अफगानी विदेश मंत्री मुत्तकी ने कहा - पाकिस्तान से झड़प का मकसद पूरा, शांति की ओर पहला कदम

मुत्तकी ने कहा कि पाकिस्तान से हुई झड़प का मकसद पूरा हो चुका है। उन्होंने खाड़ी देशों की मध्यस्थता में हमले रोकने की बात कही। मुत्तकी ने कहा कि अब शांति की ओर पहला कदम बढ़ाना जरूरी है। यह बयान अफगानिस्तान की विदेश नीति में नया मोड़ है।

अफगानी विदेश मंत्री मुत्तकी ने कहा - पाकिस्तान से झड़प का मकसद पूरा, शांति की ओर पहला कदम

 

अफगानी विदेश मंत्री मुत्तकी ने पाकिस्तान से झड़प पर कहा - हमारा मकसद पूरा हुआ है

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्तकी ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुई झड़प को लेकर अपनी राय जाहिर की। उन्होंने साफ कहा कि खाड़ी देशों की अपील पर हमले बंद कर दिए, लेकिन इससे पहले हमारा जो मकसद था, उसे पूरा कर लिया। ये झड़प अचानक नहीं हुई। मेहनत के बाद यह फैसला लिया गया। स्थिति अभी भी नाज़ुक है, लेकिन उनकी बातों में एक समझदारी नजर आई।

 

झड़प के पीछे की कहानी और मुत्तकी का जवाब

मुत्तकी ने कहा कि यह सब सोच-समझ कर किया गया है। वे बताते हैं कि सीमा पर हमले इसलिए हुए ताकि सुरक्षा का संदेश साफ हो। खाड़ी देशों की बात को मानकर हमले रुके, तभी तनाव कम हुआ। उनके शब्दों से लग रहा था जैसे वो सोच रहे हों, “मिशन पूरा, लेकिन अभी सफर बाकी है।” 

 

खाड़ी देशों की मध्यस्थता ने तनाव कम करने में निभाई बड़ी भूमिका

मुत्तकी ने खाड़ी देशों की उस पहल की सराहना की जिसने दोनों देशों के बीच शांति की उम्मीद जगाई। उनका कहना था कि यह कोशिश आगे बढ़ेगी और बातचीत के नए रास्ते खोलेंगे। हालांकि, रास्ता आसान नहीं है। पर इसकी शुरुआत हो चुकी है। यह कदम दोनों के लिए भरोसे की तरफ बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

सीमा विवाद और वर्तमान हालात की सच्चाई

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर लंबे समय से तनाव बना हुआ है। मुत्तकी ने कहा कि अफगानिस्तान अपनी सीमाओं का पूरा सम्मान करता है, लेकिन अगर उसे खतरा महसूस होता है, तो अपना हक भी जताता है। यह बताने की कोशिश है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी कुछ आसान नहीं। झगड़ा नहीं, समझौता ही सही राह है।

 

अफगानी सरकार की भविष्य की योजना और शांति की जद्दोजहद

मुत्तकी ने कहा कि सरकार हर हाल में शांति चाहती है और बातचीत को बढ़ावा देगी। वे मानते हैं कि संघर्ष सिर्फ आखिरी रास्ता होना चाहिए। अफगानिस्तान आगे बढ़कर बातचीत का दौर शुरू करना चाहता है। हिंसा से दूर रहना चुनौती है, लेकिन कोशिश जारी रहेगी। यह ज्यादा जरूरी भी है।

 

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दी दोनों पक्षों को संयम की सलाह

जब यह खबर आई, तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों पक्षों को ठंडा दिमाग रखने और तनाव कम करने की गुजारिश की। कुछ देशों ने निम्रस्थता की पेशकश भी की। मुत्तकी ने खुद भी वैश्विक समर्थन की उम्मीद जताई ताकि विवाद और हिंसा को रोका जा सके। सहयोग से ही समाधान आ सकता है, यही उनका मानना है।

 

पाकिस्तान का बयान और स्थिति की जटिलता

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के हमलों की आलोचना की और सीमा पार हमलों को गैरकानूनी बताया। दोनों देशों में पहले से नाजुक रिश्ते अब और तनावपूर्ण हो गए हैं। पाकिस्तान ने बातचीत का हवाला देते हुए अपनी सुरक्षा बढ़ाने की भी बात कही है। स्थिति फिलहाल पेचीदा है, पर हल करने की चाहत भी दिख रही है।

 

क्या होगा विवाद का अंत, कब आएगी शांति?

दोनों देशों के बीच समाधान की तलाश लंबी रही है। मुत्तकी मानते हैं कि जल्द ही परिणाम मिलना मुश्किल है। पर वे उम्मीद करते हैं कि बातचीत और समझौतों से इस विवाद को खत्म किया जा सकेगा। शांति तभी संभव है जब दोनों तरफ सचमुच बातचीत की इच्छा हो। फिलहाल सबकी निगाहें अगले कदम पर हैं।