Aishwarya Rai की AI से बनाई गईं तस्वीरें, एक्ट्रेस ने कोर्ट से की रोक लगाने की मांग

अप्राकृतिक तस्वीरों पर ऐश्वर्या राय का आपत्ति और सोशल मीडिया पर वायरल हुए एआई से बनाए गए फोटोज ऐश्वर्या राय की नकली तस्वीरें हाल ही में इंटरनेट पर तेजी से फैलीं, जिससे लोग भ्रमित हो गए। एक्ट्रेस ने इनसे अपनी छवि और प्राइवेसी को खतरा बताया।

Aishwarya Rai की AI से बनाई गईं तस्वीरें, एक्ट्रेस ने कोर्ट से की रोक लगाने की मांग

बॉलीवुड स्टार्स की लोकप्रियता ऐसी होती है कि उनका नाम, तस्वीर और अंदाज लाखों-करोड़ों लोग कॉपी करना चाहते हैं। लेकिन आज के डिजिटल दौर में तकनीक इतनी तेज़ है कि किसी की भी तस्वीर को बदलकर या पूरी तरह नया रूप देकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा सकता है। ऐसा ही मामला हाल ही में ऐश्वर्या राय बच्चन के साथ हुआ है। इंटरनेट पर उनके नाम और चेहरे का इस्तेमाल करते हुए कुछ एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से तैयार की गई तस्वीरें सामने आईं, जिन्हें देखकर अभिनेत्री ने सख्त ऐतराज़ जताया है।

 

अप्राकृतिक और भ्रामक तस्वीरों पर विवाद

ऐश्वर्या की लोकप्रियता केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उनकी एक अलग पहचान है। ऐसे में उनके नाम का दुरुपयोग किसी विवाद से कम नहीं। हाल ही में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उनकी ऐसी तस्वीरें शेयर की गईं जो वास्तव में उन्होंने कभी खिंचवाई ही नहीं थीं। विशेषज्ञों के मुताबिक ये तस्वीरें उन्नत एआई सॉफ्टवेयर से तैयार की गई थीं, जिनमें चेहरे की संरचना, एक्सप्रेशन और बैकग्राउंड को इस तरह से गढ़ा गया कि देखने वाले को यह असली लगे।

 

एक्ट्रेस ने उठाया कानूनी कदम

इन सब परिस्थितियों से नाराज़ होकर ऐश्वर्या राय ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा है कि तत्काल इन तस्वीरों को इंटरनेट और सोशल प्लेटफॉर्म्स से हटवाया जाए और भविष्य में ऐसे किसी भी दुरुपयोग पर रोक लगाई जाए। मामले की सुनवाई के दौरान एक्ट्रेस के वकीलों ने बताया कि बिना अनुमति किसी की छवि, नाम या पहचान का इस्तेमाल करना न सिर्फ गैर-कानूनी है, बल्कि यह व्यक्तित्व और प्राइवेसी के अधिकारों का भी हनन है।

"ऐश्वर्या राय चाहती हैं कि उनकी पहचान का गलत तरीके से उपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।"

 

डिजिटल युग में बढ़ती चुनौतियाँ

आज के समय में हर कोई इंटरनेट पर मौजूद है। सेलिब्रिटी की तस्वीरें और वीडियो वायरल होना आम बात है, लेकिन एआई तकनीक ने इस स्थिति को और जटिल बना दिया है। अब कोई भी व्यक्ति सेलिब्रिटी के चेहरे को किसी दूसरी तस्वीर पर चस्पा कर सकता है और उसे असली जैसा दिखा सकता है। इस प्रवृत्ति को ‘डीपफेक’ कहा जाता है, और यह न केवल सेलेब्रिटी बल्कि आम लोगों के लिए भी गंभीर खतरा बनती जा रही है।

भारत ही नहीं, पूरी दुनिया ऐसे मामलों से जूझ रही है। कई हॉलीवुड स्टार भी पहले शिकायत दर्ज करा चुके हैं कि उनकी तस्वीरों और वीडियोज का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। यह मामला सिर्फ मनोरंजन की दुनिया तक सीमित नहीं है, बल्कि राजनीति, व्यवसाय और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी इसके प्रभाव दिखाई देने लगे हैं।

 

कानून और नियम क्या कहते हैं

भारत में अभी तक ‘डीपफेक’ और डिजिटल मॉर्फिंग से जुड़े मामलों पर स्पष्ट और सख्त कानूनों की कमी है। हालांकि, IT Act और कुछ प्राइवेसी से जुड़े प्रावधान इन मुद्दों को आंशिक रूप से कवर करते हैं। लेकिन डिजिटल स्पेस में तेजी से बढ़ रही तकनीक के साथ इन नियमों को और मजबूत करने की मांग लगातार उठ रही है। ऐश्वर्या का यह कदम शायद आने वाले समय में इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल बन सकता है।

वकीलों और डिजिटल विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते ऐसे विवादों को काबू में नहीं किया गया तो भविष्य में यह समाज और खासकर सेलेब्रिटी के लिए बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर सकता है। क्योंकि फैंस अक्सर यह समझ ही नहीं पाते कि वे असली तस्वीर देख रहे हैं या झूठी।

 

सेलिब्रिटी की प्राइवेसी पर सवाल

एक तरफ जहां फैंस अपने पसंदीदा स्टार के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ स्टार्स को उनकी निजी जिंदगी सुरक्षित रखने का पूरा हक है। ऐश्वर्या राय जैसी हस्ती की तस्वीरें अगर बिना अनुमति इस तरह वायरल होंगी, तो यह न केवल उनके लिए भावनात्मक परेशानी का कारण बनेगा, बल्कि उनके पब्लिक इमेज पर भी असर डालेगा। कई बार ऐसे फेक कंटेंट ब्रांड्स और प्रोजेक्ट्स में भी प्रभाव डाल सकते हैं।

यही वजह है कि आज प्राइवेसी और डिजिटल अधिकारों पर एक ठोस और संगठित बहस जरूरी हो गई है। अदालत में दायर की गई ऐश्वर्या की याचिका महज एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि आने वाले समय के लिए समाज के सामने रखी गई चेतावनी है।

ऐश्वर्या राय ने कोर्ट में याचिका क्यों दायर की?
ऐश्वर्या राय ने अपनी नकली एआई तस्वीरों पर रोक लगाने और अपनी प्राइवेसी व पहचान की सुरक्षा के लिए कानूनी कदम उठाया है।
क्या एआई से बनाई गईं तस्वीरें गैर-कानूनी हैं?
अगर किसी की अनुमति के बिना उसकी पहचान या छवि का दुरुपयोग एआई से किया जाता है, तो यह गैर-कानूनी माना जा सकता है और कानूनी कार्रवाई संभव है।
डीपफेक (Deepfake) क्या होता है?
डीपफेक ऐसी तकनीक है जिसमें एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करके किसी भी व्यक्ति का चेहरा या आवाज दूसरी जगह चस्पा कर नकली कंटेंट बनाया जाता है।
क्या भारत में डीपफेक रोकने के लिए कानून मौजूद हैं?
भारत में अभी डीपफेक से निपटने के लिए कोई विशेष कानून नहीं है, लेकिन IT Act और प्राइवेसी संबंधित प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जा सकती है।
आम लोग इस तरह के फेक कंटेंट से कैसे बच सकते हैं?
लोगों को सतर्क रहना चाहिए, किसी भी वायरल तस्वीर या वीडियो पर भरोसा करने से पहले उसे सत्यापित करना आवश्यक है, और संदिग्ध कंटेंट मिलने पर रिपोर्ट करना सबसे अच्छा उपाय है।