Bihar faces a severe shortage of mental health services : सही इलाज की तलाश अभी बाकी

Bihar faces a severe shortage of mental health services जहां सही इलाज के लिए संसाधनों की कमी गंभीर है। राज्य में डॉक्टर की कमी और सीमित स्वास्थ्य सेवाओं के कारण मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाती।

Bihar faces a severe shortage of mental health services : सही इलाज की तलाश अभी बाकी

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    बिहार में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: अब कब मिलेगा सही इलाज?

     

    कहानी बिहार की मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की: मरीजों की उम्मीदें और चुनौतियां

    बिहार के कई मरीज आज भी सही मानसिक स्वास्थ्य सेवा से वंचित हैं। बिलकुल, यह सच है। डॉक्टरों की कमी है। अस्पतालों में संसाधन कम हैं। कई बार लोग इलाज के लिए दूर-दूर तक पलायन करते हैं। यह केवल शहरी इलाकों की बात नहीं, गांव-देहात में भी यही हाल है। जब तक सही सेवा नहीं मिलेगी, लोग परेशान रहेंगे।

     

    डॉक्टर कम, मरीज ज्यादा: बिहार में मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की दिक्कतें

    मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की भारी कमी बिहार में है। कुछ इलाकों में तो डॉक्टर तक मुश्किल से मिलते हैं। मरीजों की संख्या बढ़ रही है, पर लोगों को इलाज नहीं मिला। कई बार डॉक्टरों की कमी के कारण उनकी बीमारी और गंभीर हो जाती है। इसके चलते परिवार और समाज दोनों पर असर पड़ता है। यह समस्या गहरी और व्यापक है।

     

    शहरों से गांव तक: समान दिक्कतें मानसिक स्वास्थ्य सेवा में

    भाग जाएगी बात शहरी या ग्रामीण। दोनों जगह स्थिति चुनौतीपूर्ण है। शहरों में जहां संसाधन कुछ हैं, वहां भी सेवा पूरी नहीं। गांवों में तो हाल और खराब। जागरूकता कम है। लोग बीमारी को छुपाते हैं। इलाज नहीं कराते। बीमारी बढ़ती जाती है, पर लोग सुनते कम हैं। इस कारण बिहार में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जंग लड़नी बाकी है।

     

    जागरूकता भले बढ़ रही हो पर सेवा व्यवस्था अभी अधूरी है

    लोग मानसिक स्वास्थ्य के बारे में अब थोड़ा बहुत जानते हैं। स्कूल, गांव, परिवारों में चर्चा होती है। पर इससे कोई फर्क तब तक नहीं पड़ता जब तक सेवा मजबूत न हो। सही चिकित्सा सुविधा, प्रशिक्षित कर्मचारी, फिजिकल अस्पताल-इन सब की भारी कमी है। सरकार को इसमें हाथ बटाना होगा।

     

    सरकार की भूमिका: बिहार के मानसिक स्वास्थ्य सुधार के लिए क्या कदम जरूरी?

    बिहार सरकार को अब कदम उठाने होंगे। बेहतर डॉक्टर और कर्मचारी भर्ती करना होगा। अस्पतालों में संसाधन बढ़ाने होंगे। योजनाओं को सही दिशा में चलाना होगा। सही दिशा में। इंतजार नहीं करना चाहिए। स्वास्थ्य गुणवत्ता में सुधार लाना ही समाज के लिए फायदेमंद होगा।

     

    सामाजिक संस्थाओं का समर्थन और सहयोग भी ज़रूरी

    सिर्फ सरकार ही नहीं, सामाजिक संगठन भी जिम्मेदार हैं। लोगों को बीमारी समझाना जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य पर गलतफहमियों को दूर करना होगा। सब मिलकर काम करेंगे तो ही बदलाव संभव होगा। बिहार का भविष्य इसी में छुपा है। उम्मीद बड़ी है, पर मेहनत भी जरूरी।

    बिहार में मानसिक स्वास्थ्य सुधार हेतु क्या ज़रूरी है?

    कुल वोट: 0