NDA alliance in Bihar : सीटों की जंग, दावों का संघर्ष और आगामी चुनाव का नया खेला

एनडीए अलायंस इन बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर संघर्ष नए दौर में प्रवेश कर गया है। भाजपा, जदयू और लोजपा के बीच हो रही सत्ता की जंग ने आगामी विधानसभा चुनाव की राजनीति को और पेचीदा बना दिया है। इस नई रणनीति और दावों के बीच भविष्य का राजनैतिक खेला बेहद रोचक होने वाला है।

NDA alliance in Bihar : सीटों की जंग, दावों का संघर्ष और आगामी चुनाव का नया खेला

बिहार राजनीति का नया 'खेला': चिराग के दावों पर नीतीश का जवाब और एनडीए की आखिरी लड़ाई

 

बिहार में एनडीए गठबंधन की सीट बंटवारे की जंग और देरी का सच

बिहार की राजनीति इन दिनों सियासी रंगमंच की सबसे उलझी कहानी की तरह दिख रही है। एनडीए के बीच सीट बंटवारे को लेकर खींचतान चल रही है, और गठबंधन की अंतिम रणनीति जैसे कागज पर अटक गई हो। भाजपा ने अपने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची तो जारी कर दी, पर जदयू के नेता अब भी अपनी दावेदारी को लेकर उलझन में हैं। मंदिर जैसा गठबंधन, पर दीवारों के अंदर दरारें साफ नजर आ रही हैं।

 

चिराग पासवान के दावे और नीतीश कुमार की जेब में सिंबल की चुनौती

चिराग पासवान ने कई बार दावा किया कि उनकी पार्टी को उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। पर नीतीश कुमार ने साफ संकेत दिया कि सीटें बांटने का फैसला उनकी मर्ज़ी से होगा। असल में, नीतीश चाहते हैं कि उनकी पार्टी को अधिक सीटें मिलें क्योंकि वे बिहार की राजनीति के पुराने खिलाड़ी हैं। कहावत है न, "जब तलवार चुन्नी से टकराए तो जंग तय होती है," यहीं हुआ है ठीक-ठीक।

 

सामना हुआ गठबंधन के भीतर विवाद का

एनडीए का गठबंधन मानो एक नाव की तरह है जिसमें तीन चप्पू हैं—भाजपा, जदयू और लोजपा। लेकिन हर किसी की दिशा अलग-अलग होने लगी। भाजपा ने तो अपने 71 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए, पर जदयू और लोजपा के बीच सीटों पर अंतर विवाद बढ़ा। खास बात यह कि लोजपा ने जदयू की परंपरागत सीटों पर दावे करने शुरू कर दिए, जिससे तालमेल की उम्मीदें खतरे में पड़ गईं। ये सब मंथन जैसे हाथ में आग लेकर दौड़ रहे हों।

 

भाजपा की घोषणा और जदयू के अजीब खामोशी के बीच तनाव

भाजपा की घोषणा के बाद जदयू समर्थक सोच में पड़ गए। कई जदयू उम्मीदवार बगैर किसी अंतिम सूची के नामांकन कर रहे हैं। किसी को उम्मीद थी कि गठबंधन जल्द ही साझा सूची लेकर आएगा, पर सब कुछ अटक गया। जैसे कोई इंतजार में हो पर समय तेज़ी से निकलता जा रहा हो। ये सब राजनीतिक खेल की बिसात पर अब तक की सबसे बड़ी मारपीट की शुरुआत लग रही है।

 

लोजपा के दावे और नीतीश की हरकतें

चिराग पासवान की लोजपा ने जदयू की सीटों पर जोर दिया, जो नीतीश कुमार के लिए बिल्कुल सहनशील नहीं है। ये कोई मामूली मामला नहीं। समझिए, ये तीखा मसाला है जो गठबंधन के सारे पकवान में डाल दिया गया हो। नीतीश की स्थिति कड़क है, उनकी नजरें स्थिर हैं, और चिराग के दांवों को वो झेलने को तैयार नहीं।

 

बिहार के राजनीतिक दंगल में एनडीए की आखिरी लड़ाई

सियासी गलियारों में गहमागहमी है। एनडीए के तीनों खेलाड़ी अपनी-अपनी ताकत दिखा रहे हैं। बिहार की 243 सीटों पर ये जोर-आजमाइश होगी कि कौन कितना चलता है। भाजपा और जदयू लगभग 101-101 सीटों का दावा कर रहे हैं, बाकी सीटें सहयोगी दलों के हिस्से में हैं। पर पहली बार रायथान कुछ ज्यादा ही उलझी है।

 

अंतिम फैसला और बिहार का 'खेला' कैसा होगा?

चुनाव का वक्त नजदीक है और बिहार में राजनीति गर्म हो रही है। जो लोग कहते थे कि एनडीए में सबकुछ ठीक है, उनकी हवा निकलती दिख रही है। चिराग पासवान ने दावा करना छोड़ दिया, नीतीश ने सिंबल बांटकर अपना संदेश भी दे दिया। अब देखना है ये खेल कैसे चलता है।

मुश्किल वक्त है। जोश भी है। दीवाली से पहले ये 'खेला' और भी रोचक होगा। बिहार की जनता बड़े ध्यान से देख रही है कि किसका बल्ला चलता है—चिराग का दावा या नीतीश का सिंबल।