मनिहारी विधानसभा चुनाव 2025: मनोहर सिंह की हैट्रिक और बीजेपी की बड़ी चुनौती
मनिहारी सीट पर हो रही है जबरदस्त सियासी लड़ाई, इतिहास के पन्ने पलटने का सवाल
मनिहारी विधानसभा सीट का नाम सुनते ही राजनीति का रंग चढ़ जाता है। 11 नवंबर को यहां चुनाव है। अब तक मनोहर सिंह ने तीन बार जीत दर्ज कर हैट्रिक लगाई है। बड़ी बात ये है कि बीजेपी ने यहां कभी जीत नहीं पाई। सवाल उठता है, क्या इस बार बीजेपी पुराने रिकॉर्ड को तोड़ पाएगी? मज़ा तो यहाँ होने वाला है।
मनिहारी के लोगों की जुबां पर है विकास और बदलाव का गीत
इसी इलाके में, गांव और शहर के लोग मिले-जुले रहते हैं। बात करें तो यह लोग कितने जागरूक हैं। सड़क, बिजली, स्कूल—हर मुद्दा उनके लिए अहम है। मनोहर सिंह ने भी इन्हीं बातों पर काम किया है, इसलिए उनका दबदबा है। अब बीजेपी भी जोर लगाकर पूरे मसलों को पकड़ने की कोशिश कर रही है। कहानी अभी आगे बढ़नी बाकी है।
मनोहर सिंह की लगातार जीत की वजह क्या है? जनता क्या सोचती है?
तीन बार जीतना कोई आसान काम नहीं, ये मनोहर सिंह जानते हैं। उन्होंने जनता के बीच जाकर उनकी बात सुनी, उनकी समस्याएं समझीं। और काम भी किया। लेकिन इस बार माहौल थोड़ा अलग है। जनता भी सोच रही है कि नया क्या होगा? फिर भी, उनका नाम किसी ने कम नहीं किया।
बीजेपी की तैयारी और चुनाव की नई रणनीति
बीजेपी इस बार पीछे हटने वाली नहीं है। वे भी जबरदस्त कमर कस चुके हैं। पुराने अनुभव से सीख लेकर ज्यादा दांव-पेच कर रहे हैं। उनके उम्मीदवार नई सोच और जोश के साथ उतरे हैं। प्रचार-प्रसार जोर-शोर से हो रहा है। हर नुक्कड़ पर उनके कार्यकर्ता मिलेंगे। मुकाबला सख्त होगा, कोई अपनी जगह छोड़ना नहीं चाहता।
मतदाता क्या चाहता है? युवा और महिलाएं खास भूमिका निभा रहे हैं
मतदाता इस बार थोड़े सचेत दिखाई दे रहे हैं। युवा और महिलाएं चुनावी प्रक्रिया में ज्यादा हिस्सा ले रही हैं। वे चाहते हैं कि उनके वोट का सही इस्तेमाल हो। वादों की नहीं, काम की सोच हो। सबको एक बेहतर जिंदगी चाहिए। यही वजह है कि हर प्रत्याशी इन्हीं उम्मीदों को लेकर मैदान में आया है।
सियासी जंग में दोनों दलों की टक्कर से बढ़ी चुनावी गर्माहट
मनोहर सिंह और बीजेपी दोनों ने अपने-अपने छोर से जमीनी लड़ाई तेज़ कर दी है। उनके समर्थक चुनावी मुद्दों को घर-घर तक पहुंचा रहे हैं। नए-नए वादे हो रहे, जनता से जुड़ने के सारे तरीके अपनाए जा रहे हैं। यहाँ पर हर पल खबर बनती है, हर घड़ी बदलाव का मंजर दिखता है।
मतदान का दिन नज़दीक, राजनीति की गहमागहमी चरम पर
जैसे-जैसे 11 नवंबर का दिन पास आता है, मनिहारी में इंतजार बढ़ता जा रहा है। प्रत्याशी आखिरी मेहनत कर रहे हैं। लोग उत्साहित और थोड़े नर्वस भी हैं। सोशल मीडिया से लेकर गांव की चौपाल तक दोनों पार्टियों की चर्चा चल रही है। सब चाहते हैं कि उनकी पसंद वाले ही विजेता हों।
क्या इस बार मनिहारी का चुनावी इतिहास बदलेगा?
मनिहारी विधानसभा सीट का इतिहास मनोहर सिंह के नाम दर्ज है। मगर बीजेपी की चुनौती इस बार नए अंदाज़ में सामने है। जनता क्या कहेगी, कौन जागेगा और जीत का झंडा फहरेगा, ये चुनावी दिन ही बताएगा। सवाल ही बड़ा है क्या इतिहास बदलेगा या वही पुरानी कहानी लाइ गई?