Agra flood :यमुना का कहर ताज व्यू प्वाइंट डूबा, सड़क पर जल रही चिताएं

यमुना में आई भीषण बाढ़ से आगरा की ऐतिहासिक धरोहरें खतरे में हैं। महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट डूबे, ताजमहल तक का रास्ता बंद, सड़क पर जल रही हैं चिताएं।

Agra flood :यमुना का कहर ताज व्यू प्वाइंट डूबा, सड़क पर जल रही चिताएं

आगरा इन दिनों यमुना के उफान से जूझ रहा है। बाढ़ ने न सिर्फ शहर की बस्तियों और कॉलोनियों को डुबो दिया है, बल्कि ऐतिहासिक स्मारकों तक को अपनी चपेट में ले लिया है। ताजमहल के आसपास के इलाके पानी से घिर गए हैं और हालात इतने खराब हैं कि अंतिम संस्कार के लिए भी जगह नहीं बची।

 

बाढ़ में डूबे स्मारक और पर्यटक स्थल

यमुना का पानी तेजी से बढ़ने के कारण मंगलवार को महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट डूब गए। दोनों जगहों पर पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। एत्माउद्दौला स्मारक के नदी किनारे बने 12 कमरे और आगरा किले की खाई में पानी भर गया है। ताजमहल का पश्चिमी गेट भी पानी से घिर चुका है, जिससे पार्किंग का रास्ता बंद हो गया है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और आगरा विकास प्राधिकरण ने हालात पर नजर रखते हुए स्मारकों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। अधिकारियों को डर है कि लंबे समय तक पानी भरा रहने से संरक्षित धरोहरों को नुकसान हो सकता है।

 

प्रभावित हुआ पर्यटन और स्थानीय जीवन

बाढ़ ने आगरा की 100 से ज्यादा कॉलोनियों को डुबो दिया है। हजारों लोग राहत शिविरों और रिश्तेदारों के घरों में शरण ले रहे हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ एक्सप्रेस-वे से आने वाले पर्यटकों के लिए ताजमहल तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। स्ट्रेची ब्रिज के नीचे चार फीट तक पानी भरा है, जिसमें गाड़ियां फंस रही हैं।

पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है। महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट जैसे लोकप्रिय स्थल बंद होने से आगरा विकास प्राधिकरण और ASI को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।

 

मोक्षधाम डूबे, सड़क पर हुए अंतिम संस्कार

सबसे दर्दनाक स्थिति अंतिम संस्कार स्थलों पर देखने को मिली। पोइया घाट और ताजगंज के मोक्षधाम पूरी तरह डूब गए हैं। विद्युत शवदाह गृह भी बंद पड़ा है। ऐसे में लोगों को सड़क और खुले मैदानों में चिताएं जलानी पड़ रही हैं।

खासपुर, जगनपुर और आसपास के गांवों से आने वाले परिवार अपने प्रियजनों के अंतिम संस्कार के लिए मोक्षधाम पहुंचे, लेकिन पानी भरा देख उन्हें शव को सड़क पर ही जलाना पड़ा। सूखी लकड़ी की किल्लत ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

ताजगंज मोक्षधाम में जहां रोजाना 20 से 25 अंतिम संस्कार होते थे, वहां अब मुश्किल से एक-दो शव ही लाए जा रहे हैं। वह भी मुख्य मार्ग पर ही दाह संस्कार करना पड़ रहा है।

 

पिछली बाढ़ की मार भी याद आई

यह पहली बार नहीं है जब यमुना ने धरोहरों और जीवन को इस तरह प्रभावित किया हो। 2023 में आई बाढ़ और बारिश के कारण यमुना किनारे स्थित जोहरा बाग का एक हिस्सा ढह गया था। रखरखाव की लापरवाही से वह स्मारक अब खंडहर में तब्दील हो चुका है।

 

प्रशासन की चुनौती

बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन हालात फिलहाल नियंत्रण में नहीं हैं। ASI स्मारकों की क्षति का आकलन यमुना का जलस्तर घटने के बाद ही कर पाएगा।

आगरा में यमुना की बाढ़ से कौन-कौन से स्मारक प्रभावित हुए हैं?
बाढ़ में महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट पूरी तरह डूब गए हैं। एत्माउद्दौला स्मारक के नदी किनारे बने कमरे और आगरा किले की खाई में भी पानी भर गया है।
क्या ताजमहल भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है?
ताजमहल के पिछले हिस्से का गार्डन और पश्चिमी गेट तक जाने वाला रास्ता पानी से घिर गया है। हालांकि मुख्य स्मारक फिलहाल सुरक्षित है।
बाढ़ का असर अंतिम संस्कार स्थलों पर कैसे पड़ा है?
पोइया घाट और ताजगंज के मोक्षधाम डूब चुके हैं। विद्युत शवदाह गृह भी बंद पड़ा है, जिससे लोग सड़क और खुले मैदानों में अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।
क्या पर्यटकों के लिए स्मारक स्थलों पर प्रवेश बंद है?
हाँ, महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अन्य स्मारकों पर भी बाढ़ का असर देखते हुए प्रवेश सीमित किया जा सकता है।
प्रशासन स्थिति को संभालने के लिए क्या कर रहा है?
प्रशासन राहत और बचाव कार्य चला रहा है। ASI बाढ़ का पानी घटने के बाद स्मारकों की क्षति का आकलन करेगा। प्रभावित कॉलोनियों के लोगों को राहत शिविरों में शरण दी जा रही है।