क्योंकि नई जेनरेशन की महिंद्रा स्कॉर्पियो N और पुरानी स्कॉर्पियो क्लासिक दोनों ही काफी अच्छी बिक रही हैं, इसलिए हम आपको यह तय करने में मदद करेंगे कि आपको कौन सी कार चुननी चाहिए।
दिलचस्प बात यह है कि मार्केट में कारों जैसी फ्रंट-व्हील-ड्राइव SUVs की भरमार होने के बावजूद, क्लासिक का सबसे बड़ा और एकमात्र मुकाबला उसकी अपनी ही कंपनी की 7-सीटर स्कॉर्पियो N से है, क्योंकि दोनों ही मज़बूत 7 -सीटर SUVs हैं जो खराब रास्तों पर आसानी से चल सकती हैं। क्लासिक के उलटा , महिंद्रा स्कॉर्पियो N में कई पावरट्रेन ऑप्शन मिलते हैं: पेट्रोल मैनुअल और ऑटोमैटिक, साथ ही डीज़ल मैनुअल और ऑटोमैटिक, और 4x4 का ऑप्शन भी मिलता है । यह सब कई वेरिएंट में उपलब्ध है। खास बात यह है कि स्कॉर्पियो N के डीज़ल मैनुअल रियर-व्हील-ड्राइव वेरिएंट की कीमत ₹12.49 लाख से ₹19.49 लाख के बीच में है, जिसमें कुछ वेरिएंट क्लासिक की प्राइस रेंज से ओवरलैप करते हैं। तो सवाल यह उठता है कि क्या क्लासिक को स्कॉर्पियो N के साथ कोई खरीदार मिलेंगे? यह जानने के लिए, हम दोनों स्कॉर्पियो को एक साथ लाते हैं।
महिंद्रा स्कॉर्पियो N vs स्कॉर्पियो क्लासिक : बाहरी

क्लासिक साफ़ तौर पर एक स्कॉर्पियो है, और इसका लुक काफी डरावना है। 2022 में इसके लुक को बेहतर बनाने के लिए कुछ स्टाइलिंग बदलाव किए गए थे, लेकिन यह अपनी ऊंची, दमदार बनावट और पारंपरिक स्कॉर्पियो स्टाइलिंग फीचर्स जैसे बोनट स्कूप, मोटे साइड क्लैडिंग, घुमावदार छत और खास रूफ रेल्स को बरकरार रखती है

क्लासिक के साथ स्कॉर्पियो N और एक इवोल्यूशन जैसी दिखती है जो कि कुछ खास डिजाइन एलिमेंट्स एंड मॉडर्निटी का टच जोड़ती है जिसमें हेड लैंप फ्रंट ग्रील छत में मोड साथ ही रूफ रेल्स का बेसिक से बरकरार है हालांकि इसमें काम बॉडी लाइंस और एक साफ प्रोफाइल है जिसमें 18एइंच के एलॉय व्हील्स क्रोम विंडो और बैल वॉइस एलईडी टैलेंट्स जैसा एक एलिमेंट्स भी है और तो और स्कॉर्पियो N क्लासिक से काफी लंबी और चौड़ी भी है लेकिन क्लासिक लंबी है और स्कॉर्पियो N की विंडो स्क्रीन थोड़ी ज्यादा झुकी हुई है इसलिए क्लासिक जितनी शानदार नहीं दिखती
महिंद्रा स्कॉर्पियो N vs क्लासिक: इंटीरियर

क्लासिक के केबिन में घुसते ही आपको 2000 के दशक की शुरुआत की याद आ जाती है जहां स्टोरेज एरिया चार्जिंग की सुविधा और यहां तक की फिट फिनिश पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था इसका बॉक्सी साइज , वेज इंटीरियर, एक फ्लैट डैशबोर्ड जो प्रोफाइल में पूरी तरह से घुसा हुआ है और बड़ा गिलास एरिया यह सब से और भी बड़ा दिखाते हैं सेंटर कंसोल पर चमकदार फॉक्सवुड और एक बड़ा 9.0 इंच का एंड्रॉयड बेस्ड टच स्क्रीन क्लासिक में यह एक नए फीचर हैं लेकिन क्लासिक में एप्पल कारप्ले या एंड्राइड ऑटो के जरिए स्मार्टफोन इंटीग्रेशनकी कमी है मलिक इसकी शानदार सिटिंग पोजिशन बाहर का शानदार नजारा और सिंघाशन जैसे आगे की सीटों की तारीफ करेंगे आगे की सीटों के लिए अलग-अलग आर्मरेस्ट लंबी दूरी की क्रूजिंग के लिए बहुत आरामदायक है हालांकि छोटे कद के ड्राइवर को सीट कुशन आराम के लिए बहुत ही लंबा लग सकता है
