दिल्ली के मौरिस नगर इलाके से एक बेहद खौफनाक मामला सामने आया है, जिसने हर किसी को हैरत में डाल दिया है। दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा अपनी कॉलेज की तरफ जा रही थी, जब उसी दौरान उसके साथ कैब ड्राइवर ने चलती कार के अंदर गंदी बातें और अश्लील हरकतें कीं। यह घटना न केवल छात्रा के लिए बल्कि दिल्ली के सभी नागरिकों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
कैसे हुई इस डरावनी घटना की शुरुआत?
22 वर्षीय छात्रा, जो बेंगलुरु की रहने वाली है और दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित अंबेडकर विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही है, सोमवार को कॉलेज जाने के लिए ऐप से कैब बुक करती है। कैब ड्राइवर का नाम शंकर है। शुरुआत में उसका व्यवहार सामान्य था पर जैसे-जैसे सफर आगे बढ़ा, उसने छात्रा के साथ छेड़छाड़ और अश्लील टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं।
क्या था उस दिल दहलाने वाले सफर का सच्चा मंजर?
चलिए, सोचिए अगर आप किसी सुरक्षित जगह पर होना चाहते हों और वहां खुद असुरक्षित महसूस करें, तो आपका दिल क्या कहेगा? ऐसा ही कुछ इस छात्रा के साथ हुआ। ड्राइवर ने बार-बार उसे छूने की कोशिश की और कार में ही हस्तमैथुन करने लगा। छात्रा ने कई बार शोर मचाया, गाड़ी रोकने को कहा, पर ड्राइवर ने बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया। आखिरकार, जब ड्राइवर ने विश्वविद्यालय के पास कार रोकी, तब छात्रा मौके का फायदा उठाकर बाहर भाग निकली।
छात्रा की सूझ-बूझ और पुलिस की तत्परता
शोर मचाने और डर के बावजूद छात्रा ने हिम्मत नहीं हारी। वह अपने परिचितों को बुलाकर मौरिस नगर पुलिस स्टेशन गई और लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत कदम उठाते हुए आरोपी ड्राइवर शंकर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसकी कैब को भी फॉरेंसिक जांच के लिए जब्त किया। शंकर मलकागंज का रहने वाला है और उसकी उम्र 48 साल बताई जा रही है।
ऐसे मामलों से कैसे बचा जा सकता है? क्या बस़ पुलिस से ही उम्मीद रखनी चाहिए?
यह तो तय है कि पुलिस पूरी कोशिश करती है, पर एक सवाल हर किसी के मन में आता है, क्या केवल पुलिस का भरोसा ही सही सुरक्षा की गारंटी है? ये हम सबकी ज़िम्मेदारी भी है कि किसी भी संदिग्ध व्यवहार पर तुरंत ध्यान दें और अपने आसपास के लोगों को सतर्क रखें। साथ ही, कैब बुक करते समय ड्राइवर की रेटिंग और पहचान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
मुहावरे भी याद आते हैं काम आते हैं — ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’
क्या यह कहावत इस मामले में भी फिट बैठती है? जब हम थोड़ा सावधान होते हैं तो कई मुसीबतों से बच जा सकते हैं। इस छात्रा की सतर्कता और हिम्मत ने बड़ा हादसा होने से बचाया। लेकिन यह सवाल हर उस महिला के लिए है जो ऐसे हालात का सामना कर रही हो, क्या उन्हें भी हिम्मत जुटानी चाहिए या फिर अपनी सुरक्षा के लिए पहले से कुछ खास इंतज़ाम करने चाहिए?
क्या दिल्ली की महिलाओं के लिए सुरक्षित हैं ये कैब सेवाएं?
दिल्ली जैसे महानगर में जहाँ हर रोज़ लाखों लोग कैब पर निर्भर होते हैं, क्या महिलाओं को इन सेवाओं पर भरोसा करना चाहिए? सरकार और संबंधित कंपनियों को चाहिए कि वे ड्राइवरों के सख्त बैकग्राउंड चेक करें, उनकी निगरानी बढ़ाएं और पीड़िता को सुविधा प्रदान करें ताकि वे खुलकर अपनी समस्या दर्ज करा सकें।
क्या दिल्ली पुलिस इस मामले में और कड़े कदम उठाएगी?
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और जांच जारी है। इसके साथ-साथ, पीड़िता के लिए काउंसलिंग भी शुरू करवाई जा रही है ताकि वह इस सदमे से उबर सके। आने वाले दिनों में उम्मीद की जा रही है कि पुलिस ऐसे मामलों में और ज्यादा सख्ती दिखाएगी और शहर की महिलाओं की सुरक्षा के लिए नई योजनाएं बनाएगी।
हम सबकी सोच क्या होनी चाहिए इस संदर्भ में?
क्या महिला सुरक्षा सिर्फ़ सरकारी व्यवस्था पर निर्भर है या हमें समाज के हर सदस्य के रूप में जागरूक होकर, असुरक्षा के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाने होंगे? खुद की और अपने परिवार की महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति को सचेत रहना होगा। साथ ही अपने आसपास किसी भी अनहोनी की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।
अंत में, एक आवाज़ जो हर दिल से उठनी चाहिए
यह दुखद घटना हमें लोगों की सुरक्षा की अहमियत फिर से याद दिलाती है। हमें अपने समाज में बदलाव लाने के लिए हर संभव कोशिश करनी होगी ताकि किसी भी महिला को ऐसा कोई दुःखद अनुभव न हो। महिलाओं को भी अपने अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा और किसी भी खतरे से डरकर चुप न रहना चाहिए। आइए, ऐसे काले धब्बों को हम सब मिलकर मिटाएं।












