भारत के अपराध जगत का नाम मैनपाल लंबे समय से चर्चा में रहा है। कहते हैं कि यह शख्स कभी साधारण जिंदगी जीता था और ट्रैक्टर की मरम्मत का काम करके रोज़ी-रोटी कमाता था। लेकिन वक्त ने ऐसा मोड़ लिया कि वही व्यक्ति देश का सबसे खतरनाक गैंगस्टर बन गया। और कहानी में एक नया मोड़ तब आया जब इस कुख्यात अपराधी का दिल एक विदेशी महिला पर आ गया।
ट्रैक्टर मेकेनिक मैनपाल का साधारण जीवन और संघर्ष की शुरुआत
मैनपाल मूल रूप से एक किसान परिवार का बेटा था। घर की हालत बहुत बेहतर नहीं थी। इसी कारण उसने ट्रैक्टर और छोटे वाहन ठीक करने का काम सीखा। लोग उसे एक सादगीभरा लड़का मानते थे, जो रोज़ी-रोटी के लिए मेहनत करता था। लेकिन कहते हैं कि गरीबी और गलत संगत इंसान की जिंदगी बदल देती है। ऐसा ही कुछ उसके साथ हुआ। धीरे-धीरे वह गलत रास्तों पर खींचा चला गया।
अपराध की दुनिया में पहला कदम और छोटे अपराधों से शुरुआत
साधारण मेकेनिक से खतरनाक अपराधी बनने की उसकी राह छोटे अपराधों से शुरू हुई। चोरी, झगड़े और मारपीट जैसे मामूली अपराधों में उसने जल्द ही नाम कमा लिया। गांव और कस्बे के लोग उससे डरने लगे क्योंकि वह छोटी बात पर भी हिंसा पर उतर आता था। समय गुजरने के साथ वह छोटे-छोटे अपराधों से ऊपर उठकर बड़े अपराधों की साजिश रचने लगा।
कैसे बना मैनपाल भारत का खतरनाक गैंगस्टर और पुलिस की फाइलों में दर्ज हुआ नाम
जब उसके अपराध बढ़े तो पुलिस की निगाहें उस पर पड़नी ही थीं। कई थानों में उसके खिलाफ केस खुल गए। लूट, फिरौती और हत्या जैसे गंभीर मामलों में उसका नाम जुड़ने लगा। भारत का खतरनाक गैंगस्टर मैनपाल धीरे-धीरे पुलिस और मीडिया दोनों के लिए सुर्खी बन गया। उसकी दबंगई और अपराध जगत में पकड़ इतनी मजबूत हो गई कि लोग उसका नाम लेने से भी डरने लगे।
विदेशी महिला से मुलाकात और प्यार की अनोखी कहानी
अपराध के बीच उसका जीवन एक अलग दिशा में भी चला गया जब उसकी मुलाकात एक विदेशी महिला से हुई। कहा जाता है कि यह महिला भारत में रिसर्च के सिलसिले में आई थी। मुलाकातें हुईं, बातचीत बढ़ी और फिर यह रिश्ता प्यार में बदल गया। यह कहानी फिल्मों जैसी लगती है, जहां अपराधी इंसान प्यार में अपने असली रूप को कुछ देर के लिए भूल जाता है। मैनपाल का इस महिला से प्यार उसके जीवन का अजीब मोड़ साबित हुआ।
अपराध और प्यार के बीच दोहरी जिंदगी जी रहा था मैनपाल
एक तरफ अपराध और खून-खराबा, दूसरी तरफ प्यार और रिश्ते। यही दोहरे रोल में मैनपाल की जिंदगी गुजर रही थी। विदेशी महिला से मुलाकात उसे इंसानियत के करीब ले जाती थी, वहीं अपराध का रास्ता उसे और गहराई तक अपराध की दुनिया में धकेलता जा रहा था। कहा जाता है कि मैनपाल ने कई बार अपराध छोड़ने का मन बनाया, लेकिन गैंग की दुनिया से निकलना इतना आसान नहीं था।
गांव से लेकर शहर तक बना अपराध का बड़ा चेहरा
मैनपाल ने अपने गैंग के जरिए पूरे इलाके में डर का माहौल बना दिया। उसके लोग वसूली और फिरौती का काम करते थे। व्यापारियों से लेकर आम लोग तक उसके नाम से सहमे रहते थे। पुलिस उसकी तलाश में शहर-शहर छापेमारी करती थी लेकिन वह हर बार बच निकलता था। उसका नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका था कि जानकारी पुलिस तक पहुंचने से पहले ही उसे सब पता चल जाता था।
पुलिस के लिए सिरदर्द और जनता के लिए डर का कारण
जैसे-जैसे अपराधी दुनिया में उसका दबदबा बढ़ता गया, वैसे-वैसे पुलिस के लिए वह बड़ा सिरदर्द बन गया। मुकदमों की फेहरिस्त लंबी होने लगी। आम जनता उसके डर से चुप रहती और शिकायत करने से बचती। अखबारों में आए दिन उसका नाम छपने लगा और टीवी चैनलों पर उससे जुड़ी खबरें ट्रेंड करने लगीं। यह साफ हो गया कि मैनपाल सिर्फ इलाका भर का नहीं बल्कि देशभर में पहचाना जाने वाला अपराधी बन गया है।
विदेशी महिला और मैनपाल की प्रेम कहानी का अनजान पहलू
विदेशी महिला और मैनपाल की प्रेम कहानी ने हमेशा लोगों की दिलचस्पी बढ़ाई। कहा जाता है कि उस महिला ने कई बार उसे अपराध छोड़ने के लिए कहा लेकिन वह पूरी तरह से खुद को बदल नहीं सका। उसके लिए यह रिश्ता सुकून देने वाला था लेकिन अपराध जगत ने उसे चैन से जीने का मौका नहीं दिया। यह प्रेम कहानी अधूरी रह गई और समाज के लिए रहस्य छोड़ गई।
मैनपाल की गिरफ्तारी और अपराध का अंत
इतने बड़े अपराधी का अंत भी देर-सबेर होना ही था। पुलिस ने कड़ी मेहनत के बाद उसे गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के वक्त भी उसने विरोध किया लेकिन इस बार किस्मत ने उसका साथ छोड़ दिया। जेल की सलाखों के पीछे जाते ही उसका आतंक धीरे-धीरे खत्म हो गया। इसके साथ ही उसकी प्रेम कहानी भी अंधेरे में डूब गई।
नतीजा और सवाल जो रह गए अधूरे
मैनपाल की जिंदगी यह सोचने पर मजबूर करती है कि एक साधारण मेकेनिक आखिर कैसे भारत का खतरनाक गैंगस्टर बन गया। गरीबी, गलत संगत और हालात ने इसे एक सामान्य इंसान से अपराधी बना दिया। विदेशी महिला से उसका रिश्ता साबित करता है कि हर अपराधी के अंदर कहीं न कहीं एक इंसान छिपा होता है जो प्यार करना जानता है। सवाल यह है कि क्या समाज इस तरह के लोगों को दोबारा सामान्य जीवन जीने का मौका देता है? या फिर अपराध का रास्ता उन्हें हमेशा विनाश की ओर ही धकेलता है?