Bihar Assembly Elections 2025 : जीतन राम मांझी ने जेपी नड्डा को सौंपी 15 सीटों की सूची, NDA में सीट बंटवारे का नया विवाद

Bihar Assembly Elections 2025 में सीट शेयरिंग को लेकर NDA में बढ़ा तनाव। जीतन राम मांझी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को 15 सीटों की मांग की सूची सौंपी है। 'हम' अपनी पुरानी सीटें छोड़ने को तैयार नहीं, जिससे गठबंधन में विवाद गहराया है।

Bihar Assembly Elections 2025 : जीतन राम मांझी ने जेपी नड्डा को सौंपी 15 सीटों की सूची, NDA में सीट बंटवारे का नया विवाद

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    बिहार की सियासत में नया मोड़: जीतन राम मांझी ने जेपी नड्डा को सौंपी 15 सीटों की मांग

     

    बिहार की राजनीति में सीट लेकर सियासी जंग, जीतन मांझी ने बीजेपी अध्यक्ष से जताई 15 सीटों की ज़िद

    चलिए थोड़ा पीछे चलते हैं। बिहार politics का रंग-रूप हर रोज़ बदल रहा है। हाल ही में जीतन राम मांझी ने अपनी पार्टी 'हम' के लिए 15 सीटों की मांग जेपी नड्डा के सामने रखी। सिर्फ मांग ही नहीं, बल्कि अपनी पुरानी जीत हुई सीटों को छोड़ने का मन कतई नहीं। थोड़ा और दबाव है बीजेपी पर। लोजपा (राजद) भी सीटों की लड़ाई में पीछे नहीं है। इसमें गया जिले की सीटों की लड़ाई खास चर्चित है।

     

    'हम' पार्टी की पुरानी जीत और नई मांगें, क्या NDA में दिखेगा सौहार्द?

    'हम' पार्टी का रुख साफ है - वे अपनी मेहनत की कमाई फिर से वापस चाहते हैं। सीटें छोड़ना नहीं चाहते। सवाल ये है कि सहमति बन पायेगी या नहीं? अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं। तेज़ हवा सी लागत में सियासी हलचल बढ़ रही है। गठबंधन कितना मजबूत है, ये सीटों के बंटवारे से साफ होगा।

     

    गठबंधन के भीतर सीटों को लेकर चल रही जद्दोजहद की कहानी

    NDA के अंदर सीट बंटवारे की बातचीत अभी जारी है, लेकिन समाधान दूर-दूर तक नहीं। 'हम' की मांगों के बीच लोजपा के नए दावे भी हैं। एक तरह से मामला उलझता जा रहा है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के लिए चुनौती है कि वे कैसे सबके बीच तालमेल बैठाएं। यह खेल बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम से भी जुड़ा हुआ है।

     

    विश्लेषकों की नजर में सीट बंटवारा NDA की ताकत और कमजोरी दोनों है

    राजनीतिक जानकार कहते हैं, “यहां ताकत भी है और कमजोरी भी।” पार्टियां अपनी-अपनी हिस्सेदारी के लिए चिंतित हैं, और यह जंग भाजपा के लिए भी चुनौती। पर फिलहाल टूटने के आसार कम हैं। समझदारी और बातचीत से ही गठबंधन को मज़बूती मिलेगी, जो चुनाव की जीत भी तय कर सकती है।

     

    जनता क्या सोचती है इस सियासी कशमकश को लेकर?

    बिहार की जनता सियासत के इस खेल को आंखें चौड़ी करके देख रही है। वे चाहते हैं कि पार्टियां एकजुट रहें, और विकास की बातें हों। चुनाव से पहले इस तरह की बैठकों में जो हड़कंप मचा है, जनता की उम्मीदों पर असर डाल सकता है। इसलिए नेताओं को समय पर समझदारी दिखानी होगी।

     

    नतीजा: सीट बंटवारा चुनौती, लेकिन गठबंधन की जीत का रास्ता भी

    बिहार politics में सीटों की यह जंग अभी खत्म नहीं हुई है। जीतन मांझी की मांगों ने इसे और पेचीदा बना दिया। लेकिन गठबंधन के लिए यही मौका है अपनी ताकत दिखाने का। आने वाले दिनों में परिस्थितियां साफ होंगी और बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की कहानी और भी रोचक बन जाएगी।