंडिया के लिए अब भी हैं एक जरूरी खिलाड़ी
आज भी टीम इंडिया की बल्लेबाजी जब डगमगाती है, तो दर्शकों को भरोसा होता है कि अगर विराट क्रीज पर हैं, तो मैच अपने नियंत्रण में है। उनका अनुभव, मानसिक ताकत और खेल की समझ नयी पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए मार्गदर्शन जैसी है। कई युवा खिलाड़ी खुलेआम कहते हैं कि उन्होंने क्रिकेट खेलना ही कोहली को देखकर सीखा है।
कोहली ने अपने करियर में कप्तानी भी संभाली और टीम को विदेशों में ऐतिहासिक जीत दिलाई। उनकी फिटनेस स्टैंडर्ड ने पूरे भारतीय क्रिकेट को बदल दिया। ऐसे खिलाड़ी को सिर्फ प्रदर्शन के आधार पर या उम्र देखकर निर्णय नहीं देना चाहिए।
रिटायरमेंट कोई अंत नहीं, एक नई शुरुआत हो सकती है
विराट कोहली अगर कल को रिटायरमेंट की घोषणा करते हैं, तो वह अंत नहीं बल्कि एक नई शुरुआत होगी। शायद वह क्रिकेट से जुड़े रहेंगे – कोचिंग, मेंटरशिप या फिर किसी युवा टीम के मार्गदर्शक के रूप में। लेकिन यह फैसला अभी जल्दबाजी में नहीं होना चाहिए।
सचिन तेंदुलकर ने भी अपने समय में यह फैसला खुद लिया था, और उन्होंने वही किया जो उन्हें सही लगा। विराट के मामले में भी यही लागू होता है। किसी खिलाड़ी को यह एहसास सबसे पहले खुद ही होता है कि अब समय क्या कह रहा है। और अगर विराट को लगता है कि वह आगे भी देश के लिए योगदान दे सकते हैं, तो किसी को भी उनके बीच नहीं आना चाहिए।
क्रिकेट प्रेमियों की भावनाएं और विराट की जिम्मेदारी
क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, भारत में यह भावना है। विराट कोहली उस भावना का चेहरा हैं। जब वह मैदान पर आते हैं, तो करोड़ों आंखें टीवी स्क्रीन पर टिकी होती हैं। ऐसे में उनसे जुड़ाव सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है। वह लोगों की उम्मीदों के प्रतीक बन चुके हैं।
लेकिन हर खिलाड़ी की तरह, कोहली को भी अपने शरीर और मानसिक स्थिति को समझना होता है। लगातार यात्रा, मैच और फिटनेस बनाए रखना आसान नहीं। यही वजह है कि “विराट कोहली को रिटायरमेंट पर खुद लेना होगा फैसला” – यह सिर्फ एक लाइन नहीं बल्कि उनके करियर का सार है।
भविष्य की झलक – अभी बाकी है कोहली की कहानी
अगर हालिया फॉर्म की बात करें तो विराट अब भी भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज हैं। उन्होंने एकदिवसीय और टी20 दोनों में शानदार प्रदर्शन किया है। हाल के महीनों में उनकी फिटनेस और मैदान पर ऊर्जा बताती है कि वह अभी काफी कुछ देने वाले हैं।
शायद अगले वर्ल्ड कप में हम फिर से उस विराट को देखेंगे जो टीम को बड़े मंच पर जीत की ओर ले जाएगा। और अगर ऐसा होता है तो यह साफ है कि उनका रिटायरमेंट का सवाल फिलहाल बहुत दूर है।
फैसला खिलाड़ी का, सम्मान सबका
हर महान खिलाड़ी के करियर में एक समय आता है जब उन्हें खुद फैसला लेना होता है कि आगे क्या करना है। लेकिन विराट कोहली जैसे खिलाड़ी उस स्तर पर हैं जहां उनका एक फैसला करोड़ों लोगों की भावनाओं से जुड़ा है। इसीलिए यही कहा जा सकता है कि विराट कोहली को रिटायरमेंट पर खुद लेना होगा फैसला।
उनकी हर पारी, हर रन, हर जीत हमें याद दिलाती है कि यह सफर सिर्फ रिकॉर्ड्स का नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट के गौरव का हिस्सा है। और जब तक वह मैदान पर हैं, भारतीय टीम को हमेशा एक मजबूत सहारा मिलता रहेगा।
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