डिजिटल दुनिया में एक बड़ी खबर आई है जो भारतीय यूट्यूबर्स के लिए बेहद खुशी की बात है। गूगल की कंपनी यूट्यूब ने भारत में अपने क्रिएटर्स को पिछले तीन सालों में कुल 21 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। यह रकम इतनी बड़ी है कि इससे कई छोटे शहरों का पूरा बजट बन सकता है।
यूट्यूब सीईओ का बड़ा खुलासा
इस साल मई महीने में यूट्यूब सीईओ नील मोहन ने यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि भारत में यूट्यूब क्रिएटर्स को 2021 से 2024 तक के तीन सालों में यह भारी रकम दी गई है। यह पैसा विज्ञापन की कमाई, सुपर चैट, चैनल मेंबरशिप और अन्य तरीकों से आया है। नील मोहन ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में भारतीय क्रिएटर्स में और भी ज्यादा निवेश करने की योजना है।
छोटे शहरों से निकले बड़े सितारे
इस पैसे की बदौलत भारत के कई छोटे शहरों और गांवों से आने वाले लोग आज करोड़पति बन गए हैं। जो लड़का पहले अपने घर में फोन से वीडियो बनाता था, आज वह बड़े स्टूडियो का मालिक है। भारतीय यूट्यूबर्स ने अपनी मेहनत और हुनर के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। खासकर हिंदी भाषा के क्रिएटर्स ने बहुत तरक्की की है।
किन तरीकों से मिलती है कमाई
यूट्यूब पर पैसे कमाने के कई तरीके हैं। पहला और सबसे मुख्य तरीका है एड रेवेन्यू, यानी विज्ञापन से मिलने वाली कमाई। जब लोग वीडियो देखते हैं तो उसमें जो विज्ञापन चलते हैं, उससे क्रिएटर को पैसा मिलता है। दूसरा तरीका है चैनल मेंबरशिप, जहां देखने वाले लोग मासिक फीस देकर खास सदस्य बनते हैं। तीसरा तरीका है सुपर चैट और सुपर थैंक्स, जिसमें दर्शक अपने पसंदीदा क्रिएटर को सीधे पैसा भेज सकते हैं।
भारत बना है यूट्यूब का सबसे बड़ा बाजार
आज भारत में यूट्यूब यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। यहां लगभग 46 करोड़ लोग नियमित रूप से यूट्यूब इस्तेमाल करते हैं। इसी वजह से यहां के क्रिएटर्स को ज्यादा व्यूज मिलते हैं और उनकी कमाई भी बढ़ती है। भारतीय दर्शक हिंदी, तमिल, तेलुगू, बंगाली और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में कंटेंट देखना पसंद करते हैं।
गांव से शहर तक फैली यूट्यूब की लहर
पहले केवल बड़े शहरों के लोग ही यूट्यूब पर वीडियो बनाते थे, लेकिन अब यह तस्वीर बदल गई है। छोटे गांवों से भी कई सफल यूट्यूबर्स निकले हैं। खेती-बाड़ी, खाना बनाना, गाना गाना, कॉमेडी करना जैसे रोजमर्रा के काम भी अब यूट्यूब पर लोकप्रिय हो गए हैं। एक किसान अपने खेत का वीडियो बनाकर लाखों रुपये कमा रहा है।
आने वाले समय की बड़ी योजनाएं
यूट्यूब ने भारत में क्रिएटर इकोसिस्टम को और मजबूत बनाने के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं। कंपनी अब शॉर्ट्स वीडियो पर भी ज्यादा फोकस कर रही है। इसके अलावा नए क्रिएटर्स को ट्रेनिंग देने और उन्हें बेहतर कंटेंट बनाने में मदद करने के लिए खास प्रोग्राम शुरू किए गए हैं। यूट्यूब स्पेसेज भी खोले गए हैं जहां क्रिएटर्स मुफत में वीडियो बना सकते हैं।
सफलता की कहानियां जो प्रेरणा देती हैं
भारत में कई यूट्यूब क्रिएटर्स की कहानियां बहुत प्रेरणादायक हैं। कुछ साल पहले तक जो लोग नौकरी की तलाश कर रहे थे, आज वे खुद दूसरों को काम दे रहे हैं। कई क्रिएटर्स ने अपनी टीम बनाई है और वे एक पूरा बिजनेस चला रहे हैं। इनमें से कुछ ने अपने यूट्यूब चैनल को ब्रांड बनाया है।
भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का कहना है कि यह केवल शुरुआत है। आने वाले सालों में डिजिटल इंडिया के बढ़ने से यूट्यूब की लोकप्रियता और भी बढ़ेगी। 5जी टेक्नोलॉजी के आने से वीडियो देखना और भी आसान हो जाएगा। इससे नए क्रिएटर्स को और भी अच्छे अवसर मिलेंगे। यूट्यूब अब केवल मनोरंजन का साधन नहीं रहा, बल्कि यह एक पूरा करियर विकल्प बन गया है।
21 हजार करोड़ रुपये का यह आंकड़ा दिखाता है कि भारत में क्रिएटर इकॉनमी कितनी तेजी से बढ़ रही है। यह न केवल व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि पूरे देश की डिजिटल प्रगति का प्रतीक भी है।