पहाड़ों पर बारिश और हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया पानी बना आफत, मथुरा और दिल्ली पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश और बर्फबारी ने हालात को गंभीर बना दिया है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे की रेखा के करीब पहुँच चुका है। स्थिति और चिंताजनक हो गई है क्योंकि हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसका असर सीधे तौर पर मथुरा और दिल्ली जैसे क्षेत्रों में देखा जा रहा है।
मथुरा के जयसिंहपुरा में बाढ़ जैसे हालात
मथुरा के जयसिंहपुरा इलाके में पानी घरों के अंदर घुस चुका है। पूरी कॉलोनी तालाब में तब्दील होती जा रही है और लोग अपने ही घरों में कैद हो गए हैं। ग्रामीणों ने आशंका जताई है कि अगर यमुना का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो उन्हें मजबूरी में पलायन करना पड़ेगा।स्थानीय निवासियों का आरोप है कि प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है। न तो नाव की व्यवस्था है और न ही सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन। इससे लोगों में डर और गुस्सा दोनों बढ़ रहे हैं।
दिल्ली के लिए खतरे की घंटी
केवल मथुरा ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भी बाढ़ के खतरे से जूझ रही है। यमुना नदी का जलस्तर दिल्ली में भी लगातार बढ़ रहा है। निचले इलाकों में पानी घुसने से कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा है।दिल्ली के पुराने पुल (लोहे का पुल) के पास पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है और विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि यमुना जल्द ही खतरे की रेखा पार कर सकती है। अगर पानी का बहाव और तेज हुआ तो आईटीओ, कश्मीरी गेट, मजनूं का टीला जैसे इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है।
प्रशासन की चुनौती
बढ़ते जलस्तर के कारण प्रशासन के सामने राहत और बचाव कार्य की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। हजारों लोग प्रभावित हैं और यदि हालात बिगड़े तो जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो सकता है।