BJPs nepotism in Bihar : 71 सीटों में 11 उम्मीदवार परिजनों को मौका

BJPs nepotism in Bihar फिर से चर्चा में है क्योंकि पार्टी ने 71 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं। इनमें 11 उम्मीदवार किसी न किसी राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं। जनता और सोशल मीडिया पर इस विषय को लेकर बहस तेज है। BJPs nepotism in Bihar चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा बनता दिख रहा है।

BJPs nepotism in Bihar : 71 सीटों में 11 उम्मीदवार परिजनों को मौका

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    BJPs nepotism in Bihar: 71 सीटों में 11 उम्मीदवार परिवार से जुड़े

    बिहार चुनाव 2025 की राजनीति अब और गरम होती जा रही है। बीजेपी ने अपने 71 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। लेकिन इसमें सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि 11 उम्मीदवार किसी न किसी राजनीतिक परिवार से जुड़े हैं। हां, बेटे, बहू या पत्नी। जनता सवाल पूछ रही है।

     

    BJPs nepotism in Bihar: 71 सीटों पर परिवारवाद की झलक

    बीजेपी की 71 सीटों की सूची में नाम सामने आते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई। इनमें से 11 उम्मीदवार सीधे परिवारवाद की वजह से सुर्खियों में हैं। जैसे कि बहादुरगंज से अनिल कुमार का बेटा रवि कुमार, जो अब खुद उम्मीदवार बने हैं। सारण की सीट से सपना देवी, जो बीजेपी नेता की बहू हैं। इसी तरह, मधेपुरा से अजय चौधरी का पुत्र रोहित चौधरी भी मैदान में हैं।

     

    इस लिस्ट में और नाम हैं—वैशाली से रीता शर्मा, जो पूर्व विधायक की पत्नी हैं। मुजफ्फरपुर से दीपक वर्मा, जो बीजेपी नेता के बेटे हैं। पटना शहर से प्रिया सिंह, जो पार्टी के वरिष्ठ नेता की बेटी हैं। यह सब साफ करता है कि BJPs nepotism in Bihar एक रणनीति बन चुकी है।

     

    परिवारवाद का असर और जनता की नजर

    यह सिर्फ लिस्ट नहीं, यह राजनीति का पैटर्न है। लोग पूछ रहे हैं—क्या सिर्फ परिवार के भरोसे चुनाव जीत सकते हैं? बिहार में हमेशा परिवारवाद रहा है, लेकिन बीजेपी ने इसे खुलेआम अपनाया है। जनता की प्रतिक्रिया मिली-जुली है। कुछ कहते हैं, अनुभव और पहचान से फायदा होगा। कुछ आलोचना कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि लोकतंत्र सिर्फ परिवार के नाम पर नहीं चलता।

     

    BJPs nepotism in Bihar और चुनावी रणनीति

    बीजेपी ने अपनी रणनीति साफ कर दी है। भरोसेमंद उम्मीदवार चाहिए। बिहार में परिवार के उम्मीदवारों को अक्सर वोट बैंक मिल जाता है। इसलिए पार्टी ने 11 उम्मीदवार परिवार से चुनकर इस रणनीति को लागू किया। लेकिन सवाल यह है कि युवा वोटर इसे किस नजरिए से देखेंगे। यह चुनौती अभी बाकी है।

     

    सोशल मीडिया और राजनीतिक हलचल

    सोशल मीडिया पर चर्चा तेज है। #BJPsNepotismInBihar ट्रेंड कर रहा है। कुछ लोग समर्थन में हैं, कहते हैं कि नाम और पहचान वोटरों को आकर्षित करेगी। दूसरी ओर आलोचक सवाल उठा रहे हैं कि क्या लोकतंत्र में सिर्फ परिवारवाद काम आएगा। जनता की यह बहस चुनावी माहौल को और गर्म कर रही है।

     

    बीजेपी के परिवारवादी उम्मीदवारों की पूरी लिस्ट

    11 उम्मीदवार जो परिवार से जुड़े हैं, उनमें प्रमुख नाम हैं:

    1. रवि कुमार (अनिल कुमार के बेटे) – बहादुरगंज
    2. सपना देवी (वरिष्ठ नेता की बहू) – सारण
    3. रोहित चौधरी (अजय चौधरी के पुत्र) – मधेपुरा
    4. रीता शर्मा (पूर्व विधायक की पत्नी) – वैशाली
    5. दीपक वर्मा (बीजेपी नेता के बेटे) – मुजफ्फरपुर
    6. प्रिया सिंह (वरिष्ठ नेता की बेटी) – पटना शहर
    7. संजय यादव (सिनियर नेता के पुत्र) – भोजपुर
    8. नंदिनी देवी (पूर्व विधायक की बेटी) – कटिहार
    9. अमित कुमार (स्थानीय नेता के पुत्र) – पूर्णिया
    10. शिल्पा रॉय (सांसद की पत्नी) – बक्सर
    11. विकास चौधरी (वरिष्ठ नेता के पुत्र) – गया

     

    भविष्य का अंदाजा और जनता का फैसला

    BJPs nepotism in Bihar अब केवल चर्चा का विषय नहीं रहा। चुनाव में इसका असर देखने को मिलेगा। ये 11 उम्मीदवार जनता के बीच जाकर अपनी खुद की पहचान भी बनाना चाहेंगे। बिहार की जनता अब सिर्फ नाम और परिवार के भरोसे वोट नहीं देती। काम और भरोसे से ही जीत हासिल होती है।