बीच वाली रो में बैठने पर, लंबी खिड़कियों और काफी हेडरूम की वजह से बहुत रोशनी और हवादार महसूस होता है। सीट बेंच फ्लैट है, लेकिन यह तीन वयस्कों के लिए काफी चौड़ी और स्पेशियस है। हालांकि, बैकरेस्ट थोड़ा सीधा है, और आगे की सीटों की तरह, सीट कुशन छोटे यात्रियों के लिए काफी लंबा है। क्लासिक की एक अनोखी खासियत इसकी ऑप्शनल साइड-फेसिंग सीटें हैं, जिसमें दो वयस्क बैठ सकते हैं। हालांकि यह यात्रा करने का सबसे सुरक्षित या आरामदायक तरीका नहीं है, लेकिन ये जंप सीटें उन मालिकों के बीच बहुत पॉपुलर हैं जो पूरे पैसेंजर लेकर चलते हैं। चौड़ा खुलने वाला टेलगेट अंदर और बाहर निकलना आसान बनाता है। यह पॉलिटिकल क्लास के लोगों के बीच भी पॉपुलर है, जिनके सिक्योरिटी गार्ड आसानी से अंदर और बाहर आ-जा सकते हैं।
क्लासिक मॉडल के तुरंत बाद स्कॉर्पियो N के केबिन में कदम रखना एक बहुत बड़ी छलांग जैसा लगता है। डिज़ाइन, फिट, फिनिश और ओवरऑल फील टॉप-नॉच है, जो इंटीरियर को बहुत प्रीमियम और मॉडर्न फील देता है। यह पूरी तरह से अप-टू-डेट है, जिसमें सॉफ्ट-टच मटीरियल, एक अच्छी ब्राउन और ब्लैक कलर थीम, काफी स्टोरेज एरिया और चार्जिंग पोर्ट्स हैं। यह सब बेहतरीन एर्गोनॉमिक्स के साथ आता है। महिंद्रा ने ऊंची सीटिंग पोज़िशन और बेहतरीन विजिबिलिटी से कोई समझौता नहीं किया है, और सीटें अच्छी तरह से कुशन वाली हैं, जिससे उनमें बैठना बहुत आरामदायक लगता है।
बीच वाली बेंच कंटूर्ड है और क्लासिक वर्ज़न की तरह, इसमें आसानी से तीन एडल्ट्स बैठ सकते हैं, हालांकि पीछे वाली रो में लेगरूम और हेडरूम कम है, जिससे यह एडल्ट्स के लिए ज़्यादा आरामदायक नहीं है, और बैकरेस्ट भी बहुत सीधा है। टेलगेट खुलने पर एक चौड़ा ओपनिंग एरिया दिखता है, लेकिन जब सभी रो अपनी जगह पर होती हैं, तो आपकी हफ़्ते भर की ग्रोसरी के अलावा ज़्यादा सामान रखने की जगह नहीं होती, और जब सीटों को फोल्ड किया जाता है, तो वे एक फ्लैट फ़्लोर बनाने में रुकावट आती हैं।
महिंद्रा स्कॉर्पियो N vs स्कॉर्पियो क्लासिक: की कीमत
महिंद्रा स्कॉर्पियो N बनाम स्कॉर्पियो क्लासिक: क्लासिक की कीमत ₹15.49 लाख है और इसमें हैलोजन प्रोजेक्टर हेडलैंप, 17-इंच अलॉय व्हील, 9-इंच टचस्क्रीन, रियरव्यू कैमरा, रियर AC वेंट, क्रूज़ कंट्रोल और ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल जैसे फीचर्स हैं। दिलचस्प बात यह है कि स्कॉर्पियो N का Z4 वेरिएंट, जिसकी कीमत ₹13.99 लाख है, में Android Auto, Apple CarPlay, क्रूज़ कंट्रोल, रियर AC वेंट और 8-इंच टचस्क्रीन जैसे फीचर्स मिलते हैं। और अगर आप ₹1 लाख ज़्यादा खर्च कर सकते हैं, तो आपको सनरूफ, महिंद्रा का AdrenoX कनेक्टिविटी सूट और भी बहुत कुछ मिल सकता है, जो अभी भी क्लासिक के टॉप वेरिएंट से काफी सस्ता है। स्कॉर्पियो N के फुली लोडेड वेरिएंट में 6 एयरबैग, LED हेडलैंप, फ्रंट और रियर कैमरे और बाकी सभी प्रीमियम फीचर्स हैं।
