Punjab flood : शाहरुख खान ने की पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद 1500 परिवारों को मिला बड़ा सहारा

शाहरुख खान ने अपने मीर फाउंडेशन के ज़रिये पंजाब बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत अभियान शुरू किया है, जिसमें 1500 परिवारों को भोजन, दवाइयाँ और अस्थायी आश्रय प्रदान किया जाएगा।

Punjab flood : शाहरुख खान ने की  पंजाब बाढ़ पीड़ितों की मदद 1500 परिवारों को मिला बड़ा सहारा

पंजाब के कई ज़िलों में हाल की भीषण बारिश ने बड़ी तबाही मचाई है. खेतों में खड़ी फ़सलें बह गईं, कच्चे-पक्के घरों की दीवारें टूटकर बिखर गईं और सड़कों पर चौतरफ़ा पानी का सैलाब दिखाई दिया. ऐसे मुश्किल वक़्त में फ़िल्म जगत के ‘बादशाह’ शाहरुख खान ने आगे बढ़कर पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद का संकल्प लिया है. उनकी पहल से न सिर्फ़ राहत सामग्री पहुँच रही है, बल्कि लोगों को यह भरोसा भी मिल रहा है कि अकेले नहीं हैं. यह भरोसा आपदा के घाव पर मरहम जैसा काम कर रहा है.

 

बारिश के कहर से जूझ रहे गाँवों को मिला बड़े परदे के सितारे का सहारा, उम्मीद का नया सूरज निकला

शाहरुख खान ने आधिकारिक घोषणा कर बताया कि वह 1500 प्रभावित परिवारों की दैनिक ज़रूरतें पूरा करेंगे. उनका कहना है, “इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं; जब क़दम लड़खड़ाते हैं, तो मदद का हाथ थाम लेना ही असली जीत है.” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होते ही राज्य-भर में राहत शिविरों के बाहर हलचल बढ़ गई. लोग समझ गए कि अब केवल तत्काल खाने-पीने का सामान ही नहीं, बल्कि रहने, पढ़ाई और स्वास्थ्य की लंबी योजना भी बनेगी. प्रशासन ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा, “सिविल सोसाइटी के सहयोग से राहत का दायरा कई गुना बढ़ जाता है.”

 

मीर फाउंडेशन ने संभाला मोर्चा, ज़मीन पर उतरी टीम ने पहले ही दिन दर्ज़नों परिवारों तक राहत पहुँचाई

शाहरुख खान की परोपकारी संस्था ‘मीर फाउंडेशन’ ने सबसे पहले उन इलाक़ों की सूची तैयार की जिन्हें सड़क और बिजली कटने की वजह से बाहरी मदद कम मिल रही थी. संस्था के स्वयंसेवक ट्रैक्टर और नौकाएँ लेकर गाँव-गाँव पहुँचे. उन्होंने सूखे राशन, दूध पाउडर, दवाइयाँ, सैनिटरी किट और पीने का साफ़ पानी वितरित किया. हर परिवार से एक प्रतिनिधि का मोबाइल नंबर नोट किया गया ताकि दोबारा सामग्री भेजने में कठिनाई न हो. स्थानीय गुरुद्वारों को भी सामान दिया गया, क्योंकि वहीं पीड़ितों का सबसे बड़ा सहारा हैं.

 

दीर्घकालीन राहत योजना: अस्थायी शिविरों से आगे बढ़कर स्थायी घर, साफ़ पानी के हैंडपंप और स्कूल मरम्मत तक

मीर फाउंडेशन ने तीन-चरणीय योजना बनाई है. पहले चरण में भोजन, दवाइयाँ और कपड़े दिए जा रहे हैं. दूसरे चरण में अस्थायी शिविरों में रहने वालों के लिए बांस और टीन की सहायता से सुरक्षित ढांचे खड़े किए जाएँगे. तीसरे चरण में घरों की मरम्मत, टूटी किताबों की जगह नई किताबें और स्कूल भवनों के प्लास्टर का खर्च वहन किया जाएगा. फाउंडेशन के परियोजना प्रमुख ने बताया कि हर चरण में स्थानीय मज़दूरों को काम पर रखकर रोज़गार भी पैदा किया जाएगा. इस तरह राहत के साथ आर्थिक संबल भी मिलेगा.

