Zomato और HDFC Pension ने मिलकर शुरू किया NPS Platform Workers Model: गिग वर्कर्स को मिलेगा रिटायरमेंट का सुरक्षा कवच
भारत की अग्रणी फूड डिलीवरी कंपनी Zomato ने देश की सबसे बड़ी पेंशन फंड मैनेजमेंट कंपनियों में से एक HDFC Pension के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी के तहत कंपनी ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स के लिए ‘NPS Platform Workers Model’ की शुरुआत की है, जो देश के गिग वर्कर्स को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा (long-term financial security) प्रदान करेगा।
इस योजना के ज़रिए Zomato के डिलीवरी पार्टनर्स अब छोटे-छोटे योगदान देकर अपने लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत एक मजबूत रिटायरमेंट फंड बना सकेंगे। रिटायरमेंट के बाद ये वर्कर्स चाहें तो अपनी राशि एकमुश्त (lumpsum) प्राप्त कर सकते हैं या मासिक पेंशन के रूप में निकाल सकते हैं। साथ ही, इस योजना में पोर्टेबिलिटी (portability) का विकल्प भी मौजूद है, जिससे कोई भी वर्कर अपने करियर में आगे बढ़ते हुए अपनी पेंशन योजना को साथ लेकर चल सकता है।
डिजिटल इंटीग्रेशन से हुआ आसान रजिस्ट्रेशन
Zomato ने बताया कि इस पहल के तहत 30,000 से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स पहले ही 72 घंटों के भीतर अपना PRAN (Permanent Retirement Account Number) जनरेट कर चुके हैं। कंपनी का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक 1 लाख से अधिक डिलीवरी पार्टनर्स को NPS के तहत जोड़ा जाए।
डिजिटल प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए प्लेटफ़ॉर्म ने e-KYC और मौजूदा पहचान दस्तावेजों का उपयोग किया है ताकि गिग वर्कर्स को बार-बार दस्तावेज़ जमा न करने पड़ें। यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और पेपरलेस है, जिससे रजिस्ट्रेशन और फंड मैनेजमेंट दोनों ही सरल बन गए हैं।
गिग वर्कर्स के लिए Zomato की नई दिशा
Zomato के CEO आदित्य मंगला ने कहा, “HDFC Pension के साथ यह साझेदारी हमारे डिलीवरी पार्टनर्स को केवल रोज़गार ही नहीं बल्कि रिटायरमेंट सुरक्षा (retirement security) भी प्रदान करेगी। यह कदम भारत की गिग इकॉनमी (gig economy) को स्थिरता और सम्मान देने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।”
वहीं, HDFC Pension के CEO श्रीराम अय्यर ने कहा कि यह मॉडल उन लाखों वर्कर्स को औपचारिक वित्तीय सुरक्षा के दायरे में लाने का प्रयास है जो अब तक असंगठित क्षेत्र में काम करते थे।
NPS क्या है और यह कैसे काम करता है?
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक सरकारी समर्थित पेंशन योजना है, जिसमें निवेशक अपने भविष्य के लिए नियमित रूप से छोटी राशि जमा कर सकते हैं। यह निवेश चार मुख्य श्रेणियों में विभाजित होता है —
Equity (E): शेयर बाज़ार में निवेश, उच्च रिटर्न के साथ जोखिम भी अधिक।
Corporate Bonds (C): कंपनियों के डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश, स्थिर और मध्यम रिटर्न।
Government Bonds (G): सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश, कम जोखिम और स्थिर रिटर्न।
Alternative Investment Funds (A): REITs और InvITs जैसी योजनाओं में निवेश, जो विविधता प्रदान करती हैं लेकिन थोड़ी जटिल होती हैं।
NPS खाते के दो प्रकार
Tier I खाता:
यह मुख्य रिटायरमेंट खाता होता है, जिसमें टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं लेकिन निकासी पर कुछ सीमाएँ होती हैं।Tier II खाता:
यह एक वैकल्पिक बचत खाता है जो अधिक लचीला है, परंतु इसमें टैक्स लाभ नहीं मिलता।
निवेश के दो विकल्प — Active और Auto Choice
Active Choice: निवेशक खुद तय कर सकते हैं कि वे कितनी राशि किस एसेट क्लास में लगाना चाहते हैं।
Auto Choice: यह एक डिफ़ॉल्ट विकल्प है जिसमें निवेशक की उम्र के अनुसार फंड अलोकेशन अपने-आप तय होता है — उम्र बढ़ने के साथ जोखिम घटता जाता है।
गिग इकॉनमी में बदलाव की दिशा
Zomato और HDFC Pension की यह साझेदारी भारत में गिग वर्कर्स की सामाजिक सुरक्षा (social security) के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है। इससे उन लाखों डिलीवरी पार्टनर्स को आर्थिक स्थिरता और रिटायरमेंट का भरोसा मिलेगा, जो आज देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति दे रहे हैं।