Sleep Disruption: किसकी कमी से नींद नहीं आती? जानें वैज्ञानिक शोध और अगर रात को नींद ना आए तो क्या करना चाहिए

रात को नींद खुलने की समस्या आम होती जा रही है और इसका असर हमारे स्वास्थ्य और ऊर्जा पर पड़ता है। उम्र, तनाव, लिवर की खराबी, दवाएं और कुछ बीमारियां नींद को प्रभावित करती हैं। बार-बार नींद खुलने से थकान, चिड़चिड़ापन और मानसिक अस्थिरता हो सकती है। इसके लिए सही नींद की आदतें अपनाना, मेडिटेशन करना और सोने का आरामदायक वातावरण बनाना बहुत जरूरी है। समय रहते उपाय करने से अच्छी और निरंतर नींद सुनिश्चित की जा सकती है।

Sleep Disruption: किसकी कमी से नींद नहीं आती? जानें वैज्ञानिक शोध और अगर रात को नींद ना आए तो क्या करना चाहिए

खबर का सार AI ने दिया · GC Shorts ने रिव्यु किया

    रोजाना अच्छी नींद लेना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन कई बार लोगों को रात में नींद नहीं आती या नींद बीच में टूट जाती है। ऐसा अक्सर तब होता है जब हमारे शरीर में कुछ जरूरी चीजों की कमी हो जाती है। इससे हमारे दिमाग और शरीर दोनों पर बुरा असर पड़ता है और अगले दिन थकान महसूस होती है।

     

    नींद टूटने के पीछे क्या कारण होते हैं

    रात को नींद बीच में खुल जाना आम समस्या है, पर लगातार ऐसा होना चिंता की बात है। नींद खुलने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि प्यास लगना, टॉयलेट जाना, बुरा सपना देखना या बिस्तर पर सोने का असहज तरीका। कभी-कभी यह कारण हमारे शरीर या मन की सेहत से भी जुड़े होते हैं।

     

    उम्र बढ़ने पर नींद क्यों खुलने लगती है

    जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, नींद पर इसका असर पड़ता है। उम्र बढ़ने से नींद की मात्रा कम हो जाती है और नींद जल्दी-जल्दी टूटती है। यह एक सामान्य बदलावा है, लेकिन अगर यह ज्यादा बढ़ जाए तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए।

     

    तनाव का नींद पर असर

    तनाव भी नींद खुलने का बड़ा कारण होता है। जब हम तनाव में होते हैं तो हमारे शरीर का नर्व सिस्टम सक्रिय हो जाता है, जिससे दिल की धड़कन तेज होती है और ब्लड प्रेशर में बदलाव आता है। इस वजह से कई बार आधी रात को नींद अचानक टूट जाती है।

     

    कुछ दवाएं भी नींद बिगाड़ती हैं

    लंबे समय तक दी जाने वाली दवाओं जैसे सर्दी-खांसी की दवाएं या एंटी-डिप्रेसेंट्स का असर भी नींद की गुणवत्ता पर पड़ता है। इनमें से कुछ दवाएं नींद को तोड़ने का काम करती हैं, इसलिए जिन लोगों को बार-बार नींद खुलने की समस्या हो, उन्हें अपनी दवाओं पर ध्यान देना चाहिए।

     

    लिवर की खराबी और नींद का संबंध

    अगर नींद रात के 1 से 3 बजे के बीच खुल रही है, तो यह लिवर की खराबी का संकेत भी हो सकता है। लिवर काम ठीक से नहीं कर पा रहा होता तो ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और नींद टूट जाती है। तनाव की वजह से भी लिवर कमजोर हो सकता है।

     

    अन्य बीमारियां जो नींद बिगाड़ती हैं

    कुछ बीमारियां भी नींद में खलल डालती हैं जैसे गैस्ट्रिक समस्या, अर्थराइटिस, डिप्रेशन, न्यूरोपैथी, मेनोपॉज, बढ़ा हुआ प्रोस्टेट, एक्टिव थायरायड, या स्लीप एपनिया। इन बीमारियों का इलाज करवाना जरूरी है ताकि नींद सही हो सके।

     

    रात में नींद खुलने पर क्या करें ताकि फिर से नींद आ जाए

    रात को जब नींद टूट जाए तो घबराना नहीं चाहिए। बार-बार घड़ी देखना या चिंता करना और तनाव बढ़ाता है, जिससे नींद फिर नहीं आती। बेहतर है कि गहरी सांस लें, ध्यान या मेडिटेशन करें। बिस्तर पर लेटे रहें, लेकिन अगर 20 मिनट में नींद न आए तो उठ जाएं और धीरे-धीरे कोई हल्की गतिविधि करें जैसे किताब पढ़ना या आरामदायक संगीत सुनना। मोबाइल या टीवी का उपयोग न करें क्योंकि ये नींद को पूरी तरह खत्म कर देते हैं।

     

    अच्छी नींद के लिए छोटे-छोटे उपाय

    अपने कमरे को साफ-सुथरा और आरामदायक बनाएं। सोने की सही पोजीशन अपनाएं और बिस्तर आरामदायक हो ताकि नींद में बाधा न आए। अगर 20 मिनट तक नींद न आए, तो बिस्तर से उठकर थोड़ा वॉक करें या हल्का संगीत सुनें। यह दिमाग को शांत करता है और नींद जल्दी आने में मदद करता है। अच्छी नींद हमारे शरीर और दिमाग के लिए ज़रूरी है। इसलिए अगर नींद में कोई दिक्कत हो तो उसे नजरअंदाज न करें और समय रहते जरूरी बदलाव करें। ऐसा करने से नींद फिर से सही समय पर और अच्छी आएगी।

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