शहर के एक मोहल्ले में रविवार की रात अचानक हड़कंप मच गया, जब एक ही परिवार के सभी सदस्य तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराए गए। परिवार ने रात के खाने में चिकन बनाया था और खाना खाते ही कुछ घंटे बाद सबको उल्टी-दस्त और तेज कमजोरी ने घेर लिया। हालत ऐसी हुई कि देखते-देखते हर कोई बेहोशी की स्थिति में पहुंचने लगा। सबसे ज्यादा असर घर की 3 साल की बच्ची पर पड़ा, जिसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। यह खबर पूरे इलाके में तेजी से फैल गई और हर तरफ मातम का माहौल बन गया।
रात के खाने के बाद अचानक बिगड़ी तबीयत
जानकारी के अनुसार, परिवार ने रविवार की शाम को बाजार से चिकन खरीदा था। घर की महिला ने इसे पकाकर रात का खाना तैयार किया और सबने एक साथ खाना खाया। शुरू में सबकुछ सामान्य था, लेकिन लगभग दो घंटे बाद बच्चों और बड़ों को पेट दर्द, चक्कर और उल्टियां होने लगीं। कुछ ही समय में हालात ऐसे हो गए कि पूरा परिवार अस्पताल ले जाना पड़ा। चिकन खाने के बाद अचानक तबीयत बिगड़ने की खबर सुनते ही आस-पड़ोस के लोग भी दंग रह गए। मोहल्ले के लोग रातभर अस्पताल के बाहर जुटे रहे। डॉक्टरों ने बताया कि यह फूड प्वॉइजनिंग का गंभीर मामला लग रहा है, लेकिन इसकी असली वजह की जांच की जा रही है।
डॉक्टरों ने बताया बच्ची की हालत थी नाजुक
अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने तुरंत इलाज शुरू किया। परिवार के सभी सदस्यों को ड्रिप और दवाएं दी गईं। हालांकि सबसे ज्यादा खतरा तीन साल की बच्ची की जान पर मंडरा रहा था। बच्ची की हालत देखते ही डॉक्टरों ने उसे आईसीयू में शिफ्ट किया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची की शरीर में तेजी से पानी की कमी हो गई थी और उसका शरीर साथ नहीं दे पा रहा था। रातभर उपचार चला लेकिन सुबह तक बच्ची की मौत हो गई। बच्ची के निधन की खबर सुनते ही परिवार पर मानो पहाड़ टूट पड़ा। परिजनों की चीखें सुनकर अस्पताल का माहौल भी भारी हो गया।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
बच्ची के निधन की खबर के बाद परिवार में मातम पसर गया। मां ने अपनी बच्ची को गोद में लेकर अस्पताल के गलियारों में रो-रोकर सभी का दिल पिघला दिया। पिता भी बार-बार यही सवाल उठाते रहे कि आखिर उनकी मासूम को क्यों नहीं बचाया जा सका। चिकन खाने के बाद अचानक घर-परिवार पर ऐसा दुख आने से मोहल्ले के लोग भी बेहद दुखी हो गए। परिजनों का कहना है कि उन्होंने हमेशा की तरह चिकन खरीदा और पकाया था, लेकिन इस बार शायद मांस खराब था। उनकी लापरवाही या किसी और की गलती के कारण उनकी बच्ची अब दुनिया में नहीं रही।
अस्पताल प्रशासन ने दी जानकारी
अस्पताल प्रशासन की ओर से बताया गया कि परिवार के सभी सदस्य अब खतरे से बाहर हैं और उन्हें धीरे-धीरे रिकवरी के लिए दवाएं दी जा रही हैं। चिकन खाने के बाद फूड प्वॉइजनिंग जैसी समस्या से जूझते मरीजों की संख्या हाल के दिनों में बढ़ी है। डॉक्टरों का कहना है कि मांस में अगर जरा भी गड़बड़ी या बैक्टीरिया हो तो पूरी तरह पका न होने पर सीधा असर शरीर पर पड़ता है। खासकर बच्चे और बूढ़े लोग जल्दी इसकी चपेट में आ जाते हैं। अस्पताल की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को भी सूचना भेज दी गई है ताकि चिकन बेचने वाले दुकानदारों की जांच की जा सके।
मोहल्ले में फैली दहशत और सवाल
इस घटना के बाद पूरे मोहल्ले में दहशत फैल गई है। लोग अब मांस और चिकन खाने से डरने लगे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाजारों में कई बार मांस सही तरह से स्टोर नहीं किया जाता और पुराने सामान को भी बेच दिया जाता है। इसी तरह की लापरवाही किसी भी परिवार पर भारी पड़ सकती है। लोगों ने प्रशासन और नगर निगम से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा न हो। चिकन खाने के बाद बिगड़ी तबीयत की इस घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है।
फूड सेफ्टी विशेषज्ञों की चेतावनी
फूड सेफ्टी से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा है कि चिकन या कोई भी मांस खरीदने के बाद साफ-सफाई पर खास ध्यान देना जरूरी है। अगर मांस की गंध या रंग अजीब लग रहा हो तो उसे बिल्कुल न खरीदें। खाने से पहले उसे अच्छी तरह पकाना चाहिए ताकि बैक्टीरिया खत्म हो सकें। चिकन खाने के बाद अगर उल्टी, चक्कर या कमजोरी महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। समय पर इलाज मिलने पर जान बचाई जा सकती है। बच्ची की मौत ने यह साबित कर दिया है कि थोड़ी सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।
सरकारी जांच और कार्रवाई की तैयारी
स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग और फूड सेफ्टी टीम को निर्देश दिया है कि वे चिकन बेचने वाली दुकानों की जांच करें। साथ ही उस दुकान से खरीदे गए मांस के सैंपल भी लिए जा रहे हैं, जहां से यह परिवार चिकन लाया था। प्रशासन का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा ताकि फूड प्वॉइजनिंग के मामलों में कमी लाई जा सके।
मासूम की मौत से मिली सीख
इस घटना ने पूरे मोहल्ले और शहर को झकझोर दिया है। हर कोई बच्ची की मौत पर दुखी है और भविष्य में ऐसी त्रासदी न हो इसके लिए जागरूक हो रहा है। चिकन खाने के बाद परिवार की तबीयत बिगड़ने और मासूम की मौत ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि खानपान में जरा सी लापरवाही कितनी खतरनाक हो सकती है। मांस खरीदने से लेकर पकाने और खाने तक हर कदम पर सावधानी जरूरी है। जिंदगी से बढ़कर कुछ भी नहीं है और ऐसे हादसे हमें हमेशा सतर्क रहने की सीख देते हैं।