Sudden death of Zubeen Garg : पर असम में तीन दिन का शोक, जांच में ऑर्गेनाइजर्स और मैनेजर पर FIR

असम के लोकप्रिय गायक जुबीन गर्ग की अचानक हुई मौत से पूरे राज्य में शोक की लहर छा गई है। उनके सम्मान में सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। पुलिस ने इस मामले में जुबीन के मैनेजर और फेस्टिवल ऑर्गेनाइजर्स के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुई यह घटना अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है, पर जांच में हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है ताकि न्याय हो सके।

Sudden death of Zubeen Garg : पर असम में तीन दिन का शोक, जांच में ऑर्गेनाइजर्स और मैनेजर पर FIR

असम के मशहूर गायक और रॉकस्टार कहे जाने वाले जुबीन गर्ग के अचानक निधन से क्षेत्र में गहरा शोक छा गया है। असम सरकार ने उनके सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। जुबीन गर्ग की मौत सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुई, जहां वे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में अपनी प्रस्तुति के लिए पहुंचे थे। उनके जाने से पूरे असम और देशभर में उनके प्रशंसक स्तब्ध हैं।

 

सिंगापुर में स्कूबा डाइविंग के दौरान हुआ दुखद हादसा, जांच जारी

जुबीन गर्ग की मौत की खबर सुनते ही असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया। बताया गया है कि जुबीन बिना लाइफ जैकेट पहने समुद्र में तैर रहे थे, तभी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और उन्हें लाइफगार्ड्स ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों ने सभी प्रयासों के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हादसे में जुबीन के साथ मौजूद सभी लोगों, जिसमें उनके मैनेजर और आयोजन समिति के सदस्य शामिल हैं, से पूछताछ की जाएगी।

 

ऑर्गेनाइजर्स और मैनेजर के खिलाफ FIR दर्ज, पुलिस कर रही गहन जांच

इस दुखद घटना के बाद असम पुलिस ने नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंता और जुबीन गर्ग के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा के खिलाफ मोरीगांव थाने में FIR दर्ज की है। पुलिस अब दोनों से पूछताछ के लिए तैयार है और जांच को सीआईडी के हवाले किया जा चुका है ताकि मामले की गहन जांच हो सके। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने साफ कहा है कि किसी भी लापरवाही या आपराधिक पक्ष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच के दौरान सभी तथ्यों को न्याय के तहत सामने लाया जाएगा।

 

जुबीन गर्ग के पार्थिव शरीर का असम में अंतिम संस्कार, जनता के लिए खुला सैलान

सिंगापुर में पोस्टमार्टम के बाद जुबीन का पार्थिव शरीर जल्द ही असम लाया जाएगा। असम सरकार ने उनके पार्थिव शरीर को गुवाहाटी के सरुसजाई स्टेडियम में अंतिम दर्शन के लिए रखने की व्यवस्था की है ताकि लाखों प्रशंसक उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। जुबीन गर्ग की बहुमुखी प्रतिभा और उनके योगदान को याद करते हुए असम की जनता ने उन्हें अंतिम विदाई देने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। परिवार और जनता की सहमति के बाद अंतिम संस्कार की तिथियां घोषित की जाएंगी।

 

जुबीन गर्ग की लोकप्रियता और संगीत में योगदान की कहानी

जुबीन गर्ग केवल एक गायक नहीं थे, बल्कि असम की संस्कृति के प्रतीक और सभी के प्रिय कलाकार थे। उनका गाना "या अली" और कई अन्य हिंदी व असमी गीत आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं। उन्होंने भारतीय संगीत जगत में अपनी आवाज और शैली से एक खास पहचान बनाई। दूर-दराज के इलाकों में भी जब जुबीन का गाना बजता था, लोगों की जुबान पर बस उनका नाम ही होता था। उनका जाना एक युग का अंत माना जा रहा है।

 

असम और देशभर में जुबीन गर्ग के लिए शोक की भावना

जुबीन गर्ग के दुखद निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा समेत कई दिग्गज नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। देशभर के संगीत प्रेमी और फैंस इस खबर से स्तब्ध हैं। असम में उनके नाम पर कई कार्यक्रम और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है। जुबीन की यादें और उनका संगीत हमेशा लोगों के दिलों से जुड़ा रहेगा।

 

जुबीन गर्ग मौत के मामले में विस्तृत जांच और भविष्य की कार्रवाई

जुबीन गर्ग की मौत के पीछे की असली वजह जानने के लिए असम सरकार ने जांच तेज कर दी है। मुख्यमंत्री ने सिंगापुर के अधिकारियों से भी इस मामले में सहयोग मांगा है ताकि सभी पहलुओं को समझा जा सके। अगर जांच में कोई आपराधिक तत्व सामने आता है तो इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने का भी आश्वासन दिया गया है। फैंस और जनता को न्याय मिलने का भरोसा दिया गया है, ताकि इस हादसे के कारण स्पष्ट हो सकें और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

 

जुबीन गर्ग के प्रियजनों और प्रशंसकों के लिए एक अमिट विरासत

जुबीन गर्ग के परिवार और प्रशंसक इस दौर से गुजर रहे हैं जहां वे उनके बिना जीवन की कल्पना नहीं कर पाते। उनके संगीत ने लाखों दिलों को छुआ और उन्हें जोड़ा। उनका निधन एक बड़ा नुकसान है, लेकिन उनकी कला और आवाज अमर रहेंगी। जुबीन गर्ग ने संगीत के माध्यम से असम और भारत की संस्कृतिक पहचान को विश्वस्तर पर पहुंचाया। उनके यादों को संजोना अब हम सभी की जिम्मेदारी है।