Trump tarrifs in india ट्रंप को हुआ अहसास भारत पर दबाव डालना आसान नहीं, फैबियन का बड़ा बयान

भारत पर लगाए गए टैरिफ के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बदला रवैया चर्चा में है। पूर्व राजनयिक केपी फैबियन का कहना है कि ट्रंप को भारत की वास्तविक ताकत का अहसास हुआ है।

Trump tarrifs in india ट्रंप को हुआ अहसास भारत पर दबाव डालना आसान नहीं, फैबियन का बड़ा बयान

भारत और अमेरिका के रिश्तों में हाल ही में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ दिन पहले रूस से तेल आयात करने को लेकर भारत पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था। इसके बाद भारत पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। इस फैसले से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई।

लेकिन अब ट्रंप के व्यवहार में नरमी दिखाई दे रही है। भारत के पूर्व राजनयिक केपी फैबियन का कहना है कि ट्रंप को आखिरकार यह समझ आ गया है कि भारत पर दबाव डालने की रणनीति कारगर नहीं होगी।

 

ट्रंप को अपनी गलती का अहसास

पूर्व राजनयिक फैबियन ने कहा कि अमेरिका ने भारत पर बिना किसी ठोस आधार के टैरिफ लगाया था। ट्रंप उस समय भारत की आर्थिक क्षमता और आत्मनिर्भरता को कम आंक रहे थे। लेकिन हालात ने उन्हें यह एहसास दिला दिया कि भारत को टैरिफ के ज़रिए दबाया नहीं जा सकता।

हाल ही में ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें "महान नेता" बताया था। इसके जवाब में मोदी ने भी ट्रंप और दोनों देशों के रिश्तों को सकारात्मक बताया। फैबियन ने कहा कि यह राजनयिक औपचारिकता थी, लेकिन इससे यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि अमेरिका तुरंत अपने टैरिफ हटा लेगा।

 

भारत झुकेगा नहीं

फैबियन के मुताबिक भारत हमेशा रिश्तों और व्यापार के लिए खुला है, लेकिन एकतरफा फैसलों और दबाव की राजनीति को कभी स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत एक सभ्यतागत राष्ट्र है, जो सबके साथ दोस्ती और सहयोग चाहता है, लेकिन किसी तरह की तानाशाही नहीं मानेगा।

 

एससीओ बैठक के बाद ट्रंप का नरम रुख

6 सितंबर को राष्ट्रपति ट्रंप ने बयान दिया था—
"मैं हमेशा मोदी का दोस्त रहूंगा, वह महान प्रधानमंत्री हैं। हालांकि इस समय उनके कुछ फैसले मुझे पसंद नहीं आ रहे, लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। ऐसे उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।"

यह बयान उस समय आया जब प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लिया और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से गर्मजोशी भरी मुलाकात की।

मोदी ने भी ट्रंप के बयान पर प्रतिक्रिया दी और लिखा कि भारत-अमेरिका संबंध बेहद सकारात्मक, दूरदर्शी और रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं।

भारत पर अमेरिका ने अतिरिक्त टैरिफ क्यों लगाया?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से भारत के तेल आयात को लेकर नाराजगी जताई और इसके चलते भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया, जिससे कुल टैरिफ 50% हो गया।
टैरिफ लगाने से भारत पर क्या असर पड़ा?
इस फैसले से दोनों देशों के बीच रिश्तों में तनाव पैदा हुआ, लेकिन भारत ने दबाव के आगे झुकने के बजाय अपनी आत्मनिर्भर और मजबूत स्थिति को बनाए रखा।
पूर्व राजनयिक केपी फैबियन ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि ट्रंप को यह अहसास हो गया है कि भारत पर दबाव डालना संभव नहीं है। भारत रिश्तों के लिए खुला है, लेकिन तानाशाही रवैया स्वीकार नहीं करेगा।
क्या ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की है?
हां, ट्रंप ने हाल ही में मोदी को "महान नेता" बताया और भारत-अमेरिका रिश्तों को खास करार दिया। इसके जवाब में पीएम मोदी ने भी रिश्तों को सकारात्मक बताया।
एससीओ बैठक का इस बदलाव से क्या संबंध है?
एससीओ सम्मेलन में मोदी की पुतिन और जिनपिंग से मुलाकात के बाद ट्रंप का नरम रुख सामने आया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच उतार-चढ़ाव आते रहते हैं।
क्या अमेरिका जल्द ही टैरिफ हटा लेगा?
फैबियन का कहना है कि फिलहाल ऐसा नहीं लगता। भारत-अमेरिका रिश्तों में सुधार हो रहा है, लेकिन टैरिफ का मुद्दा अभी पूरी तरह सुलझा नहीं है।