AIIMS ने रेसिडेंट डॉक्टरों के लिए 12 घंटे ड्यूटी रोस्टर लागू किया

AIIMS ने रेसिडेंट डॉक्टरों के लिए 12 घंटे ड्यूटी रोस्टर लागू किया, ताकि थकान और गलतियों को कम किया जा सके, लेकिन स्टाफिंग और रोटेशन चुनौतियां बनी हुई हैं।

AIIMS ने रेसिडेंट डॉक्टरों के लिए 12 घंटे ड्यूटी रोस्टर लागू किया

 AIIMS का बड़ा फैसला अब डॉक्टर करेंगे सिर्फ़ 12 घंटे ड्यूटी

12 घंटे ड्यूटी क्यों जरूरी?

भारत में रेसिडेंट डॉक्टरों की ड्यूटी अक्सर 16 से 24 घंटे तक होती है। लगातार इतनी लंबी ड्यूटी से थकान, तनाव और मेडिकल गलती का खतरा बढ़ जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह मुद्दा उठाया कि डॉक्टरों पर अत्यधिक ड्यूटी थोपना न केवल असंवैधानिक है, बल्कि मानवाधिकारों का उल्लंघन भी है।

डॉक्टरों के लिए फायदे

बेहतर स्वास्थ्य: कम समय तक लगातार काम करने से डॉक्टरों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहेगा।

गलतियों में कमी: थकावट कम होने से मरीजों की देखभाल में होने वाली गलतियों की संभावना घटेगी।

संतुलित जीवन: रोटेशन और हफ्ते में एक छुट्टी मिलने से डॉक्टरों को व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन के लिए समय मिलेगा।

चुनौतियाँ

स्टाफिंग की कमी: 12 घंटे ड्यूटी लागू करने के लिए अस्पतालों में अधिक रेसिडेंट डॉक्टरों की जरूरत होगी।

आपातकालीन स्थिति: एमरजेंसी में डॉक्टरों की कमी से सेवाओं पर असर पड़ सकता है।

रोटेशन मैनेजमेंट: प्रत्येक विभाग में समान रूप से 12 घंटे ड्यूटी लागू करना लॉजिस्टिकली चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

AIIMS की तैयारी

AIIMS ने सभी विभागाध्यक्षों और केंद्र प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे नए ड्यूटी रोस्टर को लागू करें और सुनिश्चित करें कि डॉक्टरों की ड्यूटी समयसीमा से अधिक न हो। इसके लिए अस्पताल प्रशासन को कर्मचारियों की संख्या, शिफ्ट प्लानिंग और इमरजेंसी बैकअप की व्यवस्था करनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट का दबाव

Supreme Court ने स्पष्ट किया है कि सरकार और मेडिकल संस्थान डॉक्टरों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए 1992 के निर्देश का पालन करें। यह निर्देश हर रेसिडेंट डॉक्टर के लिए अधिकतम 12 घंटे प्रतिदिन और 48 घंटे प्रति सप्ताह कार्य सुनिश्चित करता है।

AIIMS ने डॉक्टरों के लिए नया ड्यूटी नियम क्यों बनाया?
क्योंकि लंबे समय तक (16-24 घंटे) लगातार ड्यूटी से डॉक्टरों में थकान, तनाव और मेडिकल गलतियों का खतरा बढ़ जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक बताया।
नए नियम के तहत डॉक्टर कितने घंटे काम करेंगे?
अब रेसिडेंट डॉक्टर एक दिन में अधिकतम 12 घंटे और हफ्ते में 48 घंटे तक ड्यूटी करेंगे।
क्या डॉक्टरों को छुट्टी भी मिलेगी?
हाँ, नए नियम के तहत डॉक्टरों को हफ़्ते में कम से कम एक छुट्टी अनिवार्य रूप से दी जाएगी।
इस फैसले से डॉक्टरों को क्या फायदे होंगे?
बेहतर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, मेडिकल गलतियों में कमी और निजी/पारिवारिक जीवन के लिए संतुलन।
क्या इस नियम से अस्पतालों पर असर पड़ेगा?
हाँ, स्टाफ की कमी और शिफ्ट मैनेजमेंट की चुनौती रहेगी। इमरजेंसी परिस्थितियों में डॉक्टरों की संख्या कम पड़ सकती है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा है?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकार और मेडिकल संस्थान 1992 के ड्यूटी घंटे के निर्देशों का पालन करें और डॉक्टरों के अधिकारों की रक्षा करें।
AIIMS इस नियम को कैसे लागू करेगा?
AIIMS ने सभी विभागाध्यक्षों और केंद्र प्रमुखों को आदेश दिया है कि वे नए रोस्टर का पालन कराएँ और समयसीमा से ज़्यादा ड्यूटी न कराएँ।