महाराष्ट्र में मुंबई पुलिस को बम विस्फोट की धमकी देने के मामले में नोएडा से पकड़े गए आरोपी अश्विन कुमार सुप्रा की गिरफ्तारी के बाद राजधानी में हड़कंप मच गया। यह सनसनीखेज मामला न केवल प्रशासन के लिए चुनौती था, बल्कि समाज की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था की सच्ची परीक्षा भी। पुलिस की तत्परता और चौकसी ने किसी भी अनहोनी से शहर को बचाया, वहीं पूरे प्रकरण ने सुरक्षा व्यवस्था और तंत्र को लेकर कई नए सवाल खड़े कर दिए।
धमकी का पता कैसे चला?
मुंबई ट्रैफिक पुलिस के आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर पर अचानक एक गंभीर धमकी भरा संदेश आया। दावा किया गया कि पूरे शहर में 34 वाहनों में 34 ‘मानव बम’ लगाए गए हैं और 14 पाकिस्तानी आतंकवादी मुंबई में घुस चुके हैं। धमकी में 400 किलोग्राम आरडीएक्स विस्फोटक के इस्तेमाल की बात भी दर्ज थी, जिससे मुंबई को दहलाने की मंशा जाहिर की गई थी। यह संदेश ‘लश्कर-ए-जिहादी’ नामक कथित संगठन के नाम से भेजा गया। त्योहारों और गणेश विसर्जन की सुरक्षा में लगी पुलिस को जैसे ही यह सूचना मिली, एकाएक चौकसी और जांच बढ़ा दी गई।
पुलिस तंत्र की कार्रवाई और छानबीन
धमकी भरे संदेश की जानकारी मिलते ही मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच पूरे अलर्ट मोड में आ गई। हर संवेदनशील और सार्वजनिक स्थल पर सुरक्षा घेरा फैलाया गया। बम डिटेक्शन और डॉग स्क्वाड टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं और महत्वपूर्ण स्पॉट्स, इमर्शन साइट्स, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट आदि पर अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी भी बढ़ा दी गई।
जांच के दौरान पुलिस को तकनीकी साक्ष्य मिले, जिससे पता चला कि धमकी नोएडा से भेजी गई है। आरोपी की पहचान बिहार के मूल निवासी अश्विन कुमार सुप्रा (50) के रूप में हुई, जो पिछले कुछ वर्षों से नोएडा में रह रहा था। पुलिस ने नोएडा पहुंच कर उसे गिरफ्तार किया, उसका मोबाईल फोन और सिम कार्ड जब्त किया गया।
धमकी के पीछे की असल वजह
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला सच सामने आया। आरोपी ने बताया कि उसका मकसद आतंक फैलाना नहीं था, बल्कि उसने अपने एक दोस्त को फंसाने के लिए यह हरकत की। दो साल पहले इसी दोस्त की शिकायत पर वह जेल जा चुका था, और प्रतिशोधवश उसने ऐसी गंभीर साजिश रची। इस प्रतिष्ठित त्योहार के मौके पर इस तरह की अफवाह और मनगढ़ंत धमकी, केवल एक पुरानी दुश्मनी के बदले के तौर पर फैलाई गई थी।
पुलिस और प्रशासन की सख्ती
मुंबई पुलिस ने स्पष्ट किया कि इस तरह की धमकी, चाहे असली हो या नकली, शहर की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं होने दिया जाएगा। सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर थीं, हजारों पुलिसकर्मी महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात किए गए, कड़ी निगरानी और संदिग्ध व्यक्तियों पर पैनी नजर रखी गई। आम नागरिकों से अपील की गई कि अफवाह फैलाने वालों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत जानकारी दें।
त्योहार के माहौल में झूठी अफवाह की चुनौती
गणेशोत्सव और अनंत चतुर्दशी के दौरान जब लाखों श्रद्धालु शहर की सड़कों पर उत्सव मनाने के लिए निकलते हैं, तब इस तरह की झूठी धमकी कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है। प्रशासन ने किसी भी तरह की अफवाह या डर से बचने के लिए पुलिस बल और स्थानीय प्रशासन ने दिन-रात कानून व्यवस्था बनाए रखी।