पटना से दरभंगा तक प्रधानमंत्री मोदी की रैली यात्रा, चार दिन में 12 सभाओं से गरमाएगा बिहार चुनावी मैदान

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की रैली यात्रा ने माहौल गरमा दिया है। चार दिनों में प्रधानमंत्री मोदी की रैली यात्रा के तहत पटना, गया, दरभंगा, चंपारण और अररिया समेत 12 जिलों में वे मतदाताओं से सीधे संवाद करेंगे। भाजपा इसे बिहार में जीत का सबसे बड़ा अभियान मान रही है, जिसकी तैयारी जोरों पर है।

पटना से दरभंगा तक प्रधानमंत्री मोदी की रैली यात्रा, चार दिन में 12 सभाओं से गरमाएगा बिहार चुनावी मैदान

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    पटना से दरभंगा तक प्रधानमंत्री मोदी की रैली यात्रा, चार दिन में 12 सभाएं – बिहार में जोर पकड़ता चुनावी माहौल

     

    पटना: बिहार की राजनीति अब गरम हो चुकी है। हर सड़क, हर नुक्कड़ पर चुनाव की चर्चा। और अब मैदान में उतरने वाले हैं खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। हाँ, वही मोदी जिनकी रैलियां हमेशा बड़ी भीड़, बड़ा संदेश और बड़ा असर छोड़ जाती हैं।

    23 अक्टूबर से मोदी का बिहार टूर शुरू होगा। बस चार दिन। पर इन चार दिनों में 12 बड़ी रैलियां। गया से लेकर दरभंगा, चंपारण से लेकर अररिया तक — बिहार की हवा अब मोदीमय होने जा रही है।

     

    तैयार बिहार, मोदी के स्वागत में जोश

    मतदान में अब 20 दिन से भी कम हैं। हर पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है। पटना में पोस्टर लगे हैं, बैनर फहर रहे हैं, और चौक-चौराहों पर एक ही बात – “मोदी कब आ रहे हैं?” बीजेपी के कार्यकर्ता दिनों से तैयारी में हैं। लोगों के चेहरों पर चमक साफ दिखती है। यह महज़ एक राजनीतिक दौरा नहीं, बल्कि चुनावी उत्सव बन गया है।

     

    पटना से शुरू, फिर गया का जमघट

    पहली रैली पटना में होगी। यहाँ का माहौल अब पूरी तरह बिजली सा गूंज रहा है। सुरक्षा टीम तैनात है, मंच तैयार हो चुका है, और भीड़ जुटाने का सिलसिला जारी है। अगले दिन मोदी जाएंगे गया – यह जगह हमेशा से मोदी के लिए खास रही है। यहां वो विकास और बोधगया की पहचान, दोनों की बात करेंगे। कहा जा रहा है कि मोदी इस रैली में युवाओं और किसानों पर सीधी बात रख सकते हैं।

     

    दरभंगा और मिथिला का जोश

    दरभंगा में मोदी की रैली को लेकर उत्साह कुछ ज़्यादा ही है। मिथिलांचल के लोगों के बीच यह चर्चा चल रही कि “मोदी आएंगे तो कुछ वादा करेंगे ज़रूर।” यहां पर मंच तैयार है, भीड़ जुट रही है। स्थानीय लोग कह रहे हैं – “हर बार मोदी कुछ बड़ा कहते हैं, इस बार क्या बोलेंगे?” शायद रोजगार, शायद शिक्षा। हर कोई सुनने को तैयार है।

     

    मुजफ्फरपुर से पश्चिमी चंपारण तक

    25 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर से लेकर पश्चिमी चंपारण तक मोदी की रैलियां होंगी। यह इलाका बीजेपी का पुराना किला माना जाता है। यहां के मैदानों में मंच बन चुके हैं और रास्तों पर झंडे लहरा रहे हैं। किसी बूढ़े समर्थक ने कहा, “मोदी आएंगे तो माहौल बदल जाएगा।” यह उस उम्मीद की झलक है जो इन इलाकों में अब भी जीवित है।

     

    पूर्वी चंपारण, समस्तीपुर और छपरा में रफ्तार

    इन तीनों जिलों में मोदी की सभाएं साथ-साथ होंगी। लोगों में चर्चा – “इस बार पीएम खुद मैदान में हैं, तो एनडीए को नई ताकत मिलेगी।” समस्तीपुर की रैली में युवाओं के लिए विशेष घोषणाओं की उम्मीद लगाई जा रही है। वहीं छपरा में बीजेपी के कद्दावर नेताओं के साथ साझा मंच की तैयारी चल रही है। मोदी के भाषणों की रिकॉर्डिंग पहले से ट्रेंड कर रही है, सोशल मीडिया पर क्लिप शेयर हो रहे हैं।

     

    अररिया में समापन, सीमांचल पर नज़र

    चार दिन की इस यात्रा की आखिरी रैली अररिया में होगी। सीमांचल का इलाका संवेदनशील भी है और राजनीतिक रूप से बेहद खास भी। मोदी यहां एकता और विकास की बात करेंगे। उम्मीद यही कि इस रैली के बाद बीजेपी को सीमांचल में बड़ी बढ़त मिल सकती है। स्थानीय होटल, सड़कें, और बाजार अब सिर्फ एक शब्द में बात करते हैं – “मोदी आ रहे हैं।”

     

    बीजेपी का मिशन – बिहार में पकड़ मजबूत बनाना

    भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री की यह रैलियां केवल प्रचार नहीं हैं। यह संदेश हैं कि पार्टी पूरे जोश में है। गृह मंत्री अमित शाह पहले ही कई जिलों में सभाएं कर चुके हैं। अब मोदी की मौजूदगी से एनडीए के कार्यकर्ताओं में नई जान आ गई है। लोगों की भीड़ इसका सबूत है – जो हर सभा स्थल की सीमाएं पार कर रही है।

     

    जनता का मूड और राजनीतिक माहौल

    लोगों से जब पूछा गया कि क्या सोच रहे हैं? एक युवक ने जवाब दिया — “मोदी बोलेंगे तो कुछ नया सुनने को मिलेगा।” यह साधारण जवाब नहीं था। वह उस उत्साह का प्रतीक है जो बिहार की गलियों में बह रहा है। राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि यह दौरा निर्णायक होगा। क्योंकि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता और विपक्ष की रणनीति – दोनों यहां टकराने वाले हैं।

     

    अंत में: चुनावी हवा अब चल पड़ी है

    पटना से दरभंगा तक, गया से समस्तीपुर तक... हर तरफ एक ही तैयारी, एक ही चर्चा – मोदी की रैलियां। बिहार की राजनीति ने अब असली रंग पकड़ लिया है। चार दिन, बारह मंच, लाखों लोग और एक उद्देश्य – बिहार में फिर बीजेपी की जीत की गूंज। अब देखना है, क्या यह रैलियां बीजेपी के सपनों को सच कर पाएंगी?