उत्तर प्रदेश में एक बार फिर दबंगई की हदें पार हो गईं। एक रेलवे कर्मचारी के साथ जो कुछ हुआ है, वो देखकर किसी का भी खून खौल जाएगा। सिर्फ एक मिनट 16 सेकंड में 17 बार डंडे बरसाए गए। ये घटना दिखाती है कि हमारे समाज में गुंडागर्दी कितनी बढ़ गई है।
रास्ता घेरकर रेलवे कर्मचारी को पीटा जाना कोई मामूली बात नहीं है। ये एक सरकारी कर्मचारी के साथ हुई घटना है। अगर सरकारी काम करने वाले लोगों की ऐसी हालत है, तो आम आदमी की क्या हालत होगी?
घटना की पूरी कहानी क्या है
बात कुछ यूं हुई कि रेलवे कर्मचारी अपने काम से लौट रहा था। रास्ते में कुछ दबंगों ने उसका रास्ता रोका। पहले तो बात-चीत हुई, फिर अचानक मारपीट शुरू हो गई। वीडियो में साफ दिख रहा है कि कैसे उस बेचारे आदमी को घेरकर पीटा गया।
सबसे दुखद बात ये है कि आसपास कई लोग खड़े थे। लेकिन किसी ने मदद नहीं की। सब तमाशा देखते रहे। कुछ तो वीडियो बनाने में व्यस्त थे। इससे पता चलता है कि हमारी मानसिकता कितनी गिर गई है।
वीडियो में दिख रहा है पूरा मंजर
वीडियो देखकर दिल दहल जाता है। एक इंसान को इस तरह पीटा जा रहा है जैसे वो कोई जानवर हो। डंडे बरसाए गए हैं बेरहमी से। हर वार इतनी जोर से कि सुनने वाले का कलेजा मुंह को आ जाए।
वो रेलवे कर्मचारी गिड़गिड़ा रहा था। हाथ जोड़कर माफी मांग रहा था। लेकिन उन दबंगों के दिल में जरा भी दया नहीं आई। वे बस मारते रहे। एक मिनट 16 सेकंड तक लगातार मार पड़ती रही।
पुलिस की क्या भूमिका रही इस मामले में
अब सवाल ये उठता है कि पुलिस कहां थी? क्यों इतनी बड़ी घटना को रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी? यूपी में रेलवे कर्मचारी की सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है?
घटना के बाद पुलिस पहुंची। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। FIR दर्ज की गई है। कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। लेकिन क्या सिर्फ गिरफ्तारी से न्याय हो जाएगा?
पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि उसकी हालत स्थिर है। लेकिन मानसिक आघात तो जिंदगी भर रहेगा।
समाज में बढ़ती दबंगई और हिंसक रवैये की समस्या
ये घटना अकेली नहीं है। रोज कहीं न कहीं ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। लोग कानून को अपने हाथ में लेते हैं। न्याय व्यवस्था पर भरोसा नहीं करते। या फिर लगता है कि वे कानून से ऊपर हैं।
दबंगों ने रास्ता घेरकर जो किया, वो दिखाता है कि हमारे समाज में गुंडागर्दी कितनी बढ़ गई है। अब तो लगता है कि सड़कों पर चलना भी सुरक्षित नहीं रहा। खासकर सरकारी कर्मचारियों के साथ ऐसी घटनाएं चिंता की बात हैं। अगर वे सुरक्षित नहीं हैं, तो आम लोग कैसे सुरक्षित रह सकते हैं?
रेलवे विभाग की जिम्मेदारी क्या है
रेलवे विभाग को अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। सिर्फ काम करवाना काफी नहीं है। उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी होगी। रेलवे कर्मचारी को पीटा जाना रेलवे विभाग की नाकामी भी है। उन्हें ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे उनके कर्मचारी सुरक्षित रह सकें। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। पीड़ित कर्मचारी को हर तरह की मदद दी जाएगी। लेकिन ये घटना दोबारा न हो, इसकी गारंटी कौन देगा?
कानून व्यवस्था पर उठते सवाल
ये घटना कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है। क्या हमारी पुलिस व्यवस्था इतनी कमजोर है कि दिन-दहाड़े ऐसी घटनाएं हो जाती हैं? लोगों का कानून से डर खत्म हो गया है। वे समझते हैं कि कुछ भी कर लें, बच जाएंगे। इसीलिए तो 17 बार डंडे बरसाए गए और कोई डर नहीं लगा। सरकार को इस तरफ गंभीरता से ध्यान देना होगा। नहीं तो हर दिन ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। और मासूम लोगों को सजा भुगतनी पड़ेगी।
आगे क्या होगा इस मामले में
अब देखना ये है कि इस मामले में न्याय मिलता है या नहीं। क्या दोषियों को सजा मिलेगी? क्या पीड़ित को मुआवजा मिलेगा?
पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है। सभी दोषियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। लेकिन अक्सर ऐसे मामलों में शुरुआत में बड़ी-बड़ी बातें होती हैं। बाद में सब कुछ ठंडे बस्ते में चला जाता है।
इस UP News से एक बात साफ है कि हमारे समाज में बहुत कुछ सुधारने की जरूरत है। कानून व्यवस्था को मजबूत बनाना होगा। लोगों की मानसिकता बदलनी होगी। तभी ऐसी घटनाओं पर रोक लग सकती है।
उम्मीद है कि इस मामले में जल्दी न्याय मिले। और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। हर इंसान को सुरक्षित महसूस करने का हक है। चाहे वो कहीं भी काम करता हो।