Chhath Puja 2025: घर पर कैसे करें छठ व्रत? जानिए संपूर्ण विधि

Chhath Pooja 2025 इस साल 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर को संपन्न होगी। लोक आस्था का यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की आराधना का प्रतीक है। कई बार नदी या तालाब तक जाना संभव नहीं होता, लेकिन श्रद्धा और नियमों के साथ घर पर भी छठ पूजा की जा सकती है। इस लेख में जानिए घर पर छठ पूजा के नियम, विधि, और श्रद्धापूर्वक अर्घ्य देने का सही तरीका ताकि व्रत पूर्ण फलदायी हो सके।

Chhath Puja 2025: घर पर कैसे करें छठ व्रत? जानिए संपूर्ण विधि

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    लोक आस्था का पर्व छठ पूजा पर सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की जाती है और भक्त कठिन व्रत का संकल्प करते हैं. इस साल छठ पर्व 25 अक्टूबर से शुरू हो रहा है और 28 अक्टूबर को प्रातः अर्घ्य के साथ पूजा संपन्न हो जाएगी. चार दिवसीय छठ पूजा पर पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है, साथ ही इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाता है कि पूजा से जुड़े एक एक नियम का पालन कड़ई से किया जा सके. इस पर्व पर नदी घाट जातक सूर्य देव को अर्घ्य देने का नियम है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि आस पास नदी या सरोवर नहीं होता. ऐसी स्थिति में लोग घर पर ही छठ व्रत करें. ऐसे आइए इस कड़ी में विस्तार से जानें कि अगर घर में छठ व्रत कर रहे हैं तो इसके जरूरी नियम क्या है.

     

    छठ पूजा की पौराणिक मान्यता

    छठ पूजा का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। माना जाता है कि सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा से जीवन में सुख, संतोष और समृद्धि आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, महाभारत काल में कुंती और द्रौपदी ने भी संतान सुख और कठिन समय से उबरने के लिए छठ व्रत किया था। आज भी बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित पूरे भारत में Chhath Puja 2025 को बहुत श्रद्धा और रीति-रिवाजों से मनाया जा रहा है।

     

    अगर घाट नहीं जा सकते तो घर पर कैसे करें छठ पूजा

    हर साल लाखों लोग छठ के लिए नदियों और तालाबों पर जाते हैं, पर आज की व्यस्त जिंदगी या शहरों की स्थिति में हर किसी के लिए यह संभव नहीं होता। ऐसे में Chhath Puja 2025 के अवसर पर घर में ही पूजा करना भी उतना ही शुभ माना गया है। लेकिन इसके लिए जगह, साफ-सफाई, और नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। अगर श्रद्धा और सच्चे मन से पूजा की जाए तो घर की बालकनी, छत या आंगन में भी पूजा की जा सकती है।

     

    घर पर छठ पूजा के लिए स्थान की तैयारी

    घर पर छठ पूजा करते समय सबसे पहले एक पवित्र स्थान तैयार किया जाता है। अगर आंगन या बालकनी है तो वही सबसे बेहतर होता है। स्थान को गोबर या गंगाजल से पवित्र करें और वहाँ एक दीया जलाएं। पूजा स्थल पर सूर्य देव और छठी मैया की तस्वीर रखी जाती है। जगह इतनी होनी चाहिए कि अर्घ्य देने के समय सूर्य की किरणें दिख सकें या कम से कम आसमान खुला हो। Chhath Puja 2025 में स्वच्छता और सात्विकता पर सबसे अधिक जोर दिया जाता है।

     

    छठ पूजा के चार दिन का नियम

    छठ पूजा चार दिनों तक चलती है। यह नहाय-खाय से शुरू होकर उषा अर्घ्य पर समाप्त होती है। Chhath Puja 2025 में भी यही क्रम रहेगा। पहला दिन नहाय-खाय कहलाता है, जब व्रती गंगा स्नान या घर में स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करता है। दूसरे दिन खरना होता है, जिसमें गुड़ और दूध से बना प्रसाद बनता है। तीसरे दिन शाम को सूर्यास्त के समय अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत पूरा किया जाता है।अगर व्यक्ति घर पर पूजा कर रहा है तो प्रत्येक चरण को पूरी भक्ति के साथ निभाना चाहिए।

     

