गुलाब जामुन का नाम सुनते ही किसी के भी चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। यह मिठाई न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी बड़ी पसंद से खाई जाती है। गुलाब जामुन का स्वाद ऐसा होता है कि जिसे एक बार जो चख ले, वह इसे बार-बार खाने की इच्छा रखता है। चाहे त्योहार हो, शादी हो या कोई खास अवसर – गुलाब जामुन हर मौके की शान बन जाता है।
अगर ये बनाना है तो आप इस विडियो को देख सकते है
Gulab Jamun - This one is a foolproof recipe to make soft, melt in the mouth Gulab Jamuns. Try it out. #SKRecipespic.twitter.com/B4lxaN43P1
— Sanjeev Kapoor (@SanjeevKapoor) February 28, 2019
गुलाब जामुन का पुराना इतिहास और इसकी शुरुआत
यह जानना दिलचस्प है कि गुलाब जामुन की शुरुआत भारत में नहीं, बल्कि फारसी (ईरानी) संस्कृति से हुई थी। बाद में यह भारत में मुगल काल के समय आई। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इसे पहली बार भारत में मुगल खानसामों ने बनाया था। धीरे-धीरे यह पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया और आज यह हर राज्य की पहचान बन चुका है।
गुलाब जामुन बनाने की घरेलू विधि
गुलाब जामुन बनाना बहुत मुश्किल नहीं है। अगर थोड़ी धैर्य और सही मात्रा रखी जाए तो घर पर भी होटल जैसी मिठास तैयार की जा सकती है। गुलाब जामुन के लिए सबसे पहले आपको चाहिए – खोया (मावा), मैदा, और थोड़ा सा बेकिंग पाउडर।
खोए को अच्छी तरह गूंधें ताकि वह मुलायम हो जाए। फिर उसमें थोड़ा मैदा और बेकिंग पाउडर मिलाकर छोटे-छोटे गोल बॉल बना लें। दूसरी तरफ, एक पैन में चीनी और पानी डालकर चाशनी तैयार करें। इसमें थोड़ा सा गुलाब जल डाल दें जिससे खुशबू और स्वाद दोनों बढ़ जाएं। अब इन बॉल्स को धीमी आंच पर सुनहरे रंग का होने तक तलें और तुरंत गर्म चाशनी में डाल दें। कुछ देर भीगने के बाद मुलायम गुलाब जामुन तैयार हो जाएगा।
त्योहारों पर गुलाब जामुन का खास महत्व
भारत में कोई भी त्यौहार बिना मिठाई के अधूरा लगता है, और जब बात आती है गुलाब जामुन की, तो यह हर घर की पहली पसंद होती है। दिवाली, राखी, होली या शादी — हर मौके पर गुलाब जामुन जरूर परोसा जाता है। इसकी मिठास लोगों के रिश्तों की तरह जुड़ी होती है, जो सुख और एकता का प्रतीक बन जाती है।
अक्सर मेहमानों के स्वागत में जब तश्तरी में गर्मागर्म गुलाब जामुन परोसे जाते हैं, तो मेहमान खुद को रोक नहीं पाते। यही वजह है कि यह मिठाई केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि आतिथ्य और प्रेम का प्रतीक भी बन चुकी है।
बाजार में मिलने वाले गुलाब जामुन के अलग रूप
आज के समय में गुलाब जामुन ने कई नए रूप ले लिए हैं। पहले यह केवल मावे से बनते थे, लेकिन अब इसे पनीर से, ब्रेड से और यह तक कि सूजी से भी बनाया जाता है। कुछ जगहों पर इसे ड्राई फॉर्म में भी तैयार किया जाता है, जिसे लंबे समय तक रखा जा सकता है।
रेस्टोरेंट और मिठाई की दुकानों में अब गुलाब जामुन को आइसक्रीम, रबड़ी या कुल्फी के साथ मिलाकर परोसा जाता है। इस नए अंदाज़ ने पारंपरिक मिठाई को आधुनिकता में ढाल दिया है।
गुलाब जामुन खाने के स्वास्थ्य और पोषण के पहलू
हर मिठाई की तरह गुलाब जामुन भी सीमित मात्रा में खाना ही बेहतर होता है। इसमें शक्कर और मलाई की मात्रा अधिक होती है, लेकिन थोड़ी मात्रा में यह शरीर को ऊर्जा भी देता है। खासकर त्योहारों के दिनों में जब खुशियाँ मनानी हों, तो थोड़ा मीठा दिल को भी सुकून देता है।
बच्चे और बूढ़े दोनों इसे बहुत पसंद करते हैं। बच्चों को यह इसलिए अच्छा लगता है क्योंकि यह नरम और रसदार होता है, जबकि बड़ों को इसका देसी स्वाद भाता है।
विदेशों में गुलाब जामुन की लोकप्रियता
विदेशों में बसे भारतीयों के बीच गुलाब जामुन का जुनून कुछ कम नहीं हुआ है। UK, अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में भारतीय रेस्टोरेंट में इसे मुख्य डेज़र्ट के रूप में परोसा जाता है। कई पश्चिमी लोग भी अब इसे पसंद करने लगे हैं और भारतीय मिठाइयों के फैन बन चुके हैं।
जब विदेशी लोग पहली बार गुलाब जामुन का स्वाद लेते हैं, तो उन्हें इसकी मिठास और बनावट बहुत अलग लगती है। इस मिठाई ने पूरी दुनिया को भारतीय संस्कृति के स्वाद से जोड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
गुलाब जामुन का असली स्वाद तभी जब दिल से बनाया जाए
हर खाने की चीज़ में प्यार हो तो उसका स्वाद खुद-ब-खुद बढ़ जाता है। गुलाब जामुन बनाने वाले लोग अक्सर कहते हैं कि इसे बनाते समय प्रेम और धैर्य सबसे ज़रूरी चीज़ें हैं। तलने का समय, चाशनी की गर्मी और खोए की मुलायमता – इन सबका मेल ही असली गुलाब जामुन तैयार करता है। यही वजह है कि घर पर बनाया गया गुलाब जामुन हमेशा खास स्वाद देता है।
गुलाब जामुन सिर्फ एक मिठाई नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन चुका है। यह हर खुशी के मौके पर मिठास घोल देता है। इसके हर निवाले में स्नेह, प्यार और परंपरा झलकती है। चाहे घर की रसोई में बने या किसी बड़ी मिठाई की दुकान में — गुलाब जामुन हर जगह वही स्वाद, वही अपनापन लेकर आता है जो दिल को छू जाता है।