बेंगलुरु से सामने आया यह मामला समाज को हिलाकर रख देता है। यहां के एक प्रसिद्ध योग शिक्षक निरंजना मूर्ति पर उनकी छात्रा ने यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। छात्रा का कहना है कि 2023 के दौरान जब योगा कैंप और यात्रा के बहाने उसे थाईलैंड भेजने की बात हुई, तभी यह घटना घटित हुई। पीड़िता के अनुसार शिक्षक ने न केवल उसे नेशनल लेवल प्रतियोगिता से जुड़ी सुविधाएं और प्लेसमेंट का सपना दिखाया, बल्कि 2025 में ‘सनशाइन इंस्टीट्यूट’ में मेडल दिलाने का भी लालच दिया। जब बच्ची ने विरोध किया तो शिक्षक ने ढके-छिपे अंदाज़ में उसे चुप रहने को कहा।
छात्रा ने आखिरकार सारी हिम्मत जुटाकर पुलिस के पास जाकर शिकायत दर्ज कराई। बेंगलुरु पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज किया। पुलिस की ओर से यह साफ किया गया कि यह मामला एक साधारण छेड़छाड़ या बहकावे का नहीं है, बल्कि यह एक योजनाबद्ध शोषण है। पुलिस की कार्रवाई के बाद निरंजना मूर्ति, जो अपने छात्रों के बीच ‘डर्टी क्लास’ चलाने के लिए कुख्यात माना जाता था, हिरासत में ले लिया गया। दिल्ली और बेंगलुरु में ऐसे कई मामले पहले भी रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन यह घटना खास चर्चा में है क्योंकि इसमें पढ़ाई, प्रतियोगिता तथा विदेश यात्रा जैसे लुभावने झूठे वादों का इस्तेमाल किया गया।
थाईलैंड यात्रा का बहाना और मेडल का लालच
छात्रा की शिकायत के अनुसार, आरोपी ने सबसे पहले उसे यह विश्वास दिलाया कि योगा के क्षेत्र में बढ़ने और बड़े स्तर पर नाम कमाने के लिए उसे अलग राह बनानी होगी। इसी दौरान 2023 में एक थाईलैंड ट्रिप का बहाना बना और छात्रा से नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की गई। पीड़िता का कहना है कि इस यात्रा के दौरान उसके साथ कई बार गलत हरकत की गई। उसने विरोध किया, लेकिन वह शिक्षक को गुरु मानकर चुप रही। आरोपी ने इस दौरान लगातार यह भरोसा दिलाने की कोशिश की कि इन सबके बदले उसे आने वाले समय में नेशनल लेवल में मेडल और अच्छे प्लेसमेंट का अवसर मिलेगा।
2025 में यह घटना और गंभीर हो गई जब आरोपी ने छात्रा से ‘सनशाइन इंस्टीट्यूट’ में मेडल दिलाने का लालच देकर फिर से छेड़छाड़ की। छात्रा का कहना है कि मूर्ति ने कई बार कहा कि अगर वह उसके कहने के अनुसार चलेगी तो उसके करियर में हर मौका आसान हो जाएगा। लेकिन जब छात्रा ने स्थिति को समझा और खतरे को पहचाना, तभी उसने सबसे पहले अपने परिवार को बताया। परिवार ने भी उसे पुलिस तक ले जाने के लिए हिम्मत दी।
पुलिस की कार्रवाई और आरोपी की गिरफ्तारी
बेंगलुरु पुलिस ने जैसे ही छात्रा की शिकायत दर्ज की, तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस को खबर मिली कि आरोपी अक्सर उन छात्रों को निशाना बनाता था जो प्रतियोगिताएं जीतने और आगे बढ़ने का सपना देखते थे। अपनी ‘डर्टी क्लास’ के नाम से चल रही कक्षाओं में वह खुद को योग गुरु बताकर बच्चों को आकर्षित करता था। पुलिस ने रातोंरात छापेमारी की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। अब उस पर गंभीर धाराओं के साथ POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज है जिससे उसे आसानी से जमानत नहीं मिलेगी।
इस घटना ने पूरे योग प्रशिक्षक समुदाय को झकझोर दिया है। आमतौर पर योग को एक पवित्र साधना और आत्मा की शांति का मार्ग समझा जाता है, लेकिन जब कोई शिक्षक इसी साधना को ढाल बनाकर शोषण करता है तो पूरा विश्वास टूट जाता है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे चुप न रहें। अगर किसी छात्र या बच्ची के साथ इस तरह की स्थिति हो तो तुरंत थाने में जाकर मामला दर्ज कराएं।
समाज और परिवार की जागरूकता क्यों जरूरी है
इस घटना से सीख मिलती है कि अक्सर बच्चे किसी गुरु, शिक्षक या ट्रेनर को सही मानकर उसकी बातों में आ जाते हैं। यही भरोसा कुछ लोग गलत दिशा में मोड़ देते हैं। यहां निरंजना मूर्ति ने भी यही तरीका अपनाया, उसने प्रतियोगिता, विदेश यात्रा और मेडल जैसे आकर्षक सपनों का जाल बिछाया। बच्चे और उनके माता-पिता इन बातों में आकर कभी शक नहीं कर पाते। यह ज़रूरी है कि माता-पिता हर छोटे बदलाव पर ध्यान दें और बच्चों से खुले तरीके से बात करें ताकि बच्चे अपने अनुभव और दिक्कतें साझा कर सकें।
समाज को भी जागरूक बनकर ऐसे मामलों से निपटना चाहिए। मीडिया, स्कूल और संस्थानों को यह संदेश देना होगा कि किसी भी सूरत में शोषण करने वाले को छूट नहीं मिलनी चाहिए। खासकर प्रतियोगी शिक्षा, योग और खेल से जुड़े स्थानों पर बच्चों की सुरक्षा की विशेष जिम्मेदारी होती है।