गुरुग्राम के प्रमुख इलाकों में लगातार घंटों बारिश होने के कारण सड़कों और सार्वजनिक परिवहन केंद्रों में अफरा-तफरी मची। विशेष रूप से सिकंदरपुर मेट्रो स्टेशन, जो कि एक प्रमुख इंटरचेंज पॉइंट है, सबसे ज़्यादा प्रभावित रहा। भारी बारिश और जलभराव के कारण यात्री ठसाठस भरे मेट्रो प्लेटफ़ॉर्म और रास्तों पर फँस गए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में यात्रियों को स्टेशन के सुरक्षा द्वारों और सीढ़ियों पर ठसाठस भरे हुए देखा जा सकता है। वीडियो में यह भी दिखाया गया कि टर्मिनलों को जोड़ने वाले रास्ते भी जाम हो गए थे, जिससे संभावित भगदड़ की आशंका बनी रही। X (पूर्व ट्विटर) पर एक यूज़र ने लिखा, "गुड़गांव में बाढ़, सिकंदरपुर दिल्ली मेट्रो इंटरचेंज पर भारी भीड़," और गुरुग्राम पुलिस को भी धन्यवाद दिया कि किसी तरह की आपदा नहीं हुई।
यूज़र ने आगे लिखा, "सड़क या रेल मार्ग से गुड़गांव से दिल्ली आना-जाना दिन-ब-दिन मुश्किल होता जा रहा है। आने वाले वर्षों में, जब तक बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे की योजना नहीं बनाई जाती, गुड़गांव के भीतर यात्रा करना लगभग असंभव हो सकता है।"स्टेशन के अंदर भीड़भाड़ के दृश्य और भी चिंताजनक थे। यात्री प्रवेश द्वारों और सीढ़ियों के पास फँसे हुए दिखाई दे रहे थे, क्योंकि वे अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे।
मुख्य मार्गों पर जलभराव और ट्रैफ़िक जाम
गुरुग्राम में भारी बारिश से NH8 जयपुर एक्सप्रेसवे, बादशाहपुर, मानेसर और सोहना सहित कई प्रमुख मार्गों पर पानी भर गया। तस्वीरों और वीडियो में पुलिस अधिकारियों को फंसे वाहनों को धक्का देते हुए और यातायात नियंत्रित करते हुए देखा गया।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने दोपहर और शाम के समय गरज, बिजली, तेज़ हवाओं और भारी बारिश का पूर्वानुमान देते हुए पीला अलर्ट जारी किया था। यह पूर्वानुमान सटीक साबित हुआ और दिल्ली-एनसीआर में अचानक अंधेरा छा गया, तेज़ बारिश हुई और तापमान में गिरावट दर्ज की गई।
यातायात पुलिस की प्रतिक्रिया
यातायात पुलिस ने पुष्टि की कि उन्हें कई कॉल मिलीं, जिसमें वाहन गहरे पानी में फँसे होने की जानकारी दी गई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यातायात को नियंत्रित किया और संभावित हादसों को रोका।
गुरुग्राम की यह स्थिति शहर की अपर्याप्त जल निकासी प्रणाली और भारी बारिश में बुनियादी ढांचे की कमी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए शहर में बड़े पैमाने पर जल निकासी और यातायात प्रबंधन के उपाय करने होंगे।