Bihar Election 2025 खगड़िया में कारी शोएब का विवादित बयान – तेजस्वी सीएम बने तो खत्म करेंगे वक्फ कानून, BJP ने कहा यही जंगलराज
बिहार की हवा में चुनावी रंग धीरे-धीरे और गाढ़ा होता जा रहा है। हर तरफ भाषण, भीड़ और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो। पर खगड़िया के परबत्ता में जो हुआ, उसने माहौल कुछ ज्यादा ही गरमा दिया। आरजेडी MLC कारी शोएब ने मंच से बोल दिया – “तेजस्वी यादव सीएम बने तो वक्फ कानून खत्म करेंगे।” बस, इतना कहना था कि जैसे पूरा मैदान हिल गया।
तेजस्वी यादव मंच पर थे, चेहरों पर पलभर की चुप्पी
यह बयान तब दिया गया जब मंच पर खुद तेजस्वी यादव मौजूद थे। लोग उम्मीद कर रहे थे कि वह तुरंत कुछ बोलेंगे, पर वे चुप रहे। सिर्फ मुस्कराए, गिलास से पानी पिया। उनके पीछे बैठे कुछ नेताओं ने तालियाँ बजाईं, तो कुछ वैसे चुप रहे जैसे हवा निकल गई हो। सभा में बैठे बूढ़े लोग आपस में कुजबुजाए – “ये क्या बोल गए अभी?”
करीब चार मिनट का यह भाषण अगले चौबीस घंटे में सोशल मीडिया पर बिहार की सबसे चर्चित खबर बन गया। ट्विटर (अब X) पर एक ट्रेंड चला – #वक्फकानून #कारीशोएब।
कारी शोएब बोले – वक्फ कानून मुसलमानों के खिलाफ
कारी शोएब ने कहा कि वक्फ बोर्ड का कानून सही नहीं है। “ये मुसलमानों की संपत्ति पर पकड़ रखता है, हम चाहते हैं तेजस्वी इसे खत्म करें।” कहते-कहते उन्होंने भीड़ की ओर देखा – कुछ ने ताली बजाई, कुछ ने सिर झुकाया। मैदान में सामने खड़े कुछ राजद कार्यकर्ता एक-दूसरे को देख रहे थे, जैसे पूछ रहे हों – “अब क्या होगा?”
सभास्थल पर मौजूद एक युवक ने बताया – “हमें उम्मीद थी कि नेता रोजगार, बिजली या उद्योग की बात करेंगे, ये तो धर्म का मुद्दा लेकर बैठ गए।”
बीजेपी ने साधा निशाना, कहा – यही जंगलराज की झलक है
भाजपा ने देर नहीं लगाई। बयान वायरल होते ही पार्टी के दफ्तर में माहौल गरम हो गया। प्रवक्ता निखिल आनंद बोले – “तेजस्वी यादव का मंच, उनका नेता, उनका बयान। और वो मौन हैं। यही अंतर बताता है कि जंगलराज लौट आया है।” उन्होंने कहा कि “आरजेडी के डीएनए में विवाद डालना ही राजनीति है।”
दिल्ली से भी प्रतिक्रिया आई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह बोले – “तेजस्वी पहले रोजगार की बात करते हैं और अब धार्मिक आग से वोट पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये खतरनाक है, बिहार के लिए भी और देश के लिए भी।”
राजद ने तुरंत सफाई दी, कहा – यह पार्टी की नीति नहीं
राजद की ओर से पार्टी प्रवक्ता शिवानंद तिवारी ने रात तक सफाई दी। बोले – “कारी शोएब का बयान पार्टी की नीतियों से मेल नहीं खाता। यह उनका व्यक्तिगत मत है।” लेकिन सवाल यहीं नहीं रुका। विपक्ष ने तुरंत पलटवार किया – “जब बयान उसी मंच से दिया गया जहां तेजस्वी बैठे थे, तो उसे निजी कैसे कहा जा सकता है?”
राजनीतिक जानकारों ने भी कहा कि यह डैमेज कंट्रोल से बड़ा मामला है। “तेजस्वी भले कुछ कहें या न कहें, लेकिन अब संदेश निकल चुका है,” एक सीनियर विश्लेषक ने कहा।
मंच पर माहौल बदला, भीड़ असहज दिखी
कारी शोएब जैसे-जैसे बोलते रहे, सभा का माहौल बदलता गया। पहले शोर, फिर खामोशी। कुछ लोगों ने मोबाइल कैमरा बंद कर दिया, क्योंकि अब तालियां बजाने का मन भी नहीं था। एक स्थानीय महिला ने कहा – "हम नौकरी की बात सुनने आए थे, कानून की नहीं।"
जब तेजस्वी यादव बाद में बोले, उन्होंने राज्य के विकास, शिक्षा और औद्योगिक योजनाओं की बातें कीं। लेकिन तब तक भीड़ की रुचि बिखर चुकी थी।
सोशल मीडिया पर बयान बना राजनीति का नया ईंधन
वीडियो वायरल हुआ तो अगली सुबह बिहार में हर न्यूज चैनल यही चलाने लगा। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी क्लिप घूम रही थी। कोई लिख रहा था – “तेजस्वी का असली चेहरा दिखा।” तो कोई कह रहा था – “करी शोएब सच बोल रहे हैं।” दूसरी ओर कुछ लोगों का मानना था कि चुनाव के इस मौसम में इस तरह के बयान तनाव भड़का सकते हैं।
राजद के लिए मुश्किल, भाजपा को मिला नया मौका
राजनीति के जानकारों का कहना है कि एक बयान ने आरजेडी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और भाजपा को नया मुद्दा दे दिया है। भाजपा इस वक्त हर सभा में इस बयान का जिक्र कर रही है। “हम ये बताएंगे कि तेजस्वी बिहार को कहां ले जाना चाहते हैं,” भाजपा के एक स्थानीय नेता बोले।
दूसरी ओर राजद ने खबर फैलने के बाद कारी शोएब को पार्टी अनुशासन समिति के सामने जवाब देने का नोटिस भेजने की तैयारी शुरू की है। हालांकि अब बयान के नुकसान का अंदाज़ा शायद हो चुका है।
जमीन पर जनता कह रही है – मुद्दे बदल रहे हैं
खगड़िया के लोगों से बात करें तो कहानी साफ दिखती है। किसान बोले – “हमें रोज़गार चाहिए, सिंचाई चाहिए, पर यहां धर्म और कानून की बात हो रही है।” एक युवक मुस्कुराया – “चुनाव से पहले बयानबाज़ी तो बढ़ेगी ही, पर जनता अब समझदार है।”
गांव के एक दुकानदार ने कहा – “जो नेता रोजगार देगा, उसे वोट मिलेगा। धर्म से हमारा पेट नहीं भरेगा।” यही बिहार की असली नब्ज है।
एक बयान, जिसने बिहार चुनाव की दिशा बदल दी
कारी शोएब का यह बयान अब सिर्फ भाषण भर नहीं रहा। यह बहस बन गया है। चाहे टीवी पर, सोशल मीडिया पर या गांव की चौपाल में – हर जगह यही चर्चा है। क्या तेजस्वी यादव वाकई इससे दूरी बना सकेंगे? या भाजपा इसे अपने चुनावी हथियार में तब्दील कर देगी?
फिलहाल इतना साफ है कि चुनावी मंच पर बोले गए कुछ शब्द कई बार इतिहास की कहानी बन जाते हैं। और आरजेडी MLC कारी शोएब के वो शब्द शायद बिहार चुनाव 2025 के अहम मोड़ की पटकथा लिख चुके हैं।


