अब साबिर अली की वापसी : अमौर विधानसभा सीट पर JDU का नया टिकट ड्रामा

साबिर अली की वापसी ने राजनीतिक गलियारों को हल्का सा तहलका मचा दिया है। 11 साल बाद जदयू में वापस आने वाले साबिर अली को अमौर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। यह एक बड़ा राजनीतिक फैसला है जो बिहार चुनाव 2025 के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।

अब साबिर अली की वापसी : अमौर विधानसभा सीट पर JDU का नया टिकट ड्रामा

JDU में अमौर सीट का टिकट ड्रामा: सबा जफर और साबिर अली के बीच चुनावी जंग

 

यह है अमौर सीट की टिकट कहानी, जिसमें जदयू ने बनाया ड्रामा

अमौर विधानसभा सीट के टिकट पर जदयू का चुनावी ड्रामा कोई आम बात नहीं है। पहले सबा जफर का नाम आया, फिर अचानक टिकिट काट कर साबिर अली को दिया गया। ये सब घूसपैठ की कहानी नहीं, बल्कि पार्टी के अंदर की राजनीति है, जो अब मीडिया तक पहुंच रही है।

 

साबिर अली की पार्टी में वापसी और उनका भाजपा विरोधी स्टैंड

साबिर अली, जिन्हें 2014 में नोडी प्रशंसा के कारण सस्पेंड किया गया था, अब वापसी कर अमौर सीट पर जदयू के उम्मीदवार बने। यह वापसी काफी चर्चा में रही। उनकी वापसी ने पार्टी नेताओं की रणनीतियों में गड़बड़ी दिखा दी है।

 

नाराज साबा जफर ने भी किया बयान, राजनीति में सस्पेंस का मेला लगा

सबा जफर, जो पुराने प्रत्याशी हैं, इस बदलाव से खफा दिखे। उन्होंने भी अपना पक्ष रखा और समर्थन जुटाया। पार्टी के अंदर ये लड़ाई अब केवल सीट से आगे बढ़कर शक्ति संघर्ष बन गई है।

 

सियासी माहौल में चल रहे विवाद ने बनाया चुनावी परिदृश्य पचीदा

जहां जदयू ने टिकट लेकर खेल खेला, वहीं विपक्ष ने इस मौके को भुनाने की कोशिश की। यह सीट खास बन गई है क्योंकि यहां की लड़ाई में जनता की नज़रों में जदयू की छवि भी तय होगी। राजनीतिक गलियारों में इस चर्चा ने नई जान डाल दी है।

 

अंत में, अमौर की ये सियासत चुनाव के रंग को और भी तेज बनाएगी

जदयू के इस टिकट विवाद से अमौर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में इबारत लिखी जा रही है। साबिर और सबा की टक्कर इस क्षेत्र के मतदाताओं के लिए बड़ा सवाल बन गई है। आने वाले दिनों में यही देखना होगा कि जनता किसे चुनती है, और सीट का असली बादशाह कौन बनता है।