धनतेरस, दिवाली और छठ 2025: जानिए सही तिथि, शुभ मुहूर्त और त्योहारों की खास बातें
यह साल कार्तिक मास में आ रहे हैं धनतेरस, दिवाली और छठ के पावन त्योहार, जानिए उनकी सही तिथियां और शुभ समय
सबसे पहले, ये कहना पड़ेगा कि इस बार कार्तिक मास में त्योहारों का सिलसिला कुछ खास होने वाला है। अमीरियों और धार्मिकता का संगम इस बार और भी मज़बूत है। सच कहूं तो, ग्रह-नक्षत्र भी इन त्योहारों को सफल बनाने में खास भूमिका निभा रहे हैं।
धनतेरस कब है? 18 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त में पूजा और खरीदारी
धनतेरस की बात करें तो, इसकी तारीख 18 अक्टूबर 2025 है। ये दिन कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष त्रयोदशी तिथि से मेल खाता है। घर-जमाने में इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा होती है, जिनसे लंबी आयु और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। और क्या बताऊं, ये दिन नयी चीजें खरीदने के लिए बड़ा शुभ माना जाता है। खासतौर पर सोना-चांदी खरीदना इस दिन सुपरफास्ट शुभ होता है।
दिवाली का दिन: 20 अक्टूबर पर अंधकार से प्रकाश की जीत
फिर आता है दिवाली का मुख्य दिन, जो 20 अक्टूबर है। कार्तिक अमावस्या के दिन होते हैं ये उत्सव। इस दिन हर घर को रोशन करने का सिलसिला शुरू हो जाता है। मां लक्ष्मी की आराधना से घर-परिवार में समृद्धि और खुशहाली आती है। बिल्कुल, दीपक जलाना केवल रिवाज नहीं, यह सांस्कृतिक पहचान भी है।
25 अक्टूबर से शुरू होगी छठ पूजा, सूर्य देव को अर्पित श्रद्धा
अगला बड़ा त्योहार है छठ पूजा, जो 25 अक्टूबर से शुरू होगा। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से छठ की शुरुआत होती है। श्रद्धालु नदी, तालाब या किसी जलाशय के किनारे जाकर सूर्य देव की पूजा करते हैं। यह व्रत संयम और श्रद्धा का बेजोड़ उदाहरण है, जो हमें प्रकृति के समीप लाता है।
शुभ मुहूर्त और सावधानी के साथ मनाएं कार्तिक मास के त्योहार
इस बता पर ध्यान देना जरूरी है कि खरीदारी, पूजा और अन्य अनुष्ठान शुभ मुहूर्त में करें। कार्तिक मास में ग्रहों की स्थिति बहुत महत्वपूर्ण होती है। जो दिन मुहूर्त में सही नहीं होते, उन पर रुका हुआ काम मुश्किल से पूरा होता है। इसलिए, त्योहारों की तैयारी में सही समय का ध्यान रखें।
कैसे बनाएं त्योहारों को यादगार? – परिवार और समाज का मेलजोल
क्या कहना है, त्योहारों की असली खूबसूरती तो परिवार के साथ मिलजुल कर मनाने में है। बच्चों की खुशी, बड़ों का आशीर्वाद, दिलों में उल्लास, ये सारे रंग इस समय छा जाते हैं। चाहे खिचड़ी हो, मिठाई या नए कपड़े, सब कुछ प्यार से बांटें। यही असली त्योहार हैं।
कार्तिक मास में मिलने वाली खुशियों का जश्न और आध्यात्मिकता का संगम
कार्तिक मास हर साल हमें नई उमंगें और नई राह दिखाता है। इस माह का श्रृंगार सिर्फ पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मा की शुद्धि और परिवार-समाज की बंधन मजबूत करने का भी जरिया है। 2025 में ये त्योहार और भी खास हैं।
निष्कर्ष: 2025 का कार्तिक मास लाएगा खुशहाली, समृद्धि और आस्था का पर्व
आप देखिए न, धनतेरस 18 अक्टूबर को, दिवाली 20 अक्टूबर को और छठ पूजा 25 अक्टूबर से। ये तिथियां हमें याद हैं तो तैयारी क्यों न करें? बढ़िया से घर सजाएं, पूजा करें, खुशियां मनाएं। यही वक्त है समृद्धि की दुआ मांगने का, भक्ति में डूबने का। कहने का मतलब, इस कार्तिक मास को खास बनाएं।