संजय झा बोले – बिहार की जनता विकास के लिए वोट देगी, सरकार की योजनाएं ही असली मुद्दा
शाम ढल रही थी। पटना के राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज हो गई थी। चुनाव तारीखों का ऐलान हुआ तो हर तरफ एक ही बात थी — अब मुकाबला औपचारिक हो गया। संजय झा ने मुस्कुराते हुए कहा, “ये वक्त बिहार के फैसले का है।” शब्द साधे‑सधे थे पर भावनाओं से भरे। उन्होंने कहा, जनता अब भी विकास पर भरोसा करती है और वही वोट से बोलेगी।
बिहार के भविष्य की दिशा तय करेगा ये चुनाव
थोड़ा रुके, फिर बोले — “ये चुनाव सामान्य नहीं है। ये बिहार के आने वाले दस साल तय करेगा।” संजय झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाएं पहले से ही लोगों की जिंदगी बदल रही हैं। “लोगों के घरों में बिजली है, सड़कों पर रोशनी है, अब दिखता है विकास,” उन्होंने कहा। उनकी आवाज़ में आत्मविश्वास था, जैसे वह जनता के मन की बात जानते हों।
जनता योजनाओं के जारी रहने के लिए वोट देगी
थोड़ी देर की खामोशी के बाद संजय झा बोले, “बिहार की जनता समझदार है। वो जानती है कि जो काम शुरू हुआ है, उसे वहीं नहीं रुकने देना चाहिए।” उन्होंने कहा कि लोग अब स्थिरता चाहते हैं, बदलाव नहीं। उनके मुताबिक, मुफ्त बिजली योजना, स्वावलंबन समूह, और उद्योग विकास ने आम लोगों के बीच भरोसा बनाया है। वोट इस बार उम्मीद के लिए पड़ेगा।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता पर बोले संजय झा
बात बदलते हुए उन्होंने कहा, “महिलाओं ने बिहार की अर्थव्यवस्था को नई ताकत दी है।” गांव की महिलाएं अब छोटे कारोबार चला रही हैं। संजय झा के अनुसार, यह सिर्फ योजना नहीं, एक आंदोलन जैसा है। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों की महिलाएं आज बैंक से लोन लेकर अपना काम शुरू कर रही हैं। “अब उन्हें किसी पर भरोसा नहीं, बस खुद पर,” वे हंसे और बोले।
युवाओं की उम्मीदों को दिखा नया रास्ता
उनके चेहरे पर सुकून था। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव रोजगार के नाम पर लड़ा जाएगा, लेकिन वादों पर नहीं – हकीकत पर। “युवा अब जानते हैं कि रोजगार सिर्फ भाषणों से नहीं आता। सरकार ने जो अवसर दिए हैं, वे नजर भी आते हैं,” संजय झा ने कहा।
विपक्ष पर तंज, जनता से अपील
एक सवाल पर उन्होंने चुटकी ली – “विपक्ष वादे करता है, हम काम करते हैं।” कमरे में सब मुस्कुराए। संजय झा ने कहा कि विपक्ष सिर्फ पोस्टर और नारेबाज़ी में व्यस्त है, लेकिन जनता देख रही है कि असल काम कौन कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि जनता हर बार भावनाओं से नहीं, परिणामों से प्रभावित होती है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि बिहार को ऐसी सरकार की जरूरत है जो फैसले ले, बहाने न बनाए। “नीतीश कुमार ने जो किया, वह न किसी चमत्कार से कम है न किसी नारे से।” संजय झा ने कहा कि गांव‑गांव सड़कें बनीं, बच्चों के स्कूल खुले और हर घर में रोशनी आई। “अब सिर्फ रहने नहीं, आगे बढ़ने का वक्त है,” उन्होंने कहा।
जनता का भरोसा ही सबसे बड़ी पूंजी
थोड़ी देर सोचकर संजय झा बोले, “हमारे पास सबसे बड़ी ताकत जनता का भरोसा है।” उन्होंने कहा कि लोग अब विश्वास करते हैं कि बिहार बदल गया है। उन्होंने कहा, “हम जनता से कुछ मांग नहीं रहे, बस यही चाहते हैं कि विकास जारी रहे।”
नए चेहरों और ऊर्जा के साथ मैदान में पार्टी
कहा कि जदयू इस बार युवाओं और महिलाओं पर ज्यादा भरोसा कर रही है। “हर ब्लॉक में पार्टी के नए चेहरे मेहनत कर रहे हैं। अब बिहार में राजनीति एक बदलाव के इंतजार में है।” संजय झा ने कहा कि उद्यमिता, शिक्षा और ऊर्जा – यही नया चुनावी रास्ता होगा।
जनता ने मन बना लिया है
सबसे आखिर में उन्होंने कहा, “अब जनता सोच चुकी है। बिहार में इस बार वोट सिर्फ सरकार के नहीं, विकास के नाम पर पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की योजनाओं को जनता अब अपना मानती है। “हमने बीज बोया था, अब लोग खुद पानी दे रहे हैं।” उनकी मुस्कान में भरोसा झलक रहा था।
अंत में
पटना की ठंडी हवा में संजय झा के शब्द देर तक गूंजते रहे – “यह चुनाव उम्मीद का है, डर का नहीं।” उन्होंने माना कि बिहार ने चुनौतियाँ देखी हैं, पर अब वो पीछे नहीं जाएगा। जनता फैसला कर चुकी है – विकास रुकेगा नहीं।