    घर पर छठ व्रत के अहम नियम

    जो भी व्यक्ति Chhath Puja 2025 का व्रत रखता है उसे शुद्ध आचरण अपनाना चाहिए। व्रती को पूरे चार दिनों तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है और घर में सात्त्विक खान-पान के नियम का पालन ज़रूरी है। पूजा से पहले घर की पूरी साफ-सफाई करें। पूजा में किसी भी प्रकार का लहसुन, प्याज या मांसाहार नहीं होना चाहिए। पूजा के दौरान लकड़ी के बर्तन, बांस की सुप, और मिट्टी के दीये का उपयोग शुभ माना जाता है। सबसे मुख्य बात यह है कि व्रती का मन पूरी तरह श्रद्धा और भक्ति से भरा होना चाहिए।

     

    घर की बालकनी या छत पर अर्घ्य कैसे दें

    अगर नदी या तालाब तक जाना संभव नहीं है, तो Chhath Puja 2025 के दौरान घर की बालकनी या छत पर भी सूर्य अर्घ्य दिया जा सकता है। इसके लिए एक साफ पवित्र पात्र में गंगाजल भरें। उगते और डूबते सूर्य की दिशा में खड़े होकर दोनों हाथों से अर्घ्य दें। पूजा के समय दूध, जल, और फल से बने प्रसाद का उपयोग करें। छोटे-छोटे दीये जलाकर सूर्य देव को नमस्कार करें और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करें। श्रद्धा ही इस पूजा की सबसे बड़ी शक्ति है।

     

    छठ पूजा 2025 में बनाए जाने वाले प्रसाद

    छठ पूजा के दौरान खास व्यंजन बनाए जाते हैं। इनमें ठेकुआ, रसीया, और कद्दू-भात प्रमुख हैं। Chhath Puja 2025 में घर पर पूजा करने वाले लोग भी यही प्रसाद बना सकते हैं। इन सभी व्यंजनों को बिना नमक और बिना लहसुन-प्याज के बनाया जाता है। यह प्रसाद पूरी तरह पवित्र माना जाता है और इसे छठी मैया और सूर्य देव को अर्पित किया जाता है। प्रसाद बनाते समय मन की शुद्धता और वातावरण की स्वच्छता बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

     

    घर पर छठ पूजा करने के लाभ

    आज के समय में जहां भागदौड़ और व्यस्तता अधिक है, ऐसे में घर पर छठ पूजा करना न केवल आसान है बल्कि सुखद भी है। घर पर पूजा करने से परिवार के सभी सदस्य एक साथ शामिल होते हैं और वातावरण में सकारात्मकता भर जाती है। Chhath Puja 2025 में अगर कोई महिला या पुरुष घर पर व्रत कर रहा है तो उसका आशीर्वाद उतना ही फलदायी माना जाता है जितना घाट पर जाकर पूजा करने से मिलता है। मुख्य बात श्रद्धा और भक्ति की होती है, स्थान का उतना महत्व नहीं जितना सच्चे मन का होता है।

     

    छठ पूजा 2025 आस्था और संयम का प्रतीक

    छठ पूजा सिर्फ एक धार्मिक कर्तव्य नहीं बल्कि जीवन अनुशासन का संदेश देती है। यह पर्व हमें सिखाता है कि किस तरह सादगी, संयम और स्वच्छता के साथ भी ईश्वर से जुड़ा जा सकता है। Chhath Puja 2025 में चाहे कोई घाट पर जाए या घर से सूर्य को अर्घ्य दे, असल मायने में पूजा की सफलता उसकी आस्था और सच्चे मन में छिपी होती है। इसलिए जो भी व्यक्ति इस बार घर में छठ कर रहा है, वह पूरे नियमों के साथ, मन को शांत रखते हुए, सूर्यदेव और छठी मैया की आराधना करें। इससे घर में सुख-समृद्धि और जीवन में संतुलन बना रहेगा।

     

    श्रद्धा हो तो घर ही बन जाता है घाट

    Chhath Puja 2025 उन लोगों के लिए भी खास है जो परिस्थितियों के कारण घाट तक नहीं पहुंच सकते। असली मायने में छठ व्रत श्रद्धा का पर्व है न कि स्थान का। अगर सच्चे दिल से पूजा की जाए तो घर का छोटा सा कोना भी गंगाघाट जैसा पवित्र हो जाता है। इस बार अगर आप घर पर छठ करने जा रहे हैं तो बस एक बात याद रखें – मन में श्रद्धा, कर्म में पवित्रता और वचन में सत्य होना जरूरी है। यही छठ पूजा की सबसे बड़ी भावना है।

    घर पर छठ व्रत करना कितना उचित है?

    कुल वोट: 0