उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहाँ 26 साल के एक युवक ने अपनी 52 वर्षीय प्रेमिका की हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार दोनों की मुलाकात इंस्टाग्राम पर हुई थी और महिला ने ऑनलाइन बातचीत के दौरान फिल्टर का इस्तेमाल कर खुद को कम उम्र का दिखाया था। जांच में यह भी सामने आया कि महिला शादी के लिए दबाव बना रही थी और 1.5 लाख रुपये वापस मांग रही थी, जिसके बाद वारदात हुई
इंस्टाग्राम पर शुरू हुई पहचान, फिल्टर से बनी गलतफहमी और रिश्ता हो गया खतरनाक मोड़ पर
पुलिस का कहना है कि दोनों करीब डेढ़ साल पहले इंस्टाग्राम पर मिले और बातचीत बढ़ने के बाद मुलाकातें भी होने लगीं। इस दौरान महिला ने सोशल मीडिया पर उम्र छुपाने के लिए फिल्टर का इस्तेमाल किया, जिससे युवक को लगा कि वह काफी कम उम्र की है। आगे चलकर सच्चाई सामने आने और निजी मांगों को लेकर तनाव बढ़ा, जो अंत में हिंसा में बदल गया
शादी और पैसे लौटाने का दबाव, 1.5 लाख रुपये का लेन-देन और उसी दिन हुआ क़त्ल
मामले की जांच में सामने आया कि महिला ने युवक को लगभग 1.5 लाख रुपये दिए थे। वह पैसे लौटाने के साथ शादी पर भी जोर दे रही थी। आरोप है कि इसी बहस के दौरान युवक ने दुपट्टे से गला दबाकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है
मैनपुरी पुलिस ने कॉल डिटेल से सुलझाई गुत्थी, आरोपी गिरफ्तार, कबूलनामे में जुर्म का ज़िक्र
यह मामला पहले ब्लाइंड मर्डर माना जा रहा था, क्योंकि पहचान तुरंत नहीं हो सकी। बाद में कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगालकर पुलिस आरोपी तक पहुँची। पूछताछ में युवक ने रिश्ता, पैसों के लेन-देन और उस दिन हुई बहस का ज़िक्र करते हुए वारदात कबूल की। पुलिस ने महिला के दो मोबाइल भी बरामद किए और सिम हटाए जाने की बात कही है
परिवार और पृष्ठभूमि: चार बच्चों की मां थी पीड़िता, सोशल मीडिया की दोस्ती बनी भारी
रिपोर्ट्स के मुताबिक महिला फर्रुखाबाद की रहने वाली थी और विवाहित थी, परिवार में चार बच्चे हैं। सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती धीरे-धीरे निजी मुलाकातों में बदल गई। रिश्ते की यही परतें आगे चलकर विवाद, आर्थिक तनाव और अंततः अपराध की वजह बनीं—यह बात पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आई है
कानूनी कार्रवाई: हत्या के मामले में केस दर्ज, आगे की जांच जारी, डिजिटल सबूतों का सहारा
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर हत्या की धाराओं में केस दर्ज किया है। डिजिटल साक्ष्यों—कॉल रिकॉर्ड, चैट हिस्ट्री और लोकेशन डेटा—के आधार पर केस को पुख्ता किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार आगे की कार्रवाई कानूनी प्रक्रियाओं के मुताबिक होगी और चार्जशीट की तैयारी शुरू है
सावधानी और सीख: ऑनलाइन पहचान, इंस्टाग्राम फिल्टर और हकीकत के बीच दूरी खतरनाक हो सकती है
यह मामला एक चेतावनी भी है कि सोशल मीडिया पर बने रिश्तों में डिजिटल दिखावे और हकीकत के बीच बड़ा फर्क हो सकता है। उम्र, पहचान और आर्थिक लेन-देन जैसे संवेदनशील पहलुओं में पारदर्शिता जरूरी है, वरना गलतफहमियाँ हिंसा तक पहुँच सकती हैं—जैसा कि इस प्रकरण में सामने आया