 

गुरदासपुर से लुधियाना तक: सैकड़ों स्वयंसेवकों की टोली ने बाँटी दाल-चावल की थैलियाँ, दिल छू लेने वाली कहानियाँ सामने आईं

गुरदासपुर की रहने वाली सत्तर वर्षीय सुरजीत कौर ने रोते-रोते कहा, “घर में कुछ भी नहीं बचा था, बारिश ने सब बहा दिया. आज पहली बार गरम खाना मिला है.” वहीं लुधियाना के किशोर गुरप्रीत ने बताया कि उनकी गाय बह गई, लेकिन सहायता टीम ने उनके लिए चारे का पैकेट और साफ़ पानी की बोतलें भेजीं. ऐसी मानवीय कहानियाँ साबित करती हैं कि राहत सिर्फ़ सामान का नहीं, दिल का मामला है. शाहरुख खान की टीम ने भरोसे का यही पुल खड़ा किया है.

 

सिर्फ़ आज नहीं, कई सालों से जारी है शाहरुख का सेवा-सफर, कोविड से लेकर केरल बाढ़ तक हर मोर्चे पर निभाई ज़िम्मेदारी

शाहरुख खान का दानशीलता का इतिहास लंबा है. कोविड महामारी के दौरान उन्होंने मुंबई में बीएमसी को अपनी चार मंज़िला ऑफ़िस बिल्डिंग क्वारंटीन सेंटर बनाने के लिए दी थी. केरल की 2018 की बाढ़ में भी उनके ट्रकों ने राहत सामग्री पहुँचाई थी. अब पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की मदद करते हुए उन्होंने फिर दिखाया कि स्टारडम का असली मुकुट इंसानियत है. विशेषज्ञ मानते हैं कि जब प्रसिद्ध लोग आगे आते हैं तो आम लोग भी प्रेरित होकर छोटी-बड़ी मदद करने लगते हैं, जिससे राहत का दायरा तेज़ी से फैलता है.

 

पुनर्निर्माण का लंबा सफ़र: बच्चों की पढ़ाई, किसानों की नई बोवाई और छोटी दुकानों को वापस पटरी पर लाने की तैयारी

बाढ़ उतरने के बाद सबसे बड़ा सवाल रोज़ी-रोटी का होता है. फाउंडेशन ने स्कूलों के लिए स्टेशनरी किट, किसानों के लिए बीज और दुकानदारों के लिए शुरुआती पूँजी की व्यवस्था पर काम शुरू कर दिया है. विशेषज्ञों की सलाह से खेतों की मिट्टी की जाँच करवाई जाएगी ताकि बोवाई से पहले उर्वरक संतुलित हो सके. जिन परिवारों के मुख्य कमाने वाले का सामान बह गया, उन्हें छोटे-छोटे ब्याज-मुक्त ऋण दिलाए जाएँगे. इसके लिए सरकारी बैंकों से समझौता प्रक्रिया अंतिम चरण में है. जब तक जीवन फिर से रफ्तार न पकड़े, मेगा रसोईयाँ दस हज़ार लोगों को रोज़ का भोजन देंगी.

 

आम नागरिक भी हो सकते हैं सहभागी, डिजिटल दान पोर्टल से लेकर कपड़े और किताब भेजने तक कई रास्ते खुले

शाहरुख खान ने सोशल मीडिया पर एक लिंक साझा किया है जहाँ लोग दस रुपये से लेकर अपनी सामर्थ्य के अनुसार राशि जमा कर सकते हैं. जो लोग आर्थिक मदद नहीं कर सकते, वे साफ़ कपड़े, सूखी दालें या बच्चों की किताबें गुरुद्वारों के संग्रह केंद्रों पर दे सकते हैं. स्वयंसेवक बनने के लिए आधार कार्ड की कॉपी जमा करके पास मिलने पर बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में सेवा की जा सकती है. प्रशासन ने भी हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि सहायता पारदर्शी तरीके से पहुँचे. यह पहल बताती है कि आपदा कोई एक व्यक्ति या संस्था नहीं, पूरे समाज का इम्तिहान होती है.

 

एक सितारा, हज़ारों सपने और भरोसे की नई रोशनी

बाढ़ के पानी का स्तर भले ही धीरे-धीरे घट रहा हो, पर दर्द की लहरें अब भी ऊँची हैं. ऐसे समय में शाहरुख खान का यह कदम उन हज़ारों परिवारों के लिए रोशनी की किरण है जिनका सब कुछ मिट्टी में मिल चुका था. राहत और पुनर्वास का सफ़र लंबा है, मगर यह पहल दिखाती है कि जब दिल बड़ा हो तो दूरी और दिक़्क़तें छोटी पड़ जाती हैं. उम्मीद की यही लौ पंजाब के जलभराव को पीछे छोड़ते हुए आने वाले दिनों में एक नई सुबह लेकर आएगी.