देश के कई हिस्सों में फिलहाल लगातार हो रही भारी बारिश ने आम जनजीवन को काफी प्रभावित किया है। लगातार हो रही बरसात से नदियां उफान पर हैं, सड़कें जलमग्न हो गई हैं और आवागमन पर भी इसका असर पड़ा है। ऐसे हालात में बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई राज्य सरकारों और जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। सुबह से ही कई क्षेत्रों में बिजली कटौती और यातायात व्यवस्था प्रभावित होने के चलते अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर असमंजस में थे, ऐसे समय में प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय काफी राहतभरा कदम माना जा रहा है।
कहां-कहां स्कूल रहेंगे बंद
उत्तर भारत में इस समय मानसून काफी सक्रिय है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिले, हरियाणा के कई क्षेत्र और राजस्थान के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। वहीं मध्य प्रदेश और बिहार के कई जिलों में भी हालात सामान्य नहीं हैं। लखनऊ, गाज़ियाबाद, गुड़गांव, जयपुर और इंदौर सहित कई जगहों पर स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया है। बिहार के पटना और भागलपुर में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने के चलते आपदा प्रबंधन विभाग ने स्कूलों को बंद करने के आदेश सभी संबंधित अधिकारियों को दिए हैं।
प्रशासन का फैसला क्यों जरूरी
बरसात के मौसम में अक्सर आम जनता को जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से यह चुनौती और बढ़ जाती है। सुबह स्कूल बसों का समय और लगातार भारी बारिश के कारण उपजे हालात बच्चों की सेहत और उनकी यात्रा दोनों के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं। जलमग्न सड़कों पर सफर करना न केवल मुश्किल होता है, बल्कि दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है। इसी खतरे को देखते हुए प्रशासन ने बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए स्कूल बंद करने का निर्णय लिया है।
अभिभावकों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
अभिभावक ज्यादातर इस फैसले से सहमत नजर आए। उनका कहना है कि ऐसे समय में पढ़ाई से ज्यादा बच्चों की सुरक्षा अहम है। कई जगहों पर शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन कक्षाओं की भी व्यवस्था की है ताकि पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित न हो। वहीं शिक्षक और विद्यालय प्रशासन भी मानते हैं कि सुरक्षित माहौल के बिना शिक्षा देना न तो संभव है और न ही व्यावहारिक। कुछ अभिभावकों ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए प्रशासन को समय रहते निर्णय लेने के लिए धन्यवाद भी दिया है।
स्कूल बंद होने से छात्रों पर असर
एक ओर जहां स्कूल बंद होने से बच्चों को पढ़ाई का नुकसान उठाना पड़ता है, वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन कक्षाएं या घर पर पढ़ाई करने जैसी व्यवस्थाएं उनकी पढ़ाई को जारी रखती हैं। हालांकि ग्रामीण इलाकों में यह सुविधा सीमित है और वहां बच्चों को खासा नुकसान होता है। नगरों और महानगरों में इंटरनेट और डिजिटल क्लास की वजह से बच्चों को पढ़ाई में लगातार जुड़े रहने का मौका मिलता है, लेकिन इतना तो साफ है कि इस तरह के हालात लंबे समय तक जारी रहे तो शिक्षा की गति पर असर पड़ सकता है।
आपदा प्रबंधन विभाग की भूमिका
भारी बारिश के हालात से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग सक्रिय है। राहत शिविर लगाए जा रहे हैं, जलभराव वाले हिस्सों में पंपिंग सेट के जरिए पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा है और जिन जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन रही है वहां लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने की कोशिश हो रही है। साथ ही बच्चों को घर से बाहर न निकलने और अभिभावकों को सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है।
आने वाले दिनों का मौसम पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों के लिए भी कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में अगले 48 घंटों तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। इस वजह से यह मुमकिन है कि स्कूलों का अवकाश आगे भी बढ़ाया जा सकता है। प्रशासन ने फिलहाल हालात पर लगातार नज़र बनाए रखने और परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने की बात कही है।