महिंद्रा स्कॉर्पियो N vs स्कॉर्पियो : क्लासिक पावरट्रेन
महिंद्रा ने पुरानी स्कॉर्पियो के mHawk इंजन को ज़्यादा रिफाइंड सेकंड-जेनरेशन यूनिट से बदल दिया है। यह इंजन थार और स्कॉर्पियो N में भी इस्तेमाल होता है। हालांकि, क्लासिक में यह 132 hp पावर देता है, जो पहली जेनरेशन यूनिट से 8 hp कम है। लेकिन बड़ी खबर यह है कि एल्यूमीनियम से बने होने के कारण यह पिछले कास्ट आयरन ब्लॉक से 55 kg हल्का है। नतीजतन, जो लोग स्कॉर्पियो से परिचित हैं, वे इंजन की आवाज़ में तुरंत फर्क महसूस करेंगे। पुराने डीज़ल इंजन की खड़खड़ाहट खत्म हो गई है, उसकी जगह एक स्मूथ, शांत आवाज़ आ गई है। यह नई यूनिट न केवल ज़्यादा रिफाइंड है, बल्कि परफॉर्मेंस के मामले में भी बहुत लीनियर है। यह आइडल से ही आसानी से स्पीड पकड़ लेती है, थ्रॉटल रिस्पॉन्स बहुत बढ़िया है, और यह उन कुछ डीज़ल कारों में से एक है जहाँ बूस्ट किक इन होने से पहले लगभग कोई लैग नहीं होता है। क्लासिक का सिक्स-स्पीड गियरबॉक्स भी पहले से ज़्यादा स्मूथ है, और इसका क्लच भी हल्का और इस्तेमाल करने में आसान है।
हालांकि, इसमें स्कॉर्पियो वाला 2.2 डीजल इंजन मिलता है, जो 175 PS पावर और 370 Nm का टॉर्क देता है, इसलिए इस मामले में दोनों के बीच कोई तुलना नहीं है। आप इसकी पावर का फायदा लगभग तुरंत महसूस कर सकते हैं, और एक्सेलेरेशन टाइम इसे साबित करते हैं। लेकिन क्लासिक के बचाव में, पावर और टॉर्क में काफी कमी के बावजूद, यह 13 सेकंड में 100 kph की स्पीड पकड़ लेती है, जो स्कॉर्पियो N से सिर्फ 0.2 सेकंड ज़्यादा है। हालांकि, कुछ समय बाद, यह गैप बढ़ने लगता है। रोलिंग एक्सेलेरेशन में स्कॉर्पियो N, क्लासिक को पीछे छोड़ देती है, जबकि तीसरे गियर में 20 और 80 kph के बीच का अंतर सिर्फ 0.43 सेकंड है। यह 40 से 100 kph की रेंज काफी तेज़ी से कवर करती है; यह अंतर 2.07 सेकंड तक बढ़ जाता है। पावर परफॉर्मेंस: महिंद्रा स्कॉर्पियो क्लासिक S11, महिंद्रा स्कॉर्पियो N।
| विशेषता | स्कॉर्पियो N Z8L (132 hp) | स्कॉर्पियो N Z8L (175 hp) |
|---|---|---|
| इंजन | 4 सिलिंडर, 2179 cc, टर्बो-डीजल | 4 सिलिंडर, 2179 cc, टर्बो-डीजल |
| पावर | 132 hp @ 3750 rpm | 175 hp @ 3500 rpm |
| टॉर्क | 300 Nm @ 1600–2800 rpm | 370 Nm @ 1500–3000 rpm |
| गियरबॉक्स | 6-स्पीड मैनुअल | 6-स्पीड मैनुअल |
| परफॉर्मेंस (रुकी हुई स्थिति से) | ||
| 0–20 km/h | 1.29 s | 1.64 s |
| 0–40 km/h | 2.99 s | 3.45 s |
| 0–60 km/h | 5.52 s | 5.60 s |
| 0–80 km/h | 8.49 s | 8.77 s |
| 0–100 km/h | 13.00 s | 12.38 s |
| 20–80 km/h (3rd गियर) | 9.48 s | 9.05 s |
| 40–100 km/h (4th गियर) | 12.82 s | 10.75 s |
महिंद्र स्कॉर्पियो N vs स्कॉर्पियो क्लासिक : राइट हैंडलिंग
अपनी हॉक इंजन और रिवर के किए गए सस्पेंशन की वजह से स्कॉर्पियो क्लासिक अपनी पुरानी इंटीग्रेशन की तुलना में स्टेरिंग व्हील के पीछे से थोड़ी ज्यादा कॉन्फिडेंट महसूस होती है जो क्लासिक में नहीं बदली है वह है इसकी मजबूत बनावट जिसका मतलब है कि यह खराब सड़कों को आसानी से पार कर लेती है और आप बिना किसी परेशानी के उबड़ खाबड़ रास्ते से गुजर सकते हैं हालांकि सस्पेंशन में बदलाव के बावजूद अंदर अभी भी हिलने डुलने का एहसास महसूस होता है पैसेंजर इधर-उधर उछलते हैं और स्टीयरिंग व्हील के पीछे एक उसे साइड ड्राइवर होने पर इसकी ऊंचाई और पतले फ्रंट और रियल ट्रैक के कारण यह कानों पर काफी असहज रूप से झुक जाती है
क्लासिक की तरह स्कॉर्पियो और भी उतनी ही मजबूत है और इसमें भी वैसे ही मजबूती का एहसास होता है लेकिन कमल की बात यह है कि इसकी तुलना में इसे चलाना कहीं ज्यादा आरामदायक और बेस्ट है और खराब सड़कों को आसानी से पार कर लेती है लेकिन अछि बात यहाँ है कि इसका सस्पेंस बहुत कम झटका देता है इसलिए पैसेंजर ज्यादा आरामदायक महसूस करते हैं और भले ही यह कुछ मोनोकोक SUV जितनी शार्प ना हो लेकिन इसमें कॉर्नर पर क्लासिक जैसा टॉप हैवीपन और घबराहट महसूस नहीं होने देती है
महिंद्र स्कॉर्पियो N vs स्कॉर्पियो क्लासिक : नतीजा
क्लासिक में एर्गोनॉमिक्स एंड डायनेमिक दोनों तरह की कमियां देखी जाती हैं और जो खरीदार सोफिस्टिकेट इंटीरियर का प्रीमियम फ्यूचर चाहते हैं उन्हें क्लासिक में वैल्यू नहीं मिलती लेकिन मुश्किल आज तो से निपटने के लिए इसकी क्षमता और सड़क पर इसकी शानदार मौजूदगी इसे एक खास आकर्षण और करैक्टर देती है यही वजह है कि इसका इंजन ज्यादा स्मूथ काम करता है ट्रांसपोर्टर और क्लच पेडल चलाना भी काफी आसान है और इसके ड्राइविंग के तरीके पहले से थोड़े और बेहतर है इससे भी बड़ी बात यह है कि ऑप्शनल साइड फेसिंग सीट है कुछ लोगों के लिए डील मेकर भी साबित हो सकती हैं
महिंद्र स्कॉर्पियो एंड वर्सिज स्कॉर्पियो क्लासिक की तुलना बहुत ही मुश्किल फैसला है स्कॉर्पियो और हर मामले में अपने पिछले मॉडल को आसानी से मात देती है लेकिन स्कॉर्पियो और हर मामले में अपने पिछले मॉडल से बेहतर है साइज आराम लग्जरी एंड पावर ट्रेन ऑप्शन और यह ज्यादा कॉन्फिडेंस से रोड़ों पर चलती है नतीजा बिल्कुल साफ है स्कॉर्पियो N ही बेहतर है और यह उन खरीदारों को पसंद आएगी जो एक पूरी तरह से आधुनिक और मजबूत SUV चाहते हैं जिसमें सभी फीचर्स मिल रहे हो इससे भी बड़ी बात यह है कि और क्लासिक से कहीं ज्यादा वैल्यू फॉर मनी है इसके मिड वेरिएंट सस्ते हैं और उनमें ज्यादा कट भी मिलती हैं हालांकि इसी खरीदने के लिए आपको बहुत लंबे बैटिंग पीरियड के लिए तैयार भी रहना